पटना। बेहतर शिक्षा के लिए शिक्षकों पर दबाव बनाना समझ आता है, पर नन्हें-मुन्हें बच्चों की जिन्दगी के साथ कोई भी सरकार खिलवाड़ नहीं कर सकती। लेकिन, बिहार में ऐसा ही हो रहा है। यहां सरकार ने जो किया उसे जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। बिहार सरकार प्रकृति के नियमों को भी बदलने की कोशिश कर रही है। यानी सरकार जब चाहे समर वैकेशन और जब चाहे विंटर वैकेशन की छुट्टियां दे सकती है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यहां मई और जून माह की भीषण गर्मी में भी बच्चे स्कूल जाने को मजबूर हैं। नतीजतन हीट स्ट्रोक से सैकड़ों की संख्या में बच्चे बेहोश होकर गिर रहे हैं। बिहार सरकार छात्रों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है। प्रदेशभर के छात्र-छात्राएं परेशान हैं। वहीं शिक्षक भी बहुत परेशान हैं। उनका कहना है कि कम से कम सरकार को छोटे-छोटे बच्चों के बारे में तो सोचना ही चाहिए। दरअसल, बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने चुनाव को देखते हुए अप्रैल माह में ही छात्रों को ग्रीष्मकालीन अवकाश दे दिया। इस दौरान भी स्कूल खोले गए और दो घंटे के लिए बच्चों को बुलाया गया ताकि शिक्षा के क्षेत्र में बिहार अव्वल रहे और यहां के बच्चों को हर हाल में बेहतर शिक्षा मिल सके। ऐसा करने से पहले सायद उन्होंने सोचा होगा कि प्रकृति भी मेरे आदेश के तहत अप्रैल में भीषण गर्मी और मई जून में मौसम ठंडा कर देगी। लेकिन, अफसोस प्रकृति ने उनके आदेश का पालन किया नहीं। उनके इस हठी निर्णय का परिणाम नन्हें-मुन्ने बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। ग्रीष्मकालीन अवकाश खत्म होने के बाद स्कूल खुल गए और भीषण गर्मी में भी छात्र स्कूल आने को मजबूर हैं। कुछ दिन पूर्व में बिहार में हीट स्ट्रोक से कई जिलों में बच्चों के बेहोश होने की खबरें और उनके वीडियो वायरल हुए थे। इसके बाद सरकार ने कुछ दिनों के लिए छुट्टी का निर्णय लिया और समय में थोड़ा सा परिवर्तन कर फिर से स्कूल खोल दिए। बिहार में इस समय भी भीषण गर्मी है और बच्चों का हाल बेहाल है। बच्चों के परिजनों का कहना है कि भीषण गर्मी में स्कूल बंद होना चाहिए। बिहार सरकार का यह तुगलकी फरमान है। बता दें कि बिहार सहित पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी का कहर जारी है। बिहार के अधिकांश शहरों में तापमान 45 डिग्री के पार चला गया है। वहीं औरंगाबाद जिले में तो पारा 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। भीषण गर्मी से कई राज्य पीड़ित हैं। कुछ शहरों में तो पारा 50 डिग्री के पार पहुंच गया। केंद्र सरकार की ओर से लगातार येलो और रेड अलर्ट जारी किया जा रहा है। गर्मी में बाहर नहीं जाने की सलाह दी जा रही है। ऐसे में बिहार में सरकारी स्कूलों का खोलना अपने आप में तगलकी फरमान ही प्रतीत होता है। उत्तर प्रदेश में तो सरकार ने जगह-जगह प्याऊ लगाने के निर्देश दिए हैं। यूपी के नोएडा शहर में तो हर पुलिस स्टेशन के बाहर शीतल पेय की व्यवस्था की गई है। ताकि राहगीरों को हीट स्ट्रोक से बचाया जा सके।