तेहरान। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन का निधन हो गया। दोनों नेताओं को ले जा रहा हेलीकॉप्टर एक दुर्गम घाटी में क्रैश हो गया। इस हादसे को लेकर पीएम मोदी समेत वैश्विक नेताओं ने दु:ख जताया। वहीं चीनी विशेषज्ञ इस हादसे के पीछे किसी साजिश की आशंका मान रहे हैं। तुर्की के ड्रोन ने ईरानी राष्ट्रपति रईसी के हेलिकॉप्टर का क्रैश साइट खोज लिया है। हीट सेंसर की मदद से ड्रोन क्रैश हेलिकॉप्टर तक पहुंचने में कामयाब रहा। इसके बाद ईरानी एजेंसियों ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री अमीर-अब्बुल्लाहियन समेत कई लोग मारे जाने की पुष्टि कर दी। बता दें कि घटना रविवार को हुई लेकिन जिस इलाके में हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ, वहां से उसे खोजना मुश्किल था। मौसम भी खराब था। इसलिए ईरान ने तुर्की और यूरोप से मदद मांगी थी।
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ईरान के प्रेस टीवी ने दी जानकारी
ईरान के प्रेस टीवी ने बताया कि खराब मौसम के बीच घंटों सर्च आॅपरेशन चलाने के बाद रईसी के दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर के मलबे की पहचान की गई है। हेलिकॉप्टर पूरी तरह जला हुआ मिला। इसमें सवार किसी भी व्यक्ति के जीवित होने की संभावना नहीं है। यह घटना तब हुई जब राष्ट्रपति रईसी और अन्य अजरबैजान की यात्रा से वापस आ रहे थे। ईरान में सरकार की इमरजेंसी बैठक में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की कुर्सी खाली रखी गई है। बता दें कि रईसी को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता था। ईरानी संविधान के मुताबिक यदि राष्ट्रपति की पद पर रहते मृत्यु हो जाती है तो उपराष्ट्रपति अगले राष्ट्रपति बनेंगे। वर्तमान में मोहम्मद मोखबर ईरान के प्रथम उपराष्ट्रपति हैं। अयातुल्ला खामेनेई ने भी सार्वजनिक रूप से ईरानियों को आश्वासन दिया है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे के कारण देश के संचालन में कोई बाधा नहीं आएगी। भारत, रूस, इराक और कतर समेत अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने रईसी समेत अन्य लोगों के निधन पर शोक प्रकट किया है। पीएम मोदी ने शोक संदेश में लिखा कि ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहिम रईसी के दुखद निधन से गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है। ईरान के दो अहम पदों पर बैठे नेताओं की मौत की वजह बने हादसे का कारण अज्ञात बना हुआ है। चीनी विशेषज्ञों ने कहा है कि घना कोहरा हादसे के लिए जिम्मेदार हो सकता है लेकिन साथ ही उन्होंने इस पर भी ध्यान दिलाया है कि ईरान फिलहाल घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्थिति का एक मुश्किल हालात का सामना कर रहा है। ये स्थिति हादसे के पीछे किसी साजिश की आशंका को भी जन्म देती है। ग्लोबल टाइम्स से कहा कि इजरायल के साथ उसके हालिया संघर्ष और ईरानी परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की हत्या को देखते हुए इस घटना ने किसी साजिश के संदेह की गुंजाइश है। मौसम की स्थिति खराब थी लेकिन पश्चिम और इजरायल के साथ ईरान के टकराव को देखते हुए यह दुर्घटना अजीब लगती है। बीते कुछ समय में लगातार सुरक्षा घटनाओं से जूझ रहे ईरान के साथ यह दुर्घटना हुई है। हालांकि इसका ये मतलब नहीं निकाला जा सकता है कि इसके पीछे ईरान के दुश्मनों का हाथ है।वहीं पर्यवेक्षकों का मानना है कि ईरान की राजनीतिक संरचना ऐसी है कि इस बड़े हादसे के बावजूद देश में अराजकता जैसी स्थिति नहीं आएगी। देश में कामकाज सामान्य तौर पर चलता रहेगा।