जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। आसमान में भयंकर सोलर तूफान ने कोहराम मचा दिया। सूरज और धरती के बीच 2 घंटे तक की सनसनीखेज घटना घटी। जिससे सभी हैरान है। यह सोलर तूफान अगर धरती तक पहुंचा तो 30 मिनट में पूरी दुनिया तबाह हो सकती है। नासा समेत दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियों ने पहले ही चेतावनी दे रखी है कि एक सौर तूफान धरती की तरफ आ रहा है। इसी बीच आसमान में सोलर तूफान की वजह से ऐसी घटना घटी जो बेहद दुर्लभ थी। विशाल सौर तूफान ने सूर्य और पृथ्वी के बीच 2 घंटे का चुंबकीय राजमार्ग खोल दिया। सूर्य पर यह सनसनीखेज घटना लगभग दो घंटे तक चली। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। यह सौर तूफान बेहद खतरनाक था। इससे ग्रह के मैग्नेटोस्फीयर में बदलाव आया। इस घटना के परिणामस्वरूप सूर्य और पृथ्वी के बीच दोनों दिशाओं में आवेशित कण दिखे और दोनों छोर पर आरोरा चमकने लगे। बता दें कि पिछले साल अप्रैल में भड़के एक विशाल सौर तूफान ने पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के एक हिस्से को पूरी तरह से नष्ट कर दिया था। सौर तूफान की घटना के बारे में नासा ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया है। जिसमें लिखा कि तूफान के दौरान कुछ समय के लिए सूर्य और पृथ्वी के बीच एक दो-तरफा राजमार्ग बन गया। दूसरे शब्दों में कहे तो सूर्य से पृथ्वी की ओर जाने वाला सामान्य एक-तरफा प्रवाह अचानक दोनों दिशाओं में चलने लगा। जिसके बाद सूरज से धरती और धरती से सूरज की तरफ कण आने और जाने लगे। नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार ग्रह के कण सूर्य के वायुमंडल से टकरा रहे थे। नासा के मैग्नेटोस्फेरिक मल्टीस्केल अंतरिक्ष यान ने आवेशित कणों की बारिश का पता लगाया। जिससे विशाल ग्रह में पराबैंगनी आरोरा की किरणें देखी गई। स्पेस डाट कॉम वेबसाइट में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार धरती की तरफ तीन अलग-अलग कोरोनल मास इजेक्शन बढ़ रहे हैं। जिसका मतलब है कि इस सप्ताह अमेरिका और यूरोप में कई सारी तबाही दिख सकती है। सूय के चुंबकीय क्षेत्र और प्लाज्मा में विशाल विस्फोट हुआ जो सूर्य से निकलने वाले सौर फ्लेयर्स से उत्पन्न हुए हैं। स्पेसवेदर डाट कॉम के अनुसार तीसरा और अंतिम कोरोनल मास इजेक्शन 8 अगस्त को सूर्य की सतह से फटा था। यह 1,000 किलोमीटर प्रति सेकंड यानी 2.2 मिलियन मील प्रति घंटे से अधिक तेज गति से धरती की ओर आगे बढ़ रहा है। बता दें कि सोलर तूफान के खतरे को लेकर नासा ने लोगों को पहले से ही चेतावनी दी हुई है। नासा के मुताबिक अगर यह सैर तूफान धरती से टकराया तो केवल 30 मिनट पहले ही अलर्ट जारी किया जा सकेगा। इन 30 मिनट में यह तूफान धरती पर तबाही मचा देगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि सोलर तूफान से निकलने वाला रेडिएशन पूरी दुनिया को प्रभावित कर सकता है। इतना ही नहीं यह धरती के आसपास के वातावरण में भी असर दिखाता है। इतिहास में पहले भी कई सोलर तूफान दर्ज किए जा चुके हैं। कनाडा के क्यूबेक शहर में एक सोलर तूफान साल 1989 में दर्ज किया गया था। इसकी वजह से पूरे शहर की बिजली लापता हो गई थी। वहीं 1859 में अमेरिका में महाशक्तिशाली सौर तूफान नोटिस किया गया था। बता दें कि सोलर स्ट्रोम के खतरे से दुनिया को बचाने के लिए नासा के वैज्ञानिक कटार नाम की एक नई तकनीक पर शोध कर रहे हैं। डेली स्टार में छपी एक खबर के अनुसार यह सोलर स्ट्रोम से जुड़ी जानकारी देने में मदद करेगा। इस तकनीक की मदद से सोलर तूफान का कुछ मिनट पहले अनुमान लगाया जा सकता है और इसकी दिशा भी बताई जा सकती है।
धरती की ओर आ रहा सोलर तूफान, 30 मिनट होंगे बेहद खतरनाक
20-Aug-2024