बेवफाई की कीमत चुकाते पति

जनप्रवाद ब्यूरो नई दिल्ली। वैवाहिक संस्था में प्यार, विश्वास इसलिए जरूरी हैं क्योंकि ये न केवल रिश्तों को मजबूती देते है बल्कि एक दूसरे के प्रति समर्पित जीवन जीने की प्रेरणा भी देते हैं। जब यही प्रेम के धागे विश्वासघात, साजिश और हत्या के जाल में उलझ जाएं तो समाज का ताना-बाना हिल जाता है। हाल के महीनों भारत के अलग-अलग हिस्सों से कई ऐसी दिल दहलाने वाली कहानियां सामने आई हैं, जहां पत्नियों को ही अपने पतियों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया। ऐसी ही खतरनाक कहानी इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में देखी गई। 
तीसरे की एंट्री हो रही खतरनाक


मेरठ की मुस्कान हो या इंदौर की सोनम केवल ये नाम ही चर्चा में नहीं हैं। बल्कि ऐसी कई पत्नियां अक्सर मीडिया में सुर्खियां बटोर रहीं हैं जिन्होंने अपने प्यार और यार की सनक में खुद अपने मांग का सिंदूर मिटा दिया। इतना ही नहीं प्यार के खातिर बेगुनाह पति की बलि की चढ़ाकर खुद जेल की सलाखों के पीछे चली गर्इं। पत्नी के नए या पुराने प्यार का खामियाजा बेगुनाह पतियों को अपनी जान देकर उठाना पड़ा, जो उनके इश्क से अंजान थे।  ऐसे अनगिनत मामले हैं, जहां पत्नियों के प्यार के चक्कर में पति अपनी जान गंवा बैठे। क्राइम डेटा और रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले पांच सालों में देश के पांच राज्यों में कुल 800 से ज्यादा पतियों ने पतियों की हत्या करा दी। इन राज्यों में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और महाराष्ट्र शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि ऐसे मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। ये आंकड़े ऐसी सच्चाई बयां कर रहे जो समाज के लिए घातक है। ये मामले न केवल इंसानी रिश्तों में छिपे विश्वासघात और भावनाओं की जटिल कहानी बयां करते हैं बल्कि मानवीय भावनाओं, सामाजिक दबावों और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं की त्रासद कहानियां लिख रहे हैं।
हत्या का कारण बनते प्रेम संबंध


राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2022 में आई रिपोर्ट दर्दनाक कहानी बयां कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में होने वाली हत्याओं में प्रेम-संबंध तीसरा सबसे बड़ा कारण बनकर उभरे हैं। रिसर्च में पता चला है कि भारत में हर साल लगभग 275 पति अपनी पत्नियों की बेवफाई की कीमत चुका रहे हैं। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल द लैंसेट में छपी रिपोर्ट की मातें तो भारत में महिलाओं से जुड़ीं 60 प्रतिशत हत्याएं उनके वर्तमान या पूर्व साथी द्वारा की जाती हैं। देश में 10 में से एक हत्या प्रेमी, पति या पत्नी द्वारा की जाती है। 2010 से 2014 तक प्रेम संबंधों और रिश्तों से जुड़ी हत्याओं का अनुपात 6 और 7 प्रतिशत के बीच था। इसके बाद यह बढ़ता चला गया। 2015 से 2022 के बीच बढ़कर यह 10 प्रतिशत हो गया। वहीं 2023 में यह 11 प्रतिशत के बीच हो गया। 
राजा रघुवंशी हत्याकांड


