जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। दुश्मन देशों के होश पाख्ता करने के लिए भारतीय वायुसेना ने बड़ा फैसला लिया है। भारत अब खुद तेजस और सुखोई की मिसाइलें बनाएगा। इस मिसाइल का नाम अस्त्र है। इसका उत्पादन कर रूसी एसयू-30 और स्वदेशी एलसीए तेजस लड़ाकू विमान में सेट किया जाएगा। स्वदेशी मिसाइल निर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए डीआरडीओ ने बड़ा प्लान तैयार किया है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत डायनेमिक्स लिमिटेड यानी बीडीएल को 200 एस्ट्रा मार्क 1 एयर-टु-एयर मिसाइलों के उत्पादन की मंजूरी दी है। बता दें कि एस्ट्रा मार्क 1 यानी अस्त्र मिसाइलों को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की ओर से विकसित किया गया है। जिसका उत्पादन बीडीएल करेगी। भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने बताया कि डिप्टी चीफ एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित की हैदराबाद यात्रा के दौरान बीडीएल को उत्पादन की मंजूरी मिली है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि रक्षा अधिग्रहण परिषद की ओर से 2,900 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना के लिए 2022-23 में मंजूरी दी गई थी। सभी परीक्षणों और विकास के पूरा होने के बाद अब उस आॅर्डर के लिए उत्पादन मंजूरी दे दी गई है। रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला इस परियोजना के लिए नोडल लैब है। एस्ट्रा मिसाइलों को उत्पादन के बाद रूसी मूल के एसयू-30 और स्वदेशी एलसीए तेजस लड़ाकू विमान में इंटीग्रेटेड यानी एकीकृत किया जाएगा। इससे दोनों विमानों की मारक क्षमता बढ़ जाएगी। भारतीय वायु सेना मिसाइलों के लिए कई स्वदेशी परियोजनाओं में मदद कर रही है। इसमें हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों सहित तीन से चार कार्यक्रम पूरे होने वाले हैं। डीआरडीओ और आईएएफ द्वारा एस्ट्रा कार्यक्रम को धीरे-धीरे आगे बढ़ाया जा रहा है। 300 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली लंबी दूरी की एस्ट्रा मिसाइल का परीक्षण और विकास करने की भी योजनाएं चल रही हैं। बता दें कि अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए भारतीय वायुसेना पहली बार मल्टीनेशनल एयर एक्सरसाइज तरंग शक्ति करने जा रही है। यह एक्सरसाइज दो चरणों में होगी। पहला चरण 06-14 अगस्त तक चलेगा। वहीं दूसरा चरण 29 अगस्त-14 सितंबर तक चलेगा। इस एक्सरसाइज में 10 देश हिस्सा लेंगे। साथ ही 18 देश पर्यवेक्षक के तौर पर भागीदारी करेंगे। इस एक्सरसाइज में भारतीय नौसेना भी एयरक्राफ्ट के साथ हिस्सा लेगी।
भारतीय वायुसेना का बड़ा फैसला, दुश्मनों के होश होंगे पाख्ता
05-Aug-2024