जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। राफेल, और एसयू 30 एमकेआई समते अन्य सभी फाइटर जेटों की छुट्टी हो जाएगी। अब डीआरडीओ देसी छठी पीढ़ी का फाइटर जेट बना रहा है। 6800 किलोमीटर की की रफ्तार जब यह उड़ान भरेगा तो दुश्मन देश का रडार और एयर डिफेंस सिस्टम इसे सूंघ भी नहीं सकेगा। यह दुश्मन के घर में घुसकर मिसाइल और बमों की बारिश करेगा।
डीआरडीओ बना रहा छठी पीढ़ी का फाइटर जेट
दुनिया में हालात जिस गति से हालात बदल रहे हैं उसी हिसाब से हर देश अपनी रक्षा तैयारियों को मजबूत कर रहे हैं। हर देश अपनी क्षमताओं के अनुसार डिफेंस सिस्टम भी डेवलप कर रहा है। भारत के लिए तो यह काम बेहद जरूरी हो गया है। एक तरफ चीन तो दूसरी तरफ पाकिस्तान से सीमा लगने के कारण उसे एक साथ दो मोर्चों पर जंग जैसी स्थिति से निपटने की तैयारी करना आवश्यक है। इसी कड़ी भारत ने अपनी रक्षा तैयारियों को तेज करते हुए छठी जनरेशन का लड़ाकू विमान बनाने की कवायद तेज कर दी है। बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने आपरेशन सिंदूर लांच कर आतंकवादियों के साथ ही पाकिस्तान और चीन-तुर्की जैसे उसके हिमायतियों का साफ और स्पष्ट संदेश दे दिया है। भारत ने ऐसे आधुनिक तरीके से हमला किया दुश्मन देश के साथ पूरी दुनिया भौंचक्की रह गई।
एक साथ दो मोर्चों पर जंग की तैयारी
अब भारत डिफेंस सेक्टर में बड़ा काम करने जा रहा है। एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट प्रोग्राम के तहत दो फाइटर जेट डेवलप करने पर काम चल रहा है। इसे एएमसीए मार्क-1 और एएमसीए मार्क-2 नाम दिया है। मार्क-1 के तहत डेवलप फाइटर जेट जहां मौजूदा जेनरेशन की विमानों की कमी पूरा करेगा, वहीं मार्क-2 के तहत छठवीं पीढ़ी वाले लड़ाकू विमान डेवलप किए जाएंगे। खास बात यह है कि मार्क-2 पूरी तरह से देसी तकनीक पर आधारित होगा। भारत का यह कदम दुश्मनों की नींद उड़ाने के लिए काफी है।
4.5 चौथी और पांचवीं पीढ़ी के विमान
बता दें कि इंडियन एयरफोर्स फिलहाल 4.5 यानी चौथी और पांचवीं पीढ़ी के बीच के जेनरेशन वाले फाइटर जेट पर काफी हद तक निर्भर है। चीन ने जे-20 स्टील्थ यानी पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान बनाकर उसे भारत की सीमा के समीप तैनात कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो आॅपरेश सिंदूर से घबरया चीन अब पाकिस्तान को पांचवीं पीढ़ी का विमान मुहैया कराने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। ऐसे में भारत को अन्य युद्धक विमान की कमी महसूस होने लगी है। भारत को अब पांचवी और छठी पीढ़ी का स्टेल्थ विमान चाहिए।
चीन ने सीमा के समीप तैनात किया विमान
मौजूदा स्थिति में को 42 से 43 स्क्वाड्रन लड़ाकू विमान की जरूत है। वहीं इनकी उपलब्धता महज 30 स्काड्रन ही हैं। इस तरह फाइटर फ्लीट में 200 से 300 लड़ाकू विमानों की जरूरत है। इसे देखते हुए एएमसीए प्रोजेक्ट लांच किया गया है। इसके तहत फाइटर जेट की खेप जल्द ही मिलनी शुरू हो सकती है। ये फाइटर जेट जेनरल इलेक्ट्रिक के एफ-414 इंजन से लैस होंगे। अमेरिकी कंपनी की तरफ से लड़ाकू विमानों के लिए इंजन उपलब्ध कराने में देरी की वजह से यह प्रोग्राम एक साल पीछे हो गया है। वहीं, एएमसीए मार्क-2 के तहत देसी तकनीक से बने इंजन का इस्तेमाल की संभावना प्रबल है। इसके लिए कई कंपनियां रेस में शामिल हो चुकी हैं।
पाकिस्तान को पांचवीं पीढ़ी का विमान देगा चीन
एएमसीए मार्क-2 के तहत पांचवीं पीढ़ी का विमान बनाने की प्लानिंग है। इन युद्धक विमानों में छठी पीढ़ी के खासियत से लैस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे भारत छठवीं पीढ़ी का विमान बनाने की तकनीक हासिल करने वाला दुनिया के गिने-चुने देशों की सूची में शामिल हो जाएगा। मार्क-2 के तहत डीआरडीओ का गैस टर्बाइन रिसर्च इस्टेब्लिशमेंट इंजन देसी तकनीक पर आधारित फाइटर इंजन डेवलप करेगा।
रडार से बच निकलने की कैपेबिलिटी
मार्क-2 में स्टील्थ कैपेबिलिटी यानी रडार से बच निकलने की ज्यादा होगी। मार्क-2 के तहत डेवपल जेट में कई चीजें काफी अपडेट और अपग्रेड होंगी। इसके तहत कटिंग एज सेंसर फ्यूजन सिस्टम का यूज किया जाएगा। आप्टिमाइज एयरफ्लो के साथ ही 110 केएन इंजन का इस्तेमाल इस विमान को बेहद एडवांस्ड बना देगा। साथ ही इसमें सुपरसोनिक टेक्नोलॉजी को भी लगाया जाएगा। इसकी रफ्तार 6800 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। मार्क-2 विमान के डेवलपमेंट के साथ ही इंटरनेशनल मार्केट में भारत की धाक भी जमेगी और नया बाजार खुलने की भी उम्मीद बढ़ जाएगी।