जून महीने में इंदौर का राजा रघुवंशी मर्डर केस काफी सुर्खियों में रहा। राजा की पत्नी सोनम उसे हनीमून ट्रिप पर ले गई। वहां राजा की हत्या करवा दी। सोनम के मंसूबों को उसके आशिक राज ने अंजाम तक पहुंचाया। इंदौर में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करने वाले राजा रघुवंशी की शादी 11 मई को सोनम के साथ धूमधाम से हुई। 20 मई को दोनों हनीमून के लिए रवाना हुए। कपल इंदौर से पहले गुवाहाटी पहुंचा और कामाख्या माता के दर्शन किए। इसकी फोटो राजा ने सोशल मीडिया पर साझा भी किया। इसके बाद राजा और सोनम 23 मई को मेघालय के शिलांग के लिए रवाना हुए। 
23 मई को हुई हत्या 
आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया 23 मई की दोपहर 1.30 बजे राजा की हत्या की गई। 23 मई को सोनम ने अपरा एकादशी व्रत किया था। यह बात उसने फोन पर अपनी सास को भी बताई थी। मान्यता है कि यह व्रत पापों से मुक्ति और मनोकामना पूर्ण करने के लिए किया जाता है, लेकिन सोनम ने इसी दिन हत्या को अंजाम दिया। 24 मई को दोनों के मोबाइल नंबर बंद हो गए। काफी इंतजार और प्रयास के बाद भी जब दोनों का परिवार वालों का संपर्क नहीं हो सका तो चिंताएं बढ़ने लगी। मीडिया में खबरें आने लगेी कि एक कपल मेझालय से लापता हो गया है। इस कापल की तलाश के लिए इंदौर से सोनम के भाई गोविंद और राजा के भाई विपिन शिलांग पहुंचे।
खोजने में लगी टीमें
25 मई के बाद से शिलांग पुलिस और अन्य टीमें राजा और सोनम की खोज में जुटी रहीं। बारिश भूस्खलन, पहाड़ी, चट्टान और जंगली इलाका होने के कारण टीम को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। 

दो जून को घटना में आया अहम मोड़


आखिरकार दो जून को सर्च टीम को बड़ी सफलता मिली। वेइसाडोंग की 150 फीट गहरी खाई में राजा का शव पाया गया। शव के पास ही सफेद रंग की टीशर्ट मिली। कई दिन पुराना शव होने के कारण पहचान मुश्किल थी। राजा के भाई विपिन ने शव की पहचान की। राजा की पहचान में उसके हाथ पर गुदा हुआ नाम बड़ा कारण बना। पुलिस जांच पाया गया कि शव पर चोट के कई निशान थे। मर्डर मिस्ट्री यहां से गहरी हो गई। राजा के बाद अब सोनम की तलाश थी। जिस सोनम रघुवंशी की सलामती के लिए उसके घर परिवार वाले दुआएं मांग रहे थे, वो सोनम 9 जून को यूपी के गाजीपुर में सुरक्षित और जिंदा मिली, लेकिन वह वैसी पत्नी निकली उसके सिर पर वैवाहितक रिश्ते का कत्ल का कलंक लग चुका था।
बेहद शातिर निकली सोनम
शादी के 12 दिन के अंदर अंदर सोनम एक दुल्हन से कातिल क्यों बनी इसका जवाब 5 कातिलों में से एक राज कुशवाहा है। पुलिस के अनुसार राज कुशवाहा से सोनम प्यार करती थी। उसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति के कत्ल की सुपारी दी। राजा रघुवंशी के कत्ल की असली कहानी की शुरुआत पिछले साल अक्टूबर में रामनवमी के दिन हुई। 
पर्ची से पक्का हुआ रिश्ता
गौरतलब है कि लड़का लड़की की शादी के लिए रघुवंशी बिरादरी में रामनवमी के मौके पर पर्ची डाली जाती है। राजा और सोनम दोनों के घरवालों ने भी पर्ची डाली थी। पर्ची मिलान के बाद फरवरी में राजा और सोनम का रिश्ता तय हुआ। फरवरी में ही रोका हो गया। 11 मई को दोनों को शादी भी हो गई। राजा और उसका परिवार इस बात से बेखबर था कि सोनम की जिंदगी में पहले से ही कोई और है। गौरतलब है कि सोनम के पिता का प्लाईवुड का कारोबार है। राज यहां मैनेजर था। सोनम अपने पिता की कंपनी में एचआर हेड के तौर पर कारोबार से जुड़ी थी। यहीं राज और सोनम की मुलाकात हुई और दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे। बताया जाता है कि सोनम के पिता हार्ट के मरीज हैं। ऐेस में उसने खामोशी से राजा रघुवंशी से शादी कर ली। 
बंधन में बंधी नहीं मिला दिल


