नई दिल्ली। गोल्ड यानी सोने को सबसे कीमती धातुओं में से एक माना जाता है। यह प्राचीन काल से ही धन, सौंदर्य और शक्ति का प्रतीक रहा है। भारत में तो शुभ अवसरों पर सोने के आभूषण पहनने की परंपरा रही है। लेकिन, क्या आपको पता है कि धरती पर सोना कहां से आया। नए शोध में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। सोना प्रकृति में शुद्ध रूप में पाया जाने वाला एक दुर्लभ तत्व है। लेकिन यह हमेशा से धरती पर मौजूद नहीं था। वैज्ञानिकों ने नए शोध में दावा किया है कि अरबों साल पहले हुई उल्का वर्षा के कारण धरती पर सोना पैदा हुआ था। उनका मानना है कि आज से लगभग 4 अरब साल पहले हमारी पृथ्वी धीरे-धीरे ठंडी होने लगी थी। इस दौरान पृथ्वी पर मौजूद धातुएं ठंडी होकर जमने लगीं। जिसमें ऊर्जा और दबाव से उत्पन्न सोने के कण भी पृथ्वी की सतह के भीतर जमा हो गए थे। वैज्ञानिकों के अनुसार, जमीन की बाहरी परत का घनत्व प्रति घन सेंटीमीटर 2.6 ग्राम है। जिसके चलते मैग्नीशियम, एल्यूमीनियम, पोटेशियम, कैल्शियम और सोडियम जैसे तत्व इसके ऊपरी सतह पर उभरकर आने लगे। ये तत्व काफी हल्के थे। वहीं, तांबा, शीशा, प्लेटिन और लोहा जैसी भारी धातुएं पाताल में चली गई। धरती पर प्लेट्स की चहल-पहल के कारण ज्वालामुखी विस्फोट होने लगा, जिससे धरती के अंदर मौजूद धातु उछलकर पृथ्वी की सतह पर आने लगीं। वैज्ञानिकों का कहना है कि धीरे-धीरे ज्वालामुखी के पिघलने के कारण सोने के कण बहकर समुद्रों और नदियों में पहुंच गए। आज सोना पृथ्वी के नीचे चट्टानों, खनिजों और नदियों की रेत में बारीक कणों के रूप में मिलता है। दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, चीन, रूस, भारत और अमेरिका जैसे देशों में सोने की खदान पाई जाती हैं। भारत में कर्नाटक के कोलार और कर्नाटक-आंध्र प्रदेश सीमा पर स्थित हुत्ती जैसी खदान ऐतिहासिक रूप से प्रसिद्ध रही हैं। सोना भंडारण के मामले में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल है। कहा जाता है कि वर्षों पहले भारत के व्यापारी विदेशों में कपड़ा, मसाले और कलाकृतियां बेचा करते थे। जिसके बदले व्यापारियों को सोना मिलता था। ऐसा करते-करते भारत सोने को संरक्षित करने वाला देश बन गया। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में आम लोगों के पास करीब 25 हजार टन सोना है जो दुनिया में सबसे अधिक है। वहीं, देश के सरकारी खजाने में करीब एक हजार टन सोना मौजूद है।
धरती पर आखिर कहां से आया सोना, वैज्ञानिकों ने खोला राज
07-May-2025