जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान की मिसाइलों को नष्ट कर उसके नापाक इरादों को ध्वस्त कर दिया है। दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। इस बीच अब चर्चा होने लगी है कि अगर परमाणु हमला हो जाए तो इसके इफेक्ट क्या-क्या हो सकते हैं। इससे बचने के लिए क्या-क्या उपाय करने होंगे। भारत-पाक युद्ध के बीच एक रिपोर्ट में बताया गया कि अगर परमाणु हमला होता है तो स्थिति कैसी होगी। साथ ही इससे होने वाली तबाही का आकलन किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया कि अगर मजबूत परमाणु बम फटता है, तो 100 सूरज जितनी चमक होगी। जहां परमाणु बम ब्लास्ट होगा, वहां से 50 किलोमीटर तक के दायरे में लोग अंधे हो सकते हैं। तेज रोशनी के साथ-साथ तापमान भी दस लाख डिग्री तक पहुंच सकता है। इससे लोग और कई इमारतें भस्म हो सकती हैं। रिपोर्ट में आगे बताया गया कि, हवाएं इतनी तेज चलेंगी कि 10 किलोमीटर तक सभी इमारतें, पेड़ या अन्य कोई भी चीज नहीं बचेगी। सबकुछ बर्बाद हो जाएगा। इस तूफान में आग की लपटें होंगी, जिससे धरती पूरी तरह गर्म हो जाएगी। पेड़-पौधे सूखकर मर जाएंगे। यहां तक कि स्टील और कांच भी पिघलने लगेगा। आसमान में एक विशाल बादल बनेगा, जिसमें रेडियोएक्टिव कण 100 किमी तक फैलकर घातक रेडिएशन फैलाएंगे। ब्लास्ट के पहले घंटे में करीब 2 लाख लोग मर सकते हैं। महीनों बाद 1 लाख लोग कैंसर से पीड़ित होंगे। जहां परमाणु बम फटेगा वो जगह, एक विशाल कब्रिस्तान बन जाएगी। अधिकांश ऊंची इमारतों को थामे रखने वाले विशाल स्टील के खंबे मक्खन की तरह पिघल जाएंगे। रेत इतनी गर्म हो जाएगी कि वह पॉपकॉर्न की तरह फटने लगेगी। विस्फोट के आसपास के लोगों को तेज जलन महसूस होगी। परमाणु हमले को लेकर 1980 में वैज्ञानिकों ने न्यूक्लियर विंटर थ्योरी पेश की थी। यह थ्योरी हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु हमलों के असर को देखते हुए विकसित किया गया था। इसके अनुसार अगर किसी भी स्तर पर परमाणु युद्ध होता है, तो इसका सीधा असर वैश्विक तापमान पर पड़ेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि एक बड़े स्तर पर परमाणु विस्फोट के बाद धरती का औसत तापमान 10 सालों में लगभग 10 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। इससे सूरज की रोशनी धरती तक नहीं पहुंचेगी, पेड़-पौधे मुरझा जाएंगे। वैश्विक खाद्य उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होगा। इसका नतीजा सीधे तौर पर भुखमरी और वैश्विक खाद्य संकट के रूप में सामने आएगा। अगर भविष्य में कोई परमाणु हमला होता है, तो बचाव के लिए समय बहुत कम होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि विस्फोट के तुरंत बाद रेडिएशन का प्रभाव फैलने लगता है।रेडिएशन के फैलने के तुरंत बाद भागने की कोशिश न करें। इसकी बजाय, सुरक्षित जगह पर छिपने का प्रयास करें। आप जहां भी हैं, यदि वहां कोई ठंडी, बंद और सुरक्षित जगह है, तो वहां पनाह लें। अगले 24 घंटों तक बाहर न निकलें, क्योंकि रेडिएशन के प्रभाव से यही सबसे सुरक्षित तरीका होगा। रेडिएशन के कण कपड़ों में चिपक सकते हैं, इसलिए तुरंत अपने कपड़े उतारकर उन्हें एक प्लास्टिक बैग में डालें। इन्हें सुरक्षित स्थान पर रखें और इंसानों या जानवरों से दूर रखें। इससे आप रेडिएशन के संपर्क में आने से बच सकते हैं। अपने शरीर से रेडिएशन कण हटाने के लिए साबुन और पानी से नहाएं। हालांकि, शरीर को ज्यादा रगड़ने से बचें, क्योंकि इससे रेडिएशन कण शरीर में और फैल सकते हैं। आंख, नाक और कान को साफ करने के लिए केवल साफ कपड़े का इस्तेमाल करें। वहीं यदि आप खुले स्थान पर हैं, तो जितना हो सके, हवा के संपर्क में आने से बचें। घर के अंदर ठंडी जगह पर छिपने का प्रयास करें और खिड़कियों तथा दरवाजों को बंद रखें। इससे रेडिएशन के संपर्क में आने का खतरा कम होगा। पीने के पानी तक को खुला न छोड़े। हवा के संपर्क में आते ही पानी में परमाणु के अणु फैल जाते हैं।
बेहद खतरनाक होगा परमाणु हमला, मारे जाएंगे लाखों लोग
10-May-2025