इंडियन नेवी को मिला एक और युद्धपोत, ब्रह्मोस दागकर दुश्मन देशों को चौंकाया

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। उदयगिरी के साथ इंडियन नेवी को एक और युद्धपोत मिल गया है। इसका नाम आईएनएस तमाल एफ-71 है। इस युद्धपोत से ब्रह्मोस दागकर दुश्मन देशों को चौंका दिया। यह सुपरसोनिक मिसाइल 3400 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से 500 किलोमीटर दूर दुश्मन के ठिकानों को पलभर में नेस्तोनाबूत करने में सक्षम है। मिसाइल के सामने एस-400 एस-500 और आयरन डोम तक फेल हो जाएंगे। 
चीन की चुनौती को लेकर तैयारी


प्रशांत महासागर से लेकर हिन्द महासागर तक चीन लगातार अपना जाल फैला रहा है। अंतराष्ट्रीय कानूनों को धता बताते हुए वह ऐसे कदम उठा रहा है, जिससे मैरीटाइम सिक्योरिटी को लेकर बड़ा और गंभीर खतरा पैदा हो गया है। दक्षिण चीन सागर में बीजिंग के रवैये से अक्सर ही टकराव की स्थिति पैदा होती रहती है। जापान से लेकर वियतनाम और फिलीपींस जैसे देश चीन की हरकतों से परेशान हैं। चीन की नापाक हरकतों पर लगाम लगाने के लिए भारत ने भी समंदर में अपनी तैयारी तेज कर दी है। इसी क्रम में कई वारहेड और अन्य खूबियों से लैस आईएनएस तमाल को नौसेना में शामिल किया गया है। भारत की रक्षा तैयारियों की दिशा में आईएनएस तमाल मील का पत्थर साबित होगा।
नेवी की ताकत में होगा इजाफा


आईएनएस तमाल स्टील्थ फ्रिगेट रूस के सहयोग से बनाया गया है। इसके नेवी में शमिल होेने से देश की ताकत में तो इजाफा होगा ही साथ ही समुद्री सुरक्षा और पुख्ता होगी। तमाल की कमीशनिंग के साथ ही चार फ्रिगेट को लेकर की गई डील भी पूरी हो गई है। अब बाकी के दो फ्रिगेट का निर्माण भारत में ही किया जाएगा। बता दें कि भारत और रूस के बीच तकरीबन 21000 करोड़ रुपये की डील अक्टूबर 2016 में हुई थी।  यह स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट भारतीय नौसेना के लिए विदेश में निर्मित अंतिम प्रमुख युद्धपोत है। जो आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल को दर्शाता है। यह युद्धपोत स्वदेशीकरण के एक नए युग का प्रदर्शन है।
अंडमान-निकोबार में शक्ति का आकलन


इंडियन नेवी ने तमाल को बेड़े में शामिल करने से पहले अंडमान-निकोबार क्षेत्र में इसकी शक्ति का आकलन किया। मोबिलिटी के साथ ही नए फ्रिगेट में लगे हथियारों का शक्ति परीक्षण किया गया। तमाल पर तैनात ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल की आनबोर्ड टेस्टिंग की गई। ब्रह्मोस ने अपनी ताकत को इस तरह से दिखाया कि हर कोई हैरान रह गया। इंडिया डिफेंस रिसर्च विंग की रिपोर्ट की मानें तो ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने समंदर की सतह से महज 3 से 4 मीटर ऊपर मूवमेंट करते हुए टारगेट को ध्वस्त कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि मूवमेंट और मैन्यूवरिंग के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल की ऊंचाई इतनी कम रही कि किसी भी रडार से इसे पकड़ पाना नामुमकिन है। रडार रेडिएशन पर काम करता है। न्यूनतम ऊंचाई पर ही मूवमेंट करने वाले आॅब्जेक्ट ही रिफ्लेक्शन से रडार की पकड़ में आते हैं। तमाल से छोड़े गई ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल ने इतनी कम ऊंचाई पर मूव करते हुए टारगेट को तबाह किया जिसे रडार नहीं पकड़ पाया। दुश्मनों के लिए भारत की यह सफलता किसी बुरे सपने से कम नहीं है।
आईएनएस तमाल में कई तरह की खूबियां


बता दें कि आईएनएस तमाल कई तरह की खूबियों से लैस है। इसमें अत्याधुनिक रडार सिस्टम लगा है। इस फ्रिगेट में ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल को भी फिट किया गया है। ब्रह्मोस मिसाइल की शुरूआती रेंज 290 किलोमीटर थी, जिसे बढ़ाकर 450 से 500 किलोमीटर तक किया गया है। यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। तमाल करीब 125 मीटर लंबा और 3900 टन वजनी है। दुश्मन के लिए इस युद्धपोत पर हमला करना आसान नहीं है। इसका कारण में इसमें लगा हुआ आधुनिक राडर सिस्टम है। इसकी मदद से एयर यह मिसाइल अटैक का समय रहते पता लगा लेगा और उसे नष्ट कर देगा। तमाल की मदद से समुद्री सीमा की सुरक्षा करने के साथ ही दुश्मनों की किसी भी चाल का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकेगा। इसके अलावा अरब सागर में कच्छ से लगती सीमा पर नजर रखी जा सकेगी। इससे पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रही घुसपैठ की कोशिशें को नाकाम किया जा सकेगा।