जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के बीच पाकिस्तान की एक और सामत आने वाली है। भारत को जल्द ही रूस से खतरनाक और स्टील्थ क्षमता से युक्त युद्धपोत मिलने वाला है। इस शिपयार्ड में ब्रह्मोस मिसाइलें लगी हैं। जो नौसेना की ताकत बढ़ाएंगी। साथ ही हिंद-प्रशांत में नौसेना की रणनीतिक ताकत को मजबूत करेगाा। आतंकी नेटवर्क पर एयरस्ट्राक के बीच भारत को 28 मई को बड़ा युद्धपोत मिल जाएगा। यह दुनिया का सबसे उन्नत मल्टी-रोल स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट्स में से एक है। इसका नाम तमाल है। इसे रूस के यांतर शिपयार्ड में बनाया गया है। यह युद्धपोत घातक ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइल लॉन्च करने में सक्षम है। बता दें कि 2016 में भारत-रूस समझौते के तहत चार तलवार-श्रेणी के स्टील्थ फ्रिगेट्स का निर्माण किया जा रहा है। यह उसी में शामिल है। इस समझौते के तहत दूसरा युद्धपोत अब तैयार है। इसे जून 2025 तक भारतीय नौसेना में शामिल किए जाने की उम्मीद है। रूस में निर्मित दो फ्रिगेट्स में से पहला आईएनएस तुशील भारतीय नौसेना में शामिल हो चुका है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 9 दिसंबर 2024 को रूस की अपनी यात्रा के दौरान इसे औपचारिक रूप से शामिल किया था। 20,116 किलोमीटर की अधिक की यात्रा कर आईएनएस तुशील भारत पहुंच था। अब भारतीय नौसेना के अधिकारियों की मौजूदगी में रूस में तमाल के परीक्षण पूरे किए गए हैं। इसके लिए, लगभग 200 भारतीय नौसेना कर्मियों ने प्रशिक्षण लिया। इसके बाद युद्धपोत भारत की यात्रा के लिए तैयार किया गया। तलवार की तरह तेज धार वाला, तमाल सटीक हमलों और उच्च गतिशीलता के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह 30 नॉट यानी 55 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चल सकता है। यह एक मिशन पर 3,000 किलोमीटर की परिचालन रेंज रखता है। यह युद्धपोत सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल दाग सकता है। ऐसे में यह दुश्मन के जहाजों के लिए बड़ा खतरा है। इसमें पनडुब्बी रोधी हथियार लगे हैं। रॉकेट और टॉरपीडो पानी के नीचे दुश्मन देश की सबमरीन को पलभर में ध्वस्त कर सकते हैं। यह एक मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर को ले जा सकता है। जो निगरानी और युद्ध मिशनों के लिए उपयोगी है। यह दुश्मन के रडार से बचने के लिए बनाया गया है। इसका वजन 3,900 टन है। इस युद्धपोत में ए-190 ई नेवल गन सेट की गई है। बता दें कि ये जंगी जहाजों पर लगाई जाने वाली 100 मिलिमीटर की मल्टीपरपज ऑर्टिलरी गन है। ये हथियार हवा, जंगी जहाज, सतह, जमीन पर हमला कर सकती है। इसमें लगने वाली एक गोली का वजन 26.8 किलोग्राम होता है। ये हथियार माइनस 10 डिग्री से लेकर प्लस 85 डिग्री तक घूमकर हमला कर सकता है। नेवल गन एक मिनट में 60 राउंड फायर करती है। यानी हर सेकेंड में एक गोली निकलती है जो किसी भी बड़े जहाज, कैरियर, विमान या हेलिकॉप्टर या पनडुब्बी को निशाना बना सकती है। इस हथियार में 350 गोलियां स्टोर रहती हैं। जरूरत पड़ने पर कुछ ही मिनट में फिर से रीफिल हो जाता है। ये चारों दिशाओं में घूमकर हमला करने में सक्षम हैं। तमाल पर ब्रह्मोस एंटी-शिप क्रूज मिसाइल सिस्टम के साथ अन्य खतरनाक हथियार तैनात हैं। इनमें 8 वर्टिकल लॉन्च एंटी-शिप मिसाइल क्लब, 8 वर्टिकल लॉन्च एंटी-शिप तैनात है। ये जंगी जहाज इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम से लैस हैं। साथ ही 4 केटी-216 डिकॉय लॉन्चर्स लगे हैं। इसमें 24 श्टिल-1 मीडियम रेंज की मिसाइलें तैनात हैं।
भारत को जल्द रूस से मिलेगा खतरनाक और स्टील्थ क्षमता से युक्त युद्धपोत
08-May-2025