भारतीय हमलों से कांपा पाकिस्तान, 9 आतंकी ठिकाने ध्वस्त, 100 दफन

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। तीनों पराक्रमी सेनाओं ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। पीओके के साथ पाकिस्तान मेनलैंड को निशाना बनाने को लेकर दुनियाभर के एक्सपर्ट्स बता रहे हैं कि भारत का ये हमला बेहद व्यापक रहा। हमले में 100 से ज्यादा आतंकियों के ढेर होने की खबर है। पिछले दो सप्ताह से पाकिस्तान की कायराना हरकत के खिलाफ भारत में जिस तरह का आक्रोश था, आखिर बहादुर सेनाओं ने उस आक्रोश को दूर कर दिया। सेना ने आॅपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के कई आतंकी अड्डों को तबाह कर दिया। तीनों सेनाओं के संयुक्त अभियान में 100 से ज्यादा आतंकी ढेर हुए हैं। भारत सरकार ने अपने बयान में कहा कि इस आपरेशन में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया है। वहीं दूसरी तरफ, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के द्वारा की गई एयरस्ट्राइक को कायराना बताया। वहीं विदेशी एक्सपर्ट्स ने इसे कल्पना से भी परे बताया। उनका कहना है कि यह 2016 और 2019 से भी घातक एक्शन है। बता दें कि पीएम मोदी ने पहले ही चेतावनी दी थी कि पहलगाम के गुनहगारों ने जैसा सोचा होगा, उससे भी कई गुना ज्यादा बड़ी सजा दी जाएगी। इस बार ऐसा ही हुआ है, क्योंकि भारतीय सेनाओं ने इस बार ना सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर बल्कि पाकिस्तान के पंजाब इलाके में भी एक्शन लिया है। भारतीय सेना द्वारा लिया गया ये एक्शन पिछली कार्रवाई से काफी बड़ा है, इस बात की गवाही अब इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स दे रहे हैं। बता दें कि पहलगाम में हुए हमले में आतंकवादियों ने पुरुषों को निशाना बनाया था, जिसमें कई महिलाएं विधवा हो गई थी। इसलिए भारत की तरफ से की गई कार्रवाई को आॅपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। भारत ने जिन नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया ये बेहद अहम हैं। ये लंबे समय से आतंकियों की पनाहगाह थे। इनमें बहावलपुर, मुरीदके, चक अमरू, सियालकोट, भीमबेर, गुलपुर का नाम शामिल है। इसके अलावा कोटली, बाघ और मुजफ्फराबाद के इलाके भी शामिल हैं। बहावलपुर अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था, जिसे भारतीय सेनाओं ने ध्वस्त कर दिया है। वहीं मुरीदके आतंकी ठिकाना इंटरनेशनल बॉर्डर से 30 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां लश्कर-ए-तैयबा का शिविर था जो कि 26/11 मुंबई हमले से जुड़ा था। इसी तरह गुलपुर आतंकी ठिकाना एलओसी से 35 किलोमीटर दूर स्थित है। इसी तरह लश्कर कैंप सवाई को भी ध्वस्त किया गया है। ये आतंकी ठिकाना पीओके तंगधार सेक्टर के अंदर 30 किलोमीटर दूर स्थित है। वहीं बिलाल कैंप जैश-ए-मोहम्मद का लॉन्चपैड कहा जाता है। ये ठिकाना आतंकियों को सीमा पार भेजने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इसी तरह कोटली एलओसी से 15 किलोमीटर दूर स्थित लश्कर का शिविर है। ये 50 से अधिक आतंकियों की क्षमता वाला ठिकाना था। भारत ने जिन ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की है, उसमें  बरनाला कैंप शामिल है। ये आतंकी ठिकाना एलओसी से 10 किलोमीटर दूर स्थित है। वहीं सरजाल कैंप- सांबा-कठुआ के सामने इंटरनेशनल बॉर्डर से 8 किलोमीटर दूर स्थित जैश का प्रशिक्षण केंद्र है। मेहमूना कैंप भी आतंकवादियों का अड्डा था। यह सियालकोट के पास है। ये हिज्बुल मुजाहिद्दीन का प्रशिक्षण शिविर था और इंटरनेशनल बॉर्डर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित था।