रुद्रास्त्र ड्रोन का सेना ने किया सफल परीक्षण 

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत ने स्वदेशी रक्षा तकनीक में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। रुद्रास्त्र ड्रोन का सेना ने सफल परीक्षण किया। यह दुश्मन के 50 किलोमीटर अंदर तक के इलाके में घुसकर तबाही मचाएगा। 

राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में परीक्षण 


भारतीय सेना अब दुश्मन को उसी की भाषा में जवाब देने की तैयारी कर रही है। भारतीय सेना ने स्वदेश में विकसित वर्टिकल टेक आॅफ एंड लैंडिंग ड्रोन का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में किया गया। इस ड्रोन का इस्तेमाल सीमा पार दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने के लिए किया जाएगा। ये ड्रोन 50 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर मौजूद लक्ष्यों को भी मार गिराने में सक्षम है। इस ड्रोन को रुद्रास्त्र नाम दिया गया है। सेना ऐसे ड्रोन को बड़ी संख्या में खरीदना चाहती है। ये ड्रोन दुश्मन की तोपों और अन्य फायरिंग पोजीशन को निशाना बना सकते हैं। ये दुश्मन के इलाके में काफी अंदर तक जाकर हमला करने में सक्षम हैं। 

सोलर एयरोस्पेस एंड डिफेंस लिमिटेड का निर्माण 


रिपोर्ट के अनुसार सोलर एयरोस्पेस एंड डिफेंस लिमिटेड ने इसका निर्माण किया है। ड्रोन को सेना के लिए कई तरह के काम करने के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। परीक्षण के दौरान रुद्रास्त्र ड्रोन ने कुल 170 किलोमीटर की दूरी तय की। इसमें लक्ष्य क्षेत्र के ऊपर मंडराना और लगभग डेढ़ घंटे तक हवा में बने रहना शामिल है। ड्रोन से गिराया गया गोला जमीन के ठीक ऊपर हवा में फटा। यह सतह से बेहद कम ऊंचाई पर फटा और सेना की जरूरत के अनुसार एक बड़े इलाके में तय किए गए लक्ष्यों को नष्ट करने में सफल रहा। बता दें कि भारतीय सेना आधुनिक युद्ध की चुनौतियों से निपटने के लिए स्वदेश में निर्मित हथियारों पर ज्यादा फोकस कर रही है। मानव रहित सिस्टम पर खास ध्यान दिया जा रहा है। आक्रामक हथियारों के मामले में सेना ऐसे स्वदेशी ड्रोन पर ध्यान दे रही है, जो दुश्मन के इलाके में 50 से 100 किलोमीटर तक अंदर जाकर सटीक हमला कर सके। इनका इस्तेमाल आतंकवादी ठिकानों और घुसपैठ की कोशिशों को रोकने के लिए भी किया जाएगा। इसके जरिए दुश्मन की उन पोजीशन को भी टारगेट किया जाएगा जहां से आतंकियों की घुसपैठ करवाने के लिए कवर फायर दी जाती है।
लाइव वीडियो भी भेज सकते हैं ड्रोन 


बता दें कि स्वदेशी ड्रोन निर्माताओं को सेना की जरूरत के हिसाब से अपने सिस्टम का प्रदर्शन करने के लिए बुलाया गया था। सेना सटैंड आॅफ वेपन के तौर पर इन ड्रोनों को इस्तेमाल करना चाहती है। इसका मतलब है कि इस ड्रोन से दूर से ही दुश्मन पर हमला किया जा सकता है। रुद्रास्त्र ड्रोन में सटीक निशाना लगाने वाले हथियार लगे हैं। इनका इस्तेमाल दुश्मन के सैनिकों को मारने के लिए भी किया जा सकता है। ये ड्रोन लाइव वीडियो भी भेज सकते हैं और अपने आप वापस लॉन्चिंग पोजीशन पर लौट कर आ सकते हैं। ड्रोन के सफल परीक्षण के बाद सेना अब बड़ी संख्या में ऐसे ड्रोन खरीदने की योजना बना रही है। इससे सेना की ताकत और बढ़ेगी और दुश्मन पर दूर से ही हमला करना आसान हो जाएगा।