जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। इटली के वैज्ञानिकों ने चौंकाने वाला यंत्र तैयार किया है। यह दुनिया का पहला उड़ने वाला रोबोट है। इसका सफल परीक्षण भी किया है। इसे आयरन कब एमके थ्री कहा जा रहा है। यह मनुष्यों की तरह दिखता है। इसे बनाने और सफल परीक्षण करने में वैज्ञानिकों को लगभग 2 साल का समय लगा।
तकनीक की दुनिया में चमत्कारी मोड़
तकनीक की दुनिया में एक चमत्कारी मोड़ आया है। इटली के वैज्ञानिकों ने ऐसा रोबोट तैयार किया है जो न सिर्फ इंसान की तरह दिखता है, बल्कि उड़ भी सकता है। आयरन कब एमके थ्री नामक इस रोबोट ने हाल ही में पहली बार सफलतापूर्वक वर्टिकल टेकआफ किया। इसे भविष्य में उड़ने वाले रोबोट की कल्पना को हकीकत में बदलने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार यह जमीन से लगभग 50 सेंटीमीटर से लेकर 50 मीटर ऊपर उड़ता हुआ दिखाई दिया। स्टंट की दुनिया में यह एक बड़ा कदम है क्योंकि ये रोबोट चल और उड़ दोनों सकता है। यह चार मिनी जेट इंजन के द्वारा संचालित किया गया है। इसे लेकर वैज्ञानिक काफी आशान्वित हैं। उनके अनुसार आने वाले दिनों में ऐसे रोबोट का प्रयोग चिकित्सा से लेकर रक्षा क्षेत्र तक में किया जा सकता है। उड़ने वाला यह रोबोट इसानों की तरह काम कर सकता है। साथ ही जरूरत पड़ने पर तेजी से किसी भी काम को अंजाम दे सकता है। इसे इटली के आईआईटी रोबोटिक्स और मिलान पॉलिटेक्निक ने डीएईआर एरोडायनामिक्स प्रयोगशाला में तैयार किया है। इस रोबोट को तैयार करने में एलेक्स जानोटी की टीम का भी बड़ा योगदान है।
खतरनाक क्षेत्रों में काम करेगा रोबोट
फिलहाल इस रोबोट को आपदा और खतरनाक क्षेत्रों में भेजने के लिए विकसित किया गया है। वैज्ञानिक मानते हैं कि ऐसे रोबोट्स को उन जगहों पर भेजा जा सकता है जहां इंसान नहीं जा सकते। इसमें ढहे हुए भवन, रेस्क्यू मिशन, बाढ़ग्रस्त इलाके, या फिर रसायनिक और परमाणु रिसाव वाली जगहों पर इन्हें भेजा जा सकता है। इन जगहों पर ये न केवल मलबा हटाएंगे बल्कि जरूरत पड़ने पर पीड़ितों को खोजने या निकालने में भी मदद कर सकते हैं। साथ ही, इनका उपयोग ऊंची इमारतों, पुलों के निचले हिस्सों जैसी मुश्किल जगहों में मरम्मत के काम में भी किया जा सकता है। इस रोबोट की लंबाई 3 मीटर है और पूरे रोबोट का वजन लगभग 70 किलोग्राम है। रोबोट के हार्डवेयर को एक नई टाइटेनियम रीढ़ और सुरक्षात्मक दृष्टि से बनाया गया है। यह हवा में खराब परिस्थितियों में भी उड़ान भर सकता है। इसका डिजाइन इंसानी शरीर के अनुपात पर आधारित है। बच्चे जैसे दिखने वाला यह रोबोट चार थ्रस्टर्स की मदद से उड़ान भरने में सक्षम बनाया है। दो थ्रस्टर इसके हाथों में और दो इसकी पीठ पर जेटपैक के रूप में लगे हैं। बता दें कि थ्रस्टर एक ऐसा उपकरण है जो उड़ान भरने या नियंत्रण के लिए जोर पैदा करता है। यह आमतौर पर अंतरिक्ष यान, समुद्री जहाजों, और कुछ प्रकार के वाहनों में उपयोग किया जाता है।
रोबोट में टाइटेनियम की रीढ़
इस रोबोट में टाइटेनियम की रीढ़, गर्मी से सुरक्षित पैनल और जेट इंजन के लिए मजबूत माउंटिंग ब्रैकेट्स जोड़े गए हैं। उड़ान के लिए स्थिरता बनाए रखने के लिए थ्रस्टर्स का एंगल भी विशेष रूप से समायोजित किया गया है। रोबोट की बाहें फिलहाल हटा दी गई हैं। जिससे हाथों में लगे थ्रस्टर्स को जगह मिल सके। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि भविष्य में हाथों को फिर से जोड़ा जा सकता है। टीम का अगला फोकस है रोबोट के फ्लाइट कंट्रोलर को और बेहतर बनाना ताकि वह हवा, तेज झोंकों या अन्य बाहरी परेशानियों का सामना भी कर सके।