वैज्ञानिकों ने बनाया पहला ब्लैक होल बम 

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने अभूतपूर्व प्रयोग करते हुए पहला पहला ब्लैक होल बम बनाने में सफलता हासिल की है। इस नए खतरे को लेकर पूरी दुनिया में बहस छिड़ गई है। इसकी जद में ब्रिटेन के दुश्मन देश ही नहीं बल्कि पुरी दुनिया आ जाएगी। यह इतना भयानक है कि इसकी कल्पना मात्र से एआई डर गया। ब्रिटेन के विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अभूतपूर्व प्रयोग करते हुए दुनिया का पहला ब्लैक होल बम बनाया है। यह बम बेहद खतरनाक माना जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि फिलहाल अभी इसे एक नमूने के ताैर पर ही तैयार किया गया है, लेकिन आने वाले दिनों में ब्लैक होल बम का सपना पूरा हो जाएगा। इस बम से होने वाले नुकसान का चैट जीपीटी आऔर एआई माॅडल से आकलन किया गया है। इस बारे में एआई का कहना है कि अगर यह वास्तव में अंतरिक्ष में फटा तो तबाही मचा देगा। लगभग पूरी दुनिया नष्ट होने के कगार पर पहुंच जाएगी। यानी लोग स्पेगेटीफाइड हो जाएंगे। बता दें कि स्पेगेटीफाइड उस प्रक्रिया को कहते हैं जो ब्लैक होल में जाने पर होती है। इसमें वस्तु लंबी और पतली होकर खिंच जाती है।  डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने दुनिया का पहला ब्लैक होल बम बनाया है। विश्वविद्यालय के भौतिकविदों ने एक नियंत्रित प्रयोगशाला सेटिंग में ब्लैक होल बम को जीवित किया। जिससे यह देखा जा सके कि क्या वे घूमते हुए ब्लैक होल की ऊर्जा का दोहन और प्रवर्धन कर सकते हैं। ब्लैक होल की इस घटना को जांचने के लिए वैज्ञानिकों ने परावर्तक तंत्र, प्रभावी रूप से एक दर्पण के साथ घेरा। इससे ऊर्जा जमा होने लगी। वैज्ञानिकों के अनुसार यही ऊर्जा कुछ देर बात एक शक्तिशाली विस्फोट में बदल जाती है। बता दें कि इस खतरनाक बम का विचार सबसे पहले 1971 में याकोव ज़ेल्डोविच के दिमाग में आया था। उन्होंने सिद्धांतों पर काम किया। इस शोध में उन्होंने जाना कि तेज़ी से घूमते हुए धातु के सिलेंडर के चारों ओर घूमने वाला प्रकाश सुपररेडिएशन नामक घटना का अनुभव कर सकता है। ज़ेल्डोविच ने गणना की कि यह प्रभाव तब होगा जब सिलेंडर की घूर्णन आवृत्ति प्रकाश की आवृत्ति से मेल खाएगी। यह तब तक होता रहेगा जब तक कि ऊर्जा बाहर नहीं निकल जाती या बड़ा विस्फोट नहीं हो जाता। जिससे ब्लैक होल बम बन जाता है।  एआई ने चेतावनी दी है कि अगर इसे अंतरिक्ष में छोड़ा गया तो यह पृथ्वी को स्पेगेटीफाइड कर देगा। चैटजीपीटी ने कहा कि यदि पृथ्वी के पास एक ब्लैक होल बम फट गया, तो परिणाम भयावह हो सकते हैं। गामा किरणों सहित तीव्र विकिरण, पृथ्वी के वायुमंडल को तबाह कर सकता है। बड़े पैमाने पर विलुप्त होने का कारण बन सकता है। एआई का कहना है कि यदि पृथ्वी ब्लैक होल बम के बहुत करीब आ गई तो इसमें भयानक परिवर्तन आए जाएंगे। यह स्पेगेटीफाइड होकर भस्म हो जाएगी।