जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। हिंदू लड़कियों को जाल में फंसाकर धर्मांतरण के मास्टरमाइंड छांगुर बाबा के खिलाफ कार्रवाई जारी है। अब एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। छांगुर बाबा बलरामपुर और आसपास के जिलों की डेमोग्राफी बदलना चाहता था। वह हिंदू धर्म के प्रति घृणा फैलाकर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना चाहता था। इस हैवान पर ढेड़ हजार से ज्यादा हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण का आरोप है।
अवैध धर्मांतरण रैकेट के खिलाफ पुख्ता सुराग
छांगुर बाबा के अवैध धर्मांतरण रैकेट के खिलाफ पुख्ता सुराग मिलने के बाद जांच का जिम्मा यूपी एटीएस को सौंप दिया गया है। एटीएस अवैध धर्मांतरण का शिकार लोगों को चिन्हित कर रही है। एसटीएफ के अनुसार हजारों हिंदू लड़कियों का अवैध धर्मांतरण कराने वाला हैवान छांगुर बाबाद बलरामपुर व आसपास के जिलों की धार्मिक बसावट बदलना चाहता था। वह गैर-मुस्लिमों को इस्लाम अपनाने के लिए हर तरह का लालच देता था। पुलिस और एटीएस सूत्रों की मानें तो वह भारत-नेपाल सीमा पर दावा केंद्र बनाने की पूरी योजना पर काम कर चुका था। इसके लिए विदेशों से फंडिंग भी आनी शुरू हो गई थी।
नीतू उर्फ नसरीन की रिमांड पर खुलासा
अब एटीएस ने छांगुर और उसकी करीबी नीतू उर्फ नसरीन को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट को चौंकाने वाली जानकारियां दी हैं। जिसके अनुसार वह हिंदू धर्म के प्रति नफरत फैलाकर भारत को इस्लामी मुल्क बनाना चाहता था। सूत्रों के मुताबिक छांगुर बाबा बलरामपुर आने से पहले महाराष्ट्र और दुबई में अपना नेटवर्क बना चुका था। महाराष्ट्र में भी उसने बड़ी संख्या में लोगों का अवैध तरीके से धर्मांतरण कराया है। हिंदुओं को इस्लाम धर्म में शामिल कराने में जुटीं खाड़ी देशों की कई संस्थाओं में उसकी गहरी पैठ बन गई। वहीं बलरामपुर आने के बाद उसने आसपास के जिलों में अवैध धर्मांतरण कराना शुरू कर दिया। एटीएस के अनुसार उसके करीबी रिश्तेदार और अनुयायी जगह-जगह जाकर इस्लाम धर्म में लोगों को शामिल होने के लिए प्रेरित करने के कार्यक्रम करते थे। उसके कई रिश्तेदारों पर आजमगढ़ में इसी तरह अवैध धर्मांतरण कराने पर दो वर्ष पूर्व मुकदमा भी दर्ज हुआ था। एसटीएफ की जांच रिपोर्ट की मानें तो बलरामपुर और आसपास के जिलों में उसने पुलिस, प्रशासन, एलआईयू के कुछ अफसरों को मुंहमांगी रकम देकर खरीद लिया था। इसी वजह से उसका विरोध करने वालों पर तत्काल मुकदमा दर्ज कर लिया जाता था। उसके समर्थक विरोध करने वालों के साथ मारपीट पर उतारू हो जाते थे और बाद में पीड़ित के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज करा देते थे।
धर्मांतरण की बाकायदा फीस तय
एटीएस के अनुसार इस गिरोह में हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण की बाकायदा फीस तय थी। ब्राह्मण, ठाकुर और सिख लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराने पर 15 से 16 लाख रुपये मिलते थे। पिछड़ी जाति की लड़कियों का धर्म परिवर्तन के लिए 10 से 12 लाख रुपये दिए जाते थे। अन्य जातियों के लिए 8 से 10 लाख रुपये मिलते थे। यह भी पता चला कि इस नेटवर्क को 100 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी फंडिंग मिली है। जमालुद्दीन बाबा ने अब तक 40 से 50 बार इस्लामिक देशों की यात्रा की है। बलरामपुर में उसने कई संपत्तियां भी खरीदी हैं। एटीएस का कहना है कि इस नेटवर्क की पहुंच पूरे भारत में फैली हुई है। देखा जाए तो यह पूरा मामला द केरला फिल्मस की तरह है। फिलहाल अभी इस मामले में यह बात सामने नहीं आई है कि धर्म परिवर्तन के बाद लड़कियों को क्या खाड़ी देशों में सेक्स स्लैब्स बनाकर बेचा जाता था। यानी इस खेल में लड़कियों का ऐसा शोषण होता है जिससे उनका जीवन नर्क बन जाता है। माना जा रहा है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी वैसे-वैसे कई खुलासे होंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि धर्मातंरण के इस गंदे खेल में छांगुर बाब जैसे कितने और लोग शामिल हैं। जैसे कि यूपी और महाराष्ट्र में यह खेल काफी समय से चल रहा था। अब जाकर यह पकड़ में आया है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार को इस मामले में सतर्क रहना होगा।
तीसरे दिन बुलडोजर की कार्रवाई
फिलहाल छांगुर बाबा के शानदार आशियानें पर तीसरे दिन बुलडोजर की कार्रवाई चल रही है। उसकी करीबी नीतू रोहरा उर्फ नसरीन को अदालत ने सात दिन की रिमांड पर एटीएस के सुपुर्द करने का आदेश दिया है। दोनों की रिमांड अवधि आज से शुरू हुई है। इस दौरान छांगुर बाबा से आईबी और एनआईए के अधिकारी भी पूछताछ करेंगे। साथ ही, विदेशों से आने वाली रकम के बारे में भी सवाल किए जाएंगे। जो कई एनआरई-एनआरओ खातों से भेजी गई थी। इससे कई बड़े राज सामने आ सकते हैं।