इजरायल ने तेहरान में मचाई भयानक तबाही 

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। मोसाद ने राजधानी तेहरान में भयानक तबाही मचाई है। इजरायल ने ईरान के कई परमाणु वैज्ञानिक, मिसाइल केन्द्र और एयर डिफेंस को उड़ा दिया है। इससे मध्य पूर्व एशिया में बड़े युद्ध का खतरा मंडराने लगा है।

मध्य पूर्व एशिया में बड़े युद्ध का खतरा 


इजरायल ने ईरान पर अब तक के सबसे बड़े हमले में ईरान को जबर्दस्त चोट पहुंचाई है। आपरेशन राइजिंग लॉयन के नाम से शुरू किए गए इस हमले में इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों को तबाह कर दिया है। ईरान ने पुष्टि की है कि इजरायली हमले में नतांज परमाणु साइट तबाह हो गया है। बता दें कि नतांज वो जगह है जहां ईरान यूरेनियम परिवर्धन कर रहा था। यूरेनियम से ही परमाणु बम बनाया जाता है। इजरायल ने ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों को मारने का भी दावा किया है। साथ ही ईरान के टॉप सैन्य कमांडरों को भी मारने का दावा किया है। इसके अलावा इजरायली सेना ने ईरान के बैलेस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को पंगु कर दिया है।  सवाल है कि इजरायल ने इतना बड़ा, इतना घातक और इतना प्रचंड प्रहार क्यों किया। इसका जवाब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने एक वीडियो जारी कर दिया है।

बेंजामिन नेतान्याहू ने जारी किया वीडियो 


ईरान पर इजरायली हमले की वजह बताते हुए नेतान्याहू ने कहा कि हमने नाजी नरसंहार से सबक सीखा है। इजरायल ने कसम खाई कि उनका देश ईरानी शासन द्वारा किए गए परमाणु नरसंहार का शिकार नहीं बनेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि इजराइल उन लोगों को कभी भी उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के साधन विकसित करने की अनुमति नहीं देगा जो हमारे विनाश का आह्वान करते हैं। नेतन्याहू ने कहा हमने ईरान के परमाणु संवर्धन कार्यक्रम के केंद्र पर हमला किया। बता दें कि इजरायल को डर सताता रहा है कि अगर ईरान ने परमाणु बम बना लिया तो ईरान की ये कामयाबी इजरायल के वजूद को ही खत्म कर सकती है। इसलिए इजरायल किसी भी कीमत पर ईरान को परमाणु बम हासिल करने नहीं देना चाहता ह। अमेरिका भी यही चाहता है कि ईरान किसी भी हालत में परमाणु बम न बनाए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि ईरान परमाणु बम नहीं बना सकता है। अमेरिका किसी भी हालत में ईरान को परमाणु बम नहीं बनाने देगा। 
बेहद सटीकता से की गुप्त कार्रवाई 


इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने शुक्रवार सुबह ईरान के अंदर कई आक्रामक और खतरनाक आपरेशन को अंजाम दिए हैं। मोसाद की तरफ से ये हमले ईरान की राजधानी तेहरान समेत उसके रणनीतिक इलाकों में की गई है। सूत्रों के अनुसार यह आपरेशन ईरान की मिसाइल और एयर डिफेंस क्षमताओं को सीधे नुकसान पहुंचाने के मकसद से किया गया। इजरायली मीडिया ने कहा है कि मोसाद ने ईरान के परमाणु वैज्ञानिक, उनके बैलिस्टिक मिसाइल केन्द्र और एयर डिफेंस पर हमले किए हैं। इन हमलों में खास तौर से ईरान के स्ट्रैटेजिक मिसाइल प्रोग्राम और डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया गया है। मोसाद की यह गुप्त कार्रवाई बेहद सटीकता और पहले से बनाए गये प्लान के मुताबिक की गई है, जिससे ईरान की हवाई सुरक्षा प्रणाली में सेंध लगाने की कोशिश की गई है। हमले पर ईरानी अधिकारियों की तरफ से आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। 

अक्टूबर 2024 में किए थे हमले 


मध्य पूर्व में पहले से तनावपूर्ण माहौल अब और भी ज्यादा विस्फोटक हो चुके हैं। ईरान की जवाबी कार्रवाई भी निश्चित मानी जा रही है। मोसाद की यह कार्रवाई यह भी संकेत देती है कि इजरायल फिलहाल पारंपरिक युद्ध की बजाय सटीक और गहरे रणनीतिक हमलों की नीति पर चल रहा है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि इजरायल, ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला करने के लिए, जो अंडरग्राउंड हैं, उन्हें निशाना बनाने के लिए भारी बमों का इस्तेमाल ना करे। पिछले कुछ सालों में मोसाद ने ईरान में कई खतरनाक आपरेशंस को अंजाम दिए हैं। बता दें कि इससे पहले भी मोसाद ने अप्रैल 2024 और अक्टूबर 2024 में हमले किए थे। इन आपरेशनों के जरिए इजरायल ने ईरान की रणनीतिक क्षमताओं को कमजोर करने की कोशिश की थी।