वायु सेना को मिलने वाली है बेहद घातक मिसाइल 

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। पाकिस्तान से तनाव के बीच वायु सेना को बेहद घातक मिसाइल मिलनी वाली है। ये घर में रहकर ही दुश्मन को तबाह कर देगी। नए अस्त्र का निशाना इतना सटीक होगा कि इसके प्रहार से दुश्मन कहीं भी छिपा हो बच नहीं पाएगा। भारतीय सेना जल्द ही अपने राफेल लड़ाकू विमानों में ब्रह्मोस एनजी यानी नेक्ट जनरेशन मिसाइल लगाने की तैयारी कर रही है। राफेल में लगते ही ब्रह्मोस बेहद खतरनाक बन जाएगी। ऊंचाई से जब सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को दागा जाएगा तो पलभर में दुश्मन देश के ठिकाने तबाह हो जाएंगे। 290 किलोमीटर मारक क्षमता और 4170 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से यह मिसाइल दुश्मन के ठिकानों को सटीक निशाना बनाएगी। डिसाल्ट एविएशन ने इस एकीकरण को मंजूरी दे दी है। जिससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा। पाकिस्तान पहले से ही भारत के राफेल बेड़े से चिंतित था। अब जब इन अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों में ब्रह्मोस-एनजी जैसी घातक मिसाइल लगेगी, तो उसकी टेरर-सपोर्टिंग रणनीति पर बड़ा असर पड़ेगा। भारत की वायुसीमा दुश्मन की घुसपैठ की किसी भी कोशिश का जवाब तेजी, सटीक और घातक तरीके से देगी। बता दें कि राफेल पहले से ही पाकिस्तान के जेएफ-17 जैसे विमानों से कई गुना ज्यादा सक्षम है। ब्रह्मोस एनजी जुड़ने के बाद वह एक स्ट्रैटेजिक स्ट्राइक प्लेटफॉर्म बन जाएगा। यह मिसाइलें बिना सीमा लांघे पाकिस्तान के किसी भी सैन्य ठिकाने, कमांड सेंटर या आतंकवादी लॉन्चपैड को पलभर में निशाना बना सकती है। इस मिसाइल का पहला परीक्षण 2026 में होगा। इसका निर्माण उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बन रहे ब्रह्मोस प्रोडक्शन सेंटर में किया जाएगा। यह केंद्र भारत के मिसाइल उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा। ब्रह्मोस-एनजी, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का हल्का और उन्नत वर्जन है। जिसे खासतौर पर आधुनिक फाइटर जेट्स और मोबाइल प्लेटफॉर्म्स से लॉन्च करने के लिए विकसित किया जा रहा है। ब्रह्मोस एनजी विशेषताओं से भरी है। यह ध्वनि की साढ़े तीन गुना गति यानी 4170 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से वार करती है। यह दुश्मन के रडार और डिफेंस सिस्टम को चकमा देकर हमला करने में सक्षम है। वहीं इसका रेंज 290 किलोमीटर है। इसका वजन लगभग 1.5 टन है। जो मूल ब्रह्मोस मिसाइल से लगभग 50 प्रतिशत कम है। ऐसे में इसे तेजस एमके1 ए, मिराज-2000, सुखोई-30 एमकेआई जैसे फाइटर जेट्स से आसानी से दागा जा सकता है। ब्रह्मोस एनजी की स्ट्राइक एक्यूरेसी सेमी-एक्टिव लेजर नेविगेशन सिस्टम पर आधारित है। यह इसे उच्च क्षमता वाला हथियार बनाता है। इसका डिजाइन स्टील्थ कैरेक्टरिस्टिक्स के अनुसार तैयार किया गया है। एक फाइटर जेट पर दो मिसाइलें एक साथ ले जाई जा सकती हैं। जिससे एक ही बार में दो अलग-अलग टारगेट्स पर हमला किया जा सकता है। सेना, वायुसेना और नौसेना तीनों के लिए यह उपयुक्त है, यानी यह मिसाइल एयर-लॉन्च, लैंड-बेस्ड और शिप-बेस्ड वर्जन में उपलब्ध होगी।