जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। ईरान और इजरायल वार अब विश्व युद्ध में बदल सकता है। पुतिन ने अमेरिका को सख्त चेतावनी दी है कि अगर वह इस युद्ध में शामिल होता है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। वहीं अमेरिका ने भी इस युद्ध में शामिल होने के फैसले को दो हफ्तों के लिए टाल दिया है। इस बीच ईरान की युद्ध रणनीति ने दुनिया को चौंका दिया है। उसने इजरायल को ऐसा दर्द दिया है जिसे वह कभी भुला नहीं पाएगा।
ईरान ने मिसाइलों से दिया जवाब
इजरायल और ईरान के बीच जंग का आज आठवां दिन है। इजरायली वायु सेना ने तेहरान और अराक के परमाणु ठिकानों पर हमले किए। वहीं ईरान ने मिसाइलों से जबरदस्त जवाबी कार्रवाई की। जिसमें सोरोका अस्पताल और अजोर शहर को भयंकर नुकसान पहुंचा है। ईरान ने मल्टीपल वॉरहेड मिसाइलों का इस्तेमाल किया है। ईरान ने खुलेआम अमेरिका को भी बता दिया है कि अगर इस जंग में अमेरिका उतरा तो उसे भयंकर नुकसान उठाना होगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बुल्गारिया ने दूतावास बंद कर दिया है। रूस-यूरोप समेत कई देशों ने शांति की अपील की है, लेकिन दोनों देशों के बीच भयंकर तनाव बना हुआ है।
ईरान ने दागे क्लस्टर बम
ईरान ने इजरायल के खिलाफ बैलिस्टिक मिसाइलों से क्लस्टर बमों को दागना शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये बम बेहद खतरनाक हैं। युद्ध लंबा खिंचा तो ईरान भले ही बर्बाद हो जाए, लेकिन इजरायल का हाल भी गाजा जैसा न हो जाए। बेंजामिन नेतन्याहू की सेना ने भले ही ईरान में विनाशक तबाही मचाई हो, लेकिन पिछले 7-8 दिनों की लड़ाई देखने से यही पता चलता है कि नेतन्याहू ने जितने हल्के में ईरान को लिया था, उतना हल्का ईरान नहीं है। इजरायल डिफेंस फोर्सेज होम फ्रंट कमांड का मानना है कि बैलिस्टिक मिसाइल पर लगा वारहेड करीब 23,000 फीट यानी सात किलोमीटर की ऊंचाई पर फट गया। इसमें से करीब 20 सबम्यूनिशन निकले। बैलिस्टिक मिसाइलों में लगे ये सबम्यूनिशन, करीब 5.5 पाउंड यानी 2.5 किलोग्राम के विस्फोटक थे। ये 16 किलोमीटर व्यास के क्षेत्र में गिरे। इन बमों ने इजरायल में भयानक तबाही मचा दी।
खुर्रमशहर-4 मिसाइल का प्रयोग
ईरान ने नये हमले में कौन सी बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया है, फिलहाल इसका पता नहीं चल पाया है। शक गहराता जा रहा है कि ये ईरान की खुर्रमशहर-4 का प्रयोग किया है। बता दें कि इस मिसाइल को खैबर भी कहा जाता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि खुर्रमशहर-4 ईरान की सबसे शक्तिशाली मिसाइल है। इसकी रेंज 2,000 किलोमीटर है। ये मिसाइल करीब 1,500 किलो से ज्यादा पेलोड ले जाने में सक्षम है। यह क्लस्टर म्यूनिशन जैसी युद्ध तकनीकों के साथ जोरदार तरीके से मार करती है।
अस्पताल पर हमले से बौखलाया इजरायल
दक्षिणी इजरायल के सबसे बड़े अस्पताल पर हमले के बाद इजरायल का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या इजरायल अब खामेनेई को निशाना बनाकर इस हमले का बदला लेगा। इजरायली रक्षा मंत्री ने साफ संकेत दिए हैं कि अगला टारगेट खामेनेई हो सकते हैं और इजरायल उन्हें जिंदा नहीं देखना चाहता है। बता दें कि ईरानी मिसाइलों ने याम में आर्मी इंटेलिजेंस और साइबर कमांड मुख्यालय को भी तबाह कर दिया है। इस हमले में करीब 200 लोग घायल हो गए। ईरान का दावा है कि इस अस्पताल के नीचे इजरायल का मिलिट्री बेस बना हुआ था।
अमेरिका ने टाला हमले का फैसला
दूसरी ओर रूस के धमकी के बाद व्हाइट हाउस की प्रवक्ता केरोलिन लैविट ने कहा कि ईरान युद्ध में शामिल होने के बारे में राष्ट्रपति ट्रंप अगले दो हफ्ते में फैसला लेंगे। यानी ट्रंप अगले दो हफ्तों के भीतर यह फैसला लेंगे कि अमेरिका को ईरान पर सैन्य कार्रवाई करनी चाहिए या नहीं। अमेरिका को लगता है कि ईरान जल्द ही परमाणु कार्यक्रम से पीछे हटने का राजी हो जाएगा। बता दें कि रूस ने अमेरिका को सैन्य कार्रवाई में शामिल होने को लेकर चेतावनी दी है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि ऐसा करना बहुत ही खतरनाक कदम होगा। जिसके पूरी तरह से अनपेक्षित और नुकसानदेह नतीजे हो सकते हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी ईरान पर इजरायल के हमलों की निंदा की है। उन्होंने सभी पक्षों से राजनयिक समाधान की अपील की है।