नई दिल्ली। अगर आप करोड़पति बनने का सपने देख रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हाल ही में एक टास्क पूरा करने के लिए इनाम की घोषणा की है। अगर कोई नासा के इस रोमांचक और चुनौतीपूर्ण टास्क को पूरा करेगा तो उसे 25 करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
अंतरिक्ष यात्रियों ने चंद्रमा पर छोड़े 96 बैग
अपोलो मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा चंद्रमा पर छोड़े गए 96 बैग को लेकर नासा परेशान है। एजेंसी चाहती है कि कोई उसे ऐसी तकनीक बताए जिससे वह अंतरिक्ष में मौजूद कचरा जैसे-मल-मूत्र इत्यादि को ऊर्जा या खाद जैसी चीजों में तब्दील कर सके। इसके लिए नासा ने लूना रिसाइकल चैलेंज शुरू किया है। जो भी वैज्ञानिक, टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स या कोई और इस अपशिष्ट को खत्म करने के लिए तकनीक बनाएगा उसे 25 करोड़ का इनाम दिया जाएगा।
अंतरिक्ष यात्रियों ने चंद्रमा पर की लैंडिंग
लगभग 50 साल पहले अपोलो अंतरिक्ष यात्रियों ने चंद्रमा पर 6 बार सफल लैंडिंग की थी। मिशन से लौटते समय वे चट्टानों के बहुत से नमूने लेकर धरती पर आए थे। लेकिन मॉड्यूल में जगह कम होने के कारण उन्होंने बिना जरूरी चीजों को बैग में भरकर चंद्रमा की सतह पर छोड़ दिया था। अभी भी चंद्रमा पर मानव अपशिष्ट से भरे 96 बैग पड़े हुए हैं। पहले इसे बेकार के सामानों में गिना जाता था लेकिन अब इसे चुनौती और अवसर दोनों के रूप में देखा जा रहा है। कचरे को धरती पर लाना संभव नहीं है, इसलिए एजेंसी अंतरिक्ष में ही इसके इस्तेमाल पर जोर दे रही है।
अर्टेमिस मिशन को बढ़ा रहा नासा
बता दें कि नासा अपने अर्टेमिस मिशन को पूरा करने के लिए तेजी से कदम बढ़ा रहा है। जिसका मकसद चंद्रमा पर इंसानों की मौजूदगी को स्थापित करना है। नासा ने बयान जारी करते हुए कहा कि अंतरिक्ष के सभी लंबे मिशनों के लिए जरूरी है कि संसाधनों को संभाल कर रखा जाए, जिससे इसका दोबारा इस्तेमाल किया जा सके। भविष्य के मिशनों के लिए हमें यह तय करना होगा कि अंतरिक्ष में जमा कचरे को कैसे कम किया जा सकता है। साथ ही अंतरिक्ष के वातावरण में इसका इस्तेमाल दोबारा कैसे किया जा सकता है।
लूना रिसाइकल चैलेंज पहल का हिस्सा
दरअसल, लूना रिसाइकल चैलेंज नासा की एक बड़ी पहल का हिस्सा है। जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष में नए-नए तरीकों को खोजना है। यह एक खुली चुनौती है जिसे वैज्ञानिक, इंजीनियर और दुनिया भर के नए विचार रखने वाले लोगों के लिए शुरू किया गया है। इसमें ऐसी चुनौतियों को बनाने के लिए कहा गया है जो अपोलो मिशन के पुराने कचरे को संभाल सके और भविष्य के मिशनों के लिए पैदा होने वाले कचरे को निपटा सके। अभी तक मिले आवेदनों के मूल्यांकन का काम जारी है। इसके लिए जजों के एक पैनल का गठन किया गया है। जिसका आइडिया या तकनीक सबसे बेहतर होगी उसे ही इनाम दिया जाएगा।