अवैध घुसपैठिए बांग्लादेशियों पर गुजरात में अब तक का सबसे बड़ा एक्शन  

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। अवैध घुसपैठिए बांग्लादेशियों पर गुजरात में अब तक का सबसे बड़ा एक्शन  हुआ है। अहमदाबाद में बसा मिनी बांग्लादेश बुलडोजर से जमींदोज किया जा रहा है। यहां एक दो हजार नहीं बल्कि 10 हजार से अधिक अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जा रहा है। सुरक्षा के लिए 3000 पुलिस वालों की फौज तैनात की गई है। अहमदाबाद में बसे मिनी बांग्लादेश पर प्रशासन सख्त कार्रवाई कर रहा है। 

प्रवासियों के अवैध घरों पर बुलडोजर

बांग्लादेश के प्रवासियों के अवैध घरों को हटाने के लिए बुलडोजर एक्शन शुरू हो चुका है। बता दें कि अहमदाबाद का चंडोला तालाब क्षेत्र मिनी बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है। यहा आज से मेगा डिमोलिशन का दूसरा चरण शुरू हो चुका है। अहमदाबाद नगर निगम ने इस आॅपरेशन के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की है। जिसमें 50 से अधिक बुलडोजर और 3000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। पहले चरण में 1.5 लाख वर्ग मीटर जमीन को अतिक्रमण मुक्त किया गया था। अब इस चरण में 2.5 लाख वर्ग मीटर जमीन को साफ करने का लक्ष्य है। 

3 दिन तक चलेगा डिमोलिशन 

यह डिमोलिशन 3 दिन तक चलेगा। इस दौरान 10 हजार से ज्यादा अवैध निर्माण ध्वस्त किए जाएंगे। बता दें कि नगर निगम ने पहले चरण के बाद दूसरे चरण के लिए सर्वे किया था। जिसमें 8 हजार अवैध निर्माण पाए गए थे। जिन्हें खाली करने का नोटिस दिया गया था। अहमदाबाद नगर निगम का कहना है कि साल 2010 से पहले से रह रहे लोगों को वैकल्पिक आवास मिलेगा। जिसके लिए नियमों के अनुसार फॉर्म सभी को दिया गया है। जो इसके तहत पात्र होंगे, उन्हें यहां से हटने पर वैकल्पिक आवास प्रदान किया जाएगा। 
नगर निगम ने की पूरी तैयारी 

नगर निगम ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है।  पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक कहा कहना कि ये अवैध निर्माण अवैध बांग्लादेशी नागरिकों का ठिकाना बन चुके थे। पिछले महीने शहर में 250 अवैध बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए थे। जिनमें से 207 चंडोला तालाब के अवैध निमार्णों में रहते थे। ये गैरकानूनी गतिविधियों से जुड़े थे। इससे पहले साल 2009 में 95 अवैध बांग्लादेशी पकड़े गए थे। तब भी यहां डिमोलिशन किया गया था। दूसरे चरण के दौरान एक जेसीपी, एक एडीसीपी, 6 डीसीपी, एसीपी को तैनात किया गया है। इसके अलावा पीआई सहित कुल 3 हजार से ज्यादा पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे। साथ ही 25 एसआरपी कंपनियां भी मौजूद रहेंगी। बता दें कि पहले चरण के दौरान स्थानीय लोगों ने गुजरात हाईकोर्ट में जाकर डिमोलिशन रोकने की मांग की थी। कोर्ट ने तालाब पर बने सभी निमार्णों को अवैध बताते हुए  डिमोलिशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद प्रशासन ने 4 हजार अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिए थे। अब दूसरे चरण में बाकी अवैध निमार्णों को ध्वस्त करके तालाब का हिस्सा खाली करवाया जाएगा। प्रशासन यह भी सुनिश्चित करेगा कि इस खाली जगह पर दोबारा कोई अवैध निर्माण न हो। अवैध बांग्लादेशियों और म्यांमार से आए अवैध घुसपैठियों पर केंद्र सरकार ने सख्त निर्देश दिए हैं। केंद्र ने सभी राज्यों से कहा है कि 30 दिन के भीतर अवैध प्रवासियों की पहचान और उनके दस्तावेजों की जांच करें। अगर 30 दिन में वे 30 दिनों में अपने दस्तावेजों की पुष्टि नहीं कर पाते हैं तो उन्हें देश से बाहर निकाला जाए। इसी तरह अवैध प्रवासियों का सबसे बड़ा अड्डा बने झारखंड के मुख्य सचिव को केंद्र सरकार ने पत्र लिखा है। जिसके अनुसार यहं बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों की पहचान कर उन्हें निकाला जाएगा। इसके लिए राज्य में जल्द ही कार्रवाई शुरू होगी। इस अभियान के तहत सभी जिलों में स्पेशल टास्क फोर्स बनाई जाएगी, जो इनकी पहचान का काम करेगी। इसके बाद ऐसे लोगों को होल्डिंग सेंटर्स में रखा जाएगा। वहां जांच के बाद उन्हें बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स और कोस्ट गार्ड को सौंपा जाएगा। जो उन्हें उनके देश भेजेगा। अगर कोई व्यक्ति भारतीय नागरिक होने का दावा करता है, तो उसके दावे की 30 दिनों में जांच की जाएगी। संबंधित राज्य और जिला प्रशासन को यह जिम्मेदारी दी गई है। इस मुद्दे पर झारखंड हाईकोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। संथाल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर चिंता जताई गई है। 1951 में जहां आदिवासी आबादी 44.67 प्रतिशत थी, वह 2011 में घटकर 28.11 फीसदी रह गई। इसे घुसपैठ का असर माना जा रहा है।