नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने दुनिया को अपनी ताकत का लोहा मनवाया। इस ऑपरेशन में ब्रह्मोस मिसाइल जैसे तमाम हथियारों ने पाकिस्तान में जमकर कहर बरपाया। अब डीआरडीओ एक ऐसी स्वदेशी मिसाइल लॉन्च करने जा रहा है जो दुनिया की सबसे तेज और घातक होगी। साथ ही रडार इसे इंटरसेप्ट नहीं कर पाएगा।
ध्वनि से पांच गुना अधिक स्पीड
भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ लंबे समय से स्वदेशी हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में जुटा हुआ है। इस मिसाइल की गति ध्वनि से पांच गुना अधिक है। यह लगभग साढ़े छह हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करने में सक्षम होगी। इस मिसाइल के हाइपरसोनिक इंजन का सफल परीक्षण पूरा हो गया है और जल्द ही इसे दुनिया के सामने लाया जाएगा। डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक और ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व सीईओ डॉ. सुधीर कुमार मिश्रा ने हाल ही में एक साक्षात्कार में इसकी पुष्टि की है।
बड़े देशों की कतार में भारत
भारत अब रूस, चीन और अमेरिका के साथ उन देशों की कतार में शामिल हो गया है जिनके पास हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक मौजूद है। भारत के पास पहले से ही दुनिया की सबसे तेज ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल मौजूद है। नई हाइपरसोनिक मिसाइल की स्पीड ब्रह्मोस से बहुत ज्यादा होगी। इसे रडार से पकड़ पाना लगभग असंभव होगा। यदि इसे किसी तरह से इंटरसेप्ट कर भी लिया गया तो रोकना लगभग असंभव है। क्योंकि हाइपरसोनिक मिसाइलों को रोकने की तकनीक सिर्फ चुनिंदा देशों के पास ही मौजूद है।
मिड-फ्लाइट में दिशा बदलने की क्षमता
हाइपरसोनिक मिसाइलें स्क्रैमजेट इंजन आधारित तकनीक पर काम करती हैं। यह अपनी असाधारण गति, मिड-फ्लाइट में दिशा बदलने की क्षमता और निचली ऊंचाई पर उड़ान भरने की विशेषता के कारण मौजूदा वायु रक्षा प्रणालियों के लिए लगभग अजेय है। इस मिसाइल की अभी ज्यादा डिटेल सामने नहीं आई है। लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इस खतरनाक मिसाइल की रेंज में पूरा पाकिस्तान और चीन के अधिकांश बड़े शहर तबाह किए जा सकते हैं।
भारत की रक्षा क्षमताओं में गेम-चेंजर
डॉ. सुधीर कुमार के अनुसार, इस मिसाइल का विकास डीआरडीओ की हैदराबाद स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स और अन्य प्रयोगशालाओं के साथ-साथ निजी क्षेत्र की कंपनियों के सहयोग से किया जा रहा है। यह मिसाइल 1,500 किलोमीटर से अधिक की रेंज के साथ विभिन्न प्रकार के पेलोड ले जाने में सक्षम होगी। इसका विकास भारत की रक्षा क्षमताओं में एक गेम-चेंजर साबित होगा और यह देश को वैश्विक सैन्य शक्ति के रूप में नई ऊंचाई पर ले जाएगा। इसके अलावा, भारत ब्रह्मोस के हाइपरसोनिक वर्जन पर भी काम कर रहा है। जिसकी गति ध्वनि से 7-8 गुना ज्यादा होने की उम्मीद है।