धरती की ओर तेजी से आ रहा है विशालकाय एस्टेरॉयड

नई दिल्ली: नासा के वैज्ञानिकों ने धरती पर बड़ी तबाही के संकेत दिए हैं। यह तबाही एक विशालकाय एस्टेरॉयड के रूप में धरती की तरफ तेजी से बढ़ रही है। इस एस्टेरॉयड के 8 से 9 दिन में पृथ्वी पर पहुंचने की संभावना है। नासा के वैज्ञानिक इस एस्टेरॉयड के मार्ग पर नजर बनाए हुए है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हवाई जहाज के आकार के एक विशाल एस्टेरॉयड यानी क्षुद्रग्रह को लेकर चेतावनी जारी की है। यह एस्टेरॉयड 73 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की तरफ बढ़ रहा है। वैज्ञानिकों ने ऐसे क्षुद्रग्रहों की लिस्ट जारी की है, जो अगले 8-9 दिनों में धरती के करीब आने वाले हैं। इनमें सबसे बड़ा क्षुद्रग्रह 67 मीटर के आकार का है। वैज्ञानिकों ने इसका नाम 2024 एनएफ रखा है।  नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक, अंतरिक्ष में यात्रा कर रहे वे पिंड ही धरती के लिए खतरनाक होते हैं, जो 74 लाख किलोमीटर की दूरी के अंदर होते हैं। साथ ही जिनका आकार 150 मीटर से बड़ा होता है। चूंकि, एस्टेरॉयड 2024 एनएफ केवल 67 मीटर बड़ा है, इसलिए यह धरती को कोई खास नुकसान नहीं पहुंचाएगा। नासा की जेट प्रपल्शन प्रयोगशाला के डेटा के अनुसार, यह एस्टेरॉयड धरती से 48 लाख किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा। बता दें कि नासा के वैज्ञानिक ऐसे एस्टेरॉयड पर लगातार पैनी नजर रखते हैं, जो धरती के लिए खतरा बन सकते हैं। बीते कुछ दिनों में उन्होंने कई ऐसे एस्टेरॉयड को देखा है जो पृथ्वी के नजदीक से गुजरे हैं। वहीं, कुछ एस्टेरॉयड अभी आने वाले हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि वे अपने आकार के चलते धरती पर कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। बीते 16 जुलाई को एक एस्टेरॉयड 2024 बीवाई15 पृथ्वी से 61 लाख किलोमीटर की दूरी से गुजरा था। लेकिन, उससे धरती को कोई नुकसान नहीं हुआ था। वैज्ञानिकों का दावा है कि 21 जुलाई को एक और क्षुद्रग्रह 2024 एमजी91 धरती के बेहद करीब से गुजरेगा। इसकी लंबाई 55 मीटर है, और यह धरती से करीब 42 लाख किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा। बता दें कि सौरमंडल में घूम रहे ठोस पदार्थों और धातु के पिंडों को एस्टेरॉयड कहा जाता है। अगर इनका आकार बड़ा हो तो इनमें ग्रहों को नुकसान पहुंचाने की क्षमता होती है। वहीं, अगर ये छोटे होते हैं तो इससे ग्रहों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। वैज्ञानिक इन क्षुद्रग्रहों पर नजर रखते हैं, जिन्हें मानदंडों के आधार पर खतरनाक या साधारण रूप में वर्गीकृत किया जाता है।