नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा की शीशे को बदलकर सोना बनाया जा सकता है। तो शायद आपका जवाब होगा नहीं। लेकिन, अब यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों ने इस असंभव को संभव कर दिखाया है। उन्होंने शीशे को सोने में बदलने का दावा किया है। उनकी इस उपलब्धि पर दुनिया में हड़कंप मच गया है। पुराने जमाने से ही शीशे को सोने में बदलने की कोशिश होती रही है। मध्यकाल में रसायन विज्ञानी और ज्योतिष शीशे से सोना बनाने के लिए कई रहस्यमयी प्रयोग करते थे। जिसे ‘कीमियागर’ कहा जाता था। उनका मानना था कि शीशे से सोना बनाया जा सकता है। लंबे समय से चली आ रही इस खोज का सपना अब साकार हो गया है। यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों ने शीशे को सोने में बदलने में सफलता पाई है। हालांकि, यह कुछ पल के लिए ही संभव हो पाया है। फिजिकल रिव्यू जर्नल्स में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने शीशे के नाभिकों की उच्च-ऊर्जा टक्करों के दौरान सोने के नाभिकों के निर्माण का पता लगाया। इस दौरान उन्हें मौलिक बलों और स्थितियों के बारे में मूल्यवान जानकारी प्राप्त हुई। जो आधुनिक भौतिकी के माध्यम से एक पुरानी रसायन विज्ञान की उम्मीद पर पूरी तरह से खरी उतरी है। रिपोर्ट के अनुसार, लेड सोने के समान घनत्व का होता है, जिसे लंबे समय से इसके सुंदर रंग और दुर्लभता के लिए जाना जाता रहा है। बाद में यह स्पष्ट हुआ कि लेड और सोना अलग-अलग रासायनिक तत्व हैं और इसकी रासायनिक विधियां एक को दूसरे को बदल नहीं सकती हैं। वैज्ञानिकों ने खुलासा किया कि 2015 और 2018 के बीच भी लगभग 86 बिलियन सोने के नाभिक बनाए गए थे। ये सभी 99 प्रतिशत से ज्यादा प्रकाश की गति पर शीशा परमाणुओं के एक साथ टकराने से बने थे। इस दौरान सोने की एक अत्यंत छोटी मात्रा बनी जो एक ग्राम के 29 ट्रिलियन वें हिस्से के बराबर थी। वह भी बीम पाइप से टकराकर एक सेकंड के अंदर टुकड़े-टुकड़े हो गई थी। हालांकि, नए शोध पर वैज्ञानिकों का कहना है कि हमारे डिटेक्टर हजारों कणों का उत्पादन करने वाले टकरावों को संभाल सकते हैं या नहीं यह देखना दिलचस्प होगा। बता दें कि 20वीं सदी में परमाणु भौतिकी के उदय के साथ यह पता चला था कि भारी तत्व रेडियोधर्मी क्षय द्वारा या प्रयोगशाला में न्यूट्रॉन या प्रोटॉन की बमबारी के तहत दूसरों में बदल सकते हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि पहले भी शीशे को सोने में बदला जा चुका है। लेकिन अब नए प्रयोग में शीशे के नाभिकों के बीच निकट टकराव से जुड़े एक सिस्टम द्वारा शीशे के सोने में रूपांतरण को मापा गया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उन टकरावों से उत्पन्न होने वाले दुर्लभ कण का विद्युत चुंबकीय ‘परमाणु रूपांतरण’ संभव हो पाता है या नहीं।
शीशे को बदलकर बनाया सोना, वैज्ञानिकों ने किया चमत्कार
14-May-2025