मुस्लिम देश ईरान ने पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। कश्मीर की रट लगा रहे पाकिस्तान की नापाक चाल को ईरान के राष्ट्रपति ने फेल कर दिया है। जिससे पाकिस्तान सरकार सदमे में है। ऐसा माना जा रहा है दोनों देशों में रिश्ते सुधरने की बजाए और बिगड़ गए हैं।
पीएम शहबाज शरीफ को सिखाया सबक
पाकिस्तान की यात्रा पर पहुंचे ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने पीएम शहबाज शरीफ को ऐसा सबक सिखाया कि वे तिलमिला गए। दरअसल, शहबाज शरीफ ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान गाजा और कश्मीर के मुद्दे पर जमकर जहर उगला। इस दौरान उन्होंने ईरानी राष्ट्रपति से कश्मीर के मुद्दे पर जबरिया समर्थन हासिल करने की कोशिश की। लेकिन, ईरानी राष्ट्रपति पाकिस्तानी पीएम की इस चाल को समझ गए। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस मे गाजा का उल्लेख तो किया, लेकिन कश्मीर का जिक्र तक नहीं किया।
भारत-ईरान के बीच संबंध मधुर
रईसी ने कश्मीर पर यह संतुलन ऐसे समय पर बनाया है जब भारत और ईरान के बीच रिश्ते बहुत अच्छे हैं। भारत ने जहां ईरान के चाबहार बंदरगाह में अरबों का निवेश किया है, तो वहीं फलस्तीन के मुद्दे पर भी भारत और ईरान के बीच हाल ही में व्यापक चर्चा हुई है। दोनों देशों के बीच इन दिनों व्यापार भी तेजी से बढ़ रहा है। भारत ईरान के रास्ते रूस तक अपना माल आसानी से पहुंचा रहा है। इससे रूस से भारत के मुंबई बंदरगाह के बीच सीधे कनेक्टविटी हो गई है।
कश्मीर पर ईरान ने किया किनारा
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राष्ट्रपति रईसी के कश्मीर पर नहीं बोलने पर शहबाज शरीफ के चेहरे का रंग उड़ गया। शहबाज शरीफ की ईरान और भारत के बीच रिश्ते खराब करने की चाल बुरी तरह से फेल हो गई। ईरानी राष्ट्रपति ने कश्मीर पर पाकिस्तान का सपोर्ट करने से किनारा कर लिया। बता दें कि पिछले साल भारतीय दूतावास ने ईरान के साथ रिश्तों को सदियों पुराना बताया था। वहीं, जनवरी में ईरान के विदेश मंत्री ने तेहरान में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर का शानदार स्वागत किया था।
भारत की कूटनीतिक जीत
वैसे देखा जाए तो ईरान का पाकिस्तान और भारत दोनों से संबंध है, लेकिन कश्मीर के मुद्दे पर रईसी का तटस्थ रवैया पाकिस्तान को पच नहीं रहा है। रईसी ऐसे समय पर पाकिस्तान पहुंचे थे, जब हाल ही में ईरान ने पाकिस्तानी जमीन पर मिसाइल हमला किया था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी ईरान पर हमला किया था। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते में आए तनाव कम करने के लिए ही रईसी पाकिस्तान आए थे। हालांकि, रईशी के कश्मीर रुख से दोनों देशों के बीच रिश्ते में खटास ज्यों की त्यों बनी हुई है। इसे पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका और भारत की कूटनीतिक जीत माना जा रहा है।