जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली और बंगलूरू में उड़ने वाली बसें चलेगी। यह सुनने में अजीब लग रहा है लेकिन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भविष्य की ट्रांसपोर्ट योजना के बारे इसकी जानकारी दी। इससे न केवल देश के बड़े शहरों में ट्रैफिक की समस्या दूर होगी बल्कि लोगों को नए और बेहद आधुनिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम का आनंद भी मिलेगा।
नितिन गडकरी ने दी योजना की जानकारी
देश के बड़े शहरों में ट्रैफिक की समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार नए और बेहद आधुनिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में बताया कि दिल्ली और बंगलूरू जैसे शहरों में हवाई पॉड सिस्टम और फ्लैश-चार्जिंग इलेक्ट्रिक बसें लाने की योजना बनाई जा रही है। इन योजनाओं का मकसद शहरों में ट्रैफिक जाम से राहत दिलाना और यात्रियों के लंबे व थकाऊ सफर को आसान बनाना है। गडकरी का कहना है कि दिल्ली के धौला कुआं से मानेसर के बीच सड़क पर भारी ट्रैफिक को देखते हुए वहां हवाई पॉड सिस्टम शुरू करने की योजना है। उन्होंने बताया कि यह पॉड सिस्टम हवा में चलेगा और इस पर काम शुरू किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि धौला कुआं से मानेसर वाले रूट का चुनाव कराने के पीछे कई कारण हैं। उनके अनुसार यह रूट दिल्ली को हरियाणा से जोड़ता है। इधर से आने-जाने वालों की संख्या भी काफी ज्यादा है। ऐसे में इस रूट पर ट्रैफिक पर काम करना बेहद जरूरी हो गया था।
देश के बड़े शहरों में ट्रैफिक की समस्या होगी दूर
केंद्रीय मंत्री गडकारी ने यह भी कहा कि इसी तरह का बंगलूरू में भी अध्ययन किया जा रहा है। जो खास तौर पर बारिश के दौरान अपने भयंकर ट्रैफिक जाम के लिए बदनाम है। यहां पर अक्सर लोग ट्रैफिक की समस्या की शिकायत करते हैं। यह शहर काफी व्यस्त माना जाता है। ऐसे में यहां इस तकनीक पर काम करना जरूरी है। बता दें कि पॉड बेस्ड ट्रांसपोर्ट सिस्टम में छोटे-छोटे ड्राइवर-रहित इलेक्ट्रिक वाहन होते हैं, जो ऊंचे ट्रैक पर चलते हैं। ये या तो ऊपर की रेल से लटकते हैं या उसके ऊपर चलते हैं। यह एक ऑन-डिमांड टैक्सी जैसी सुविधा देता है, जिसमें यात्री जरूरत पड़ने पर पॉड बुला सकते हैं और बिना किसी रुकावट के अपने गंतव्य तक पहुंच सकते हैं। एक पॉड में आमतौर पर 5 से 6 लोग बैठ सकते हैं।
नागपुर में लॉन्च हुई नई 135-सीटर इलेक्ट्रिक बस
उड़ती बसों के साथ-साथ मंत्रालय हाई-कैपेसिटी इलेक्ट्रिक बसों पर भी काम कर रहा है। नागपुर में लॉन्च हुई नई 135-सीटर इलेक्ट्रिक बस इसी का उदाहरण है। इस बस की शुरुआत हो चुकी है। यह बस 135 सीटों वाली है और 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेगी। खास बात यह है कि यह हर 40 किलोमीटर पर सिर्फ 30 सेकंड के लिए रुकेगी। इससे यात्री चढ़ और उतर सकें । उसी समय बस चार्ज भी हो जाएगी। इस बस में एग्जीक्यूटिव क्लास की सीटें और हर सीट के सामने टीवी भी होंगे। गडकरी के अनुसार, यह बस कम बैटरी पावर से चलेगी। जिससे इसकी लागत कम होगी और किराया डीजल बसों की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत सस्ता होगा। अगर नागपुर की यह योजना सफल होती है तो इसका विस्तार किया जाएगा। नागपुर के बाद इसे दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-देहरादून, बंगलूरू-चेन्नई, मुंबई-नासिक और पुणे जैसे रूट्स पर भी शुरू करने की तैयारी है। इससे आने वाले समय में यात्रियों को एक सस्ता, तेज और आरामदायक ट्रांसपोर्ट विकल्प मिलेगा।
पहाड़ी राज्यों को जोड़ने की योजना
वहीं गडकरी ने उत्तराखंड और कश्मीर में डबल-डेकर बसों की योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और कश्मीर जैसे पहाड़ी राज्यों में दो पहाड़ों को जोड़ने के लिए डबल-डेकर बसों की योजना भी बनाई जा रही है। ये बसें आधुनिक तकनीक से लैस होंगी और मुश्किल इलाकों में भी आसानी से आवाजाही सुनिश्चित करेंगी। बता दें कि ये सारी योजनाएं भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए ट्रांसपोर्टेशन इनोवेशन का नया दौर साबित हो सकती है। जहां आज की तारीख में हम कार, बस और बाइक के ज़रिए यात्रा करते हैं, वहीं भविष्य में हवा में दौड़ते पॉड और सुपरफास्ट इलेक्ट्रिक बसें इस सेक्टर की तस्वीर बदल सकती हैं।