सोनम ने भले ही राजा से शादी कर ली लेकिन उसका मन अपने प्रेमी के लिए धड़क रहा था। वह राज को पाने के लिए बेचैन थी। इसके लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार थी। वहीं सोनम की शादी तय होने के बाद प्रेमी भी अक्सर रोया करता था। दोस्त का यह दु:ख राज के साथियों से देखा नहीं गया। ऐसे में दोस्त विशाल चौहान, आकाश राजपूत और आनंद के साथ मिलकर राज ने राजा रघुवंशी को हटाने की साजिश रची, जिसमें सोनम भी राजदार थी। प्लान ये था कि शादी के बाद राजा को किसी ऐसी जगह ले जाया जाए, जहां उसकी मौत सिर्फ हादसा नजर आए। इस प्लान के तहत ही खुद सोनम ने हनीमून मनाने के लिए मेघालय को चुना। राजा मेघालय नहीं जाना चाहता था लेकिन सोनम ने 18 मई को अचानक राजा को बताया कि उसने हनीमून के लिए मेघालय की टिकट बुक कर दी। कमाल की बात यह है कि उसने वापसी की टिकट नहीं बुक की।
राज ने की थी पैसों की व्यवस्था
हनीमून पर जाने से पहले घरवालों के न चाहते हुए भी राजा अपने कीमती चेन साथ लेकर गया था। सोनम और राजा की फ्लाइट की टिकट 20 मई की बुक थी। साजिश पूरी करने के लिए सोनम और उसके प्रेमी राज कुशवाहा ने तीनों सुपारी किलर यानि विशाल, आकाश और आनंद को 17 मई को ही इंदौर से मेघालय भेज दिया। राज कुशवाहा ने इन तीनों को 50 हजार रुपये और एक मोबाइल दिया था। वे तीनों इंदौर से सड़क और ट्रेन के रास्ते से मेघालय पहुंचे। उधर, गुवाहाटी होते हुए 21 मई को सोनम और राजा रघुवंशी भी मेघालय पहुंचे। आखिरकार 23 मई को तीनों सुपारी किलर को सही मौका मिल गया। सोनम के बताए लोकेशन पर तीनों आरोपी पहुंचे। आरोपियों ने राजा रघुवंशी के सिर पर पेड़ काटने वाले तेजधार हथियार दाव  यानी कुल्हाड़ी से पहले उसके सर के पिछले हिस्से पर और फिर सिर के अगले हिस्से पर वार किया। उसके बाद राजा रघुवंशी की लाश गहरी खाई में फेंक दिया।
इंदौर में 14 दिन रुकी रही सोनम


राजा की हत्या के बाद सोनम इंदौर के देवासनाका इलाके के एक फ्लैट में छिपी थी। यह फ्लैट विशाल सिंह चौहान ने बुक किया था। फ्लैट के मालिक शिलोम जेम्स का कहना है कि 29 या 30 मई की रात को विशाल सिंह चौहान ने फ्लैट किराए पर लिया। बता दें कि 21 जून को महालक्ष्मी नगर के प्रापर्टी कारोबारी सिलोम जेम्स को भी गिरफ्तार किया गया था।  उस पर सोनम और राज की पिस्टल, पांच लाख रुपये, कपड़े और सोने के आभूषण गायब कर मदद करने का आरोप है। 
सोनम कैसे पहुंची गाजीपुर
सोनम यूपी के गाजीपुर कैसे पहुंची फिलहाल इसका सही से किसी के पास जवाब नहीं है। एक तरफ एक कैब के ड्राइवर पीयूष का दावा है कि उसने सोनम को एर्टिगा कार से गाजीपुर तक पहुंचाया था। दूसरी ओर सैदपुर की रहने वाली उजाला यादव ने दावा किया था कि उसने सोनम के साथ वाराणसी से गाजीपुर तक रोडवेज बस में यात्रा की थी। वहीं दूसरी ओर राजा रघुवंशी के परिवार के ज्योतिषाचार्य पंडित अजय दुबे ने हत्या के बाद कुंडली विश्लेषण के आधार पर सनसनीखेज खुलासे किए। जिसने जांच की दिशा मुड़ सकती है। उनके दावों के अनुसार सोनम की कथित सहेली इसमें शामिल हो सकती है। फिलहाल मामले की जांच जारी है। इस मर्डर मिस्ट्री में अन्य खुलासे भी सकते हैं।