जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। अब समंदर में भारत से उलझना दुश्मन देशों को महंगा पड़ेगा। इंडियन नेवी को नया सूरमा उदयगिरी मिल चुका है। इससे भारत की मारक और प्रतिरक्षा ताकत दोगुनी हो जाएगी। यह वरुणास्त्र और एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर समेत कई अन्य घातक हथियारों से लैस है।
आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ा कदम
समुद्र मेंं भी चीन और पाकिस्तान का गठजोड़ तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे भारत ने आत्मनिर्भरता के तहत साल 2047 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर नेवी बनने की रफ्तार को तेज कर दिया है। इसी कड़ी में भारतीय नौसेना को प्रोजेक्ट 17 ए के तहत बन रहे नीलगिरी क्लास स्टेल्थ फ्रीगेट उदयगिरी भी सौंप दिया गया है। मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर ने इसका निर्माण किया है। नीलगिरी क्लास का यह दूसरा फ्रीगेट है। यह जहाज शिवालिक क्लास का एडवांस वर्जन है। जो पहले से ही नौसेना की शान बढ़ा रहा है। बता दें कि प्रोजेक्ट 17ए के तहत सात फ्रिगेट बनाए जा रहे हैं। जिनमें से चार एमडीएसएल और तीन गार्डन रीच शिपबिल्डर्स सीआरएसई द्वारा कोलकाता में तैयार हो रहे हैं।
एंटी सर्फेस और एंटी शिप वॉरफेयर से लैस
आईएनएस उदयगिरी की खासियतों की बात करें तो यह एंटी सर्फेस और एंटी शिप वॉरफेयर के लिए ब्रह्मोस से लैस है। इसमें एंटी एयर वॉरफेयर के लिए एयर डिफेंस गन और बराक 8 लॉन्ग रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल लगी है। इसके अलावा वरुणास्त्र और एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर भी लगे हैं। यह फ्रीगेट सोनार, कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम और मल्टी फंक्शन डिजिटल रडार से युक्त है। जो लंबी दूरी से आने वाले हमले की पहचान कर उसको मार गिराएगा। इसमें में 2 हेलिकॉप्टर भी आसानी से लैंड कर सकते हैं। साथ ही उन्हें रखने के लिए हैंगर भी मौजूद है। इसमें 75 फीसदी स्वदेशी उपकरण लगे है जो स्वदेशी कंपननियों से लिए गए हैं। इसका डिजाइन भी स्वदेशी है। यहां तक इसका स्टील भी स्वदेशी है। इसका डिजाइन नेवी वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है। 6600 टन वजनी यह वॉरशिप 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है।
पुराने आईएनएस उदयगिरी से लिया गया नाम
उदयगिरी नाम पुराने आईएनएस उदयगिरी से ही लिया गया है। यह 31 साल तक सेवा देने के बाद अगस्त 2007 में रिटायर हुआ था। नया उदयगिरी आधुनिक तकनीक और हथियारों से लैस है। यह खुले समुद्र में भारत के सामुद्रिक हितों की रक्षा के लिए तैयार किया गया है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसकी स्टेल्थ तकनीक, जो इसे दुश्मन के रडार से बचाने में मदद करती है और घातक बनाती है। यह जहाज कई अन्य मायनों में भी बेहतर हैं। इनमें इंटीग्रेटेड कंस्ट्रक्शन तकनीक का इस्तेमाल हुआ है। जिससे जहाज को कम समय में तैयार किया गया है। उदयगिरी को लांचिंग के महज 37 महीनों में डिलीवर कर दिया गया है। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इसका डीजल इंजन और गैस टर्बाइन का कॉम्बिनेशन इसे और ज्यादा तेज और ताकतवर बनाते हैं।
4,000 लोगों को मिला रोजगार
उदयगिरी पूरी तरह से आत्मनिर्भर भारत के विजन को दर्शाता है। इस प्रोजेक्ट से करीब 4,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 10,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिला है। इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़े, बल्कि देश की शिप डिजाइन और इंजीनियरिंग क्षमता को भी मजबूत मिली है। प्रोजेक्ट 17 ए के बाकी पांच फ्रिगेट भी 2026 तक भारतीय नौसेना को सौंप दिए जाएंगे। इनके शामिल होने से नौसेना की ताकत और समुद्री सुरक्षा को नई ऊंचाइयां मिलेंगी। यह न केवल देश की रक्षा को मजबूती देगा, बल्कि दुनिया के मंच पर भारत की आत्मनिर्भरता को भी दिखाएगा।