ईरान और इजरायल में सबसे ताकतवर कौन?

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध के बीच इस चर्चा ने जोर पकड़ लिया है कि कौन सा देश किस पर भारी पड़ेगा। देखा जाए तो इजरायल और ईरान दोनों के पास अत्याधुनिक हथियार हैं। इजरायल की ताकत उसकी स्टेल्थ विमान, सटीक मिसाइलें और रक्षा प्रणालियों में है। वहीं ईरान की ताकत उसकी हाइपरसोनिक मिसाइलों, सस्ते ड्रोन और मिसाइलों की भारी संख्या है। 

आपरेशन राइजिंग लायन के तहत किए हमले


इजरायल और ईरान के बीच हालिया तनाव ने दुनिया का ध्यान खींचा है। 13 जून को शुरू हुए आपरेशन राइजिंग लायन में इजरायल ने ईरान के परमाणु, सैन्य और तेल-गैस ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हमले किए। जवाब में, ईरान ने इजरायल पर 100 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागे।  इजरायली सेना ने इन हमलों में अपने तीन नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि की है।  ईरान के इस हमले के बाद इजरायली में तेल अवीव और येरुशलम में कई जगह बड़े धमाकों की खबरें आई हैं। बताया जा रहा है कि इजरायल का आयरन डोम सिस्टम ईरान की कई बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में नाकाम साबित हुआ। इसी के चलते उसके कुछ क्षेत्रों को नुकसान पहुंचा है। 

अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल

 
युद्ध में दोनों देशों ने अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया है। इसमें मिसाइलें, ड्रोन, हाइपरसोनिक हथियार और लड़ाकू विमान शामिल हैं। इस जंग में कौन सा देश जीतेगा और कौन हारेगा यह तो समय बताएगा लेकिन दोनों देशों की तुलना में कोई किसी से कम नहीं लग रहा है। देखा जाए इजरायल के पास दुनिया की सबसे उन्नत सैन्य तकनीक है। जिसमें अमेरिका से मिले हथियार और खुद विकसित रक्षा प्रणालियां शामिल हैं। ग्लोबल फायर पावर के अनुसार दुनिया में मिलिट्री रैंकिंग में ईरान 14वें और इजरायल 17वें नंबर पर है।

ईरान के पास 11 लाख 80 हजार सैनिक 

ईरान के पास 11 लाख 80 हजार सैनिक हैं। वहीं इजरायल के पास 6 लाख 70 हजार सैनिक हैं।  ईरान के पास एक्टिव सैनिकों की संख्या 6 लाख 10 हजार है। वहीं  इजरायल के पास 1 लाख 70 हजार ऐसे सैनिक हैं। ईरान के पास 42 हजार वायुसैनिक हैं। वहीं इजरायल के पास 89 हजार एयरफोर्स कर्मी हैं।  ईरान की वायुसेना के पास 551 एयरक्राफ्ट रिजर्व हैं। इसमें 358 एक्टिव हैं। इसी तरह इजरायल के पास 612 रिजर्व और 490 एक्टिव हैं। ईरान के पास 186 फाइटर जेट्स हैं। इनमें से 121 हर समय हमले के लिए तैयार रहते हैं। इजरायल के पास 241 फाइटर जेट्स हैं, जिनमें से 193 हमले के लिए हमेशा रेडी रहते हैं।

ईरान के पास 86 ट्रांसपोर्ट विमान 


ईरान के पास 86 ट्रांसपोर्ट विमान हैं, जिनमें से 56 एक्टिव है। इजरायल के पास 12 हैं, जिनमें से 10 एक्टिव हैं। दो स्टॉक में है। ईरान के पास 102 ट्रेनर्स हैं, इजरायल के पास 155 ट्रेनर्स एयरक्राफ्ट हैं। ईरान के पास 129 हेलिकॉप्टर्स हैं। जिनमें से 84 रेडी मोड में हैं। इजरायल के पास 146 हेलिकॉप्टर्स हैं जिनमें से 117 एक्टिव मोड में हैं। ईरान के पास 13 अटैक हेलिकाप्टर हैं। ईरान के पास कुल 1996 टैंक हैं। जिनमें से 1397 इस समय जंग के लिए तैयार हैं। इजरायल के पास 1370 टैंक हैं, जिनमें से 1096 टैंक जंग के लिए तैयार हैं। ईरान के पास 65,765 सैन्य वाहन हैं, जिनमें से 46 हजार से ज्यादा एक्टिव हैं। इजरायल के पास 43,407 सैन्य वाहन हैं, जिनमें से 34,736 एक्टिव मोड में हैं। 

ईरान के पास कुल 101 नौसैनिक एसेट्स 


ईरान के पास कुल 101 नौसैनिक एसेट्स हैं। वहीं इजरायल के पास 67 हैं। दोनों देशों के पास कोई भी एयरक्राफ्ट कैरियर या हेलिकॉप्टर कैरियर नहीं हैं। न ही डेस्ट्रॉयर्स हैं। ईरान के पास सात फ्रिगेट है वहीं इजरायल के पास यह नहीं है। ईरान के पास तीन कॉर्वेट्स तो इजरायल के पास 7 कॉर्वेट्स हैं। ईरान के पास 19 सबमरीन है। इजरायल के पास 5 हैं। ईरान के पास 21 पेट्रोल वेसल है तो इजरायल के पास 45 पेट्रोल वेसल हैं।

सैन्य रणनीति का मजबूत स्तंभ है मिसाइल 


ईरान की सैन्य रणनीति का सबसे मजबूत स्तंभ उसकी बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता है। पिछले 25 से 30 सालों में ईरान ने अपनी बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता को काफी एडवांस किया है। उसके पास अब एडवांस बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जिन्हें इंटरसेप्ट करने में इजरायल नाकाम हो रहा है। ईरान ने सालों की मेहनत के बाद सतह से सतह पर मार करने वाली सैकड़ों मिसाइलों का जखीरा इकट्ठा किया है। इसमें शॉर्ट रेंज, मीडियम रेंज और इंटरमीडिएट रेंज मिसाइलें शामिल हैं। फतेह-110, जुल्फिकार, शहाब-3 और खुर्रमशहर जैसी मिसाइलें अब सिर्फ नाम नहीं, बल्कि रणनीतिक संदेश बन चुकी हैं। अमेरिका और खुद इजरायल का मानना है कि ईरान के पास करीब 3000 बैलिस्टिक मिसाइलें हो सकती हैं।

इजरायल के पास भी आधुनिक मिसाइलें 


दूसरी ओर इजरायल के पास भी आधुनिक मिसाइलें हैं। इनकी संख्या का अनुमान नहीं लगाया जा सका है। इजरायल की सबसे बड़ी ताकत उसका एयर डिफेंस सिस्टम है।  इसमें कोई शक नहीं है कि इजरायल, अंत तक ईरान को इतना ज्यादा नुकसान पहुंचा देगा कि उसका परमाणु कार्यक्रम कई साल पीछे चला जाएगा। वहीं इसमें भी कोई शक नहीं है कि इजरायल को ऐसा नुकसान पहुंचेगा, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती है। ये युद्ध लंबा चलेगा। हालांकि कई डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि ईरान की आर्थिक स्थिति काफी खराब रही है, ऐसे मे इजरायल अगले 3-4 दिनों की लड़ाई के बाद इस लड़ाई को पूरी तरह से एकतरफा बना देगा। इसके अलावा ईरान का शीर्ष नेतृत्व का भी सफाया हो सकता है, जिससे अंत में सत्ता परिवर्तन का रास्ता खुल सकता है।