नई दिल्ली। चीन के वैज्ञानिकों ने दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइल बनाने का दावा किया है। यह मिसाइल इतनी खतरनाक है कि धरती के किसी भी कोने में जाकर हमला कर सकती है। इसे जमीन, हवा, समंदर और अंतरिक्ष कहीं से भी दागा जा सकता है। चीन की इस कामयाबी से दुनिया में हड़कंप मच गया है। युद्ध के तौर-तरीके कितने बदल गए हैं बीते दिनों भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसकी झलक दुनिया को देखने को मिली। जब भारत के लड़ाकू विमानों ने सीमा पार किए बिना ही पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इस दौरान भारत ने सारे हमले अपनी सीमा में रहकर ही मिसाइलों से किए। आने वाले समय में वहीं देश सैन्य शक्ति में सबसे आगे रहेगा जिसके पास दुनिया की सबसे तेज और सबसे ज्यादा रेंज वाली मिसाइलें होंगी।
मौजूदा वैश्विक हालात को देखते हुए चीन ने हाइपरसोनिक मिसाइलों को लॉन्च करने की क्षमता विकसित करने का दावा किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये मिसाइल एक री-एंट्री ग्लाइड व्हीकल से लैस हैं जो 13 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल कर सकती है। बताया जा रहा है कि यह 30 मिनट में दुनिया के किसी भी हिस्से को तबाह कर सकती है। चीन ने अभी सिर्फ इसकी तकनीक हासिल की है।
मिसाइल बनाने में अभी कुछ वर्ष लगेगा। लेकिन, अगर ऐसा हुआ तो निश्चत रूप से यह चीन की बड़ी उपलब्धि होगी। चीन के वैज्ञानिकों के अनुसार, मिसाइल की गति इतनी ज्यादा है कि इसे आसानी से ट्रैक नहीं किया जा सकता है। रडार तकनीकों से इसका पता लगाना मुश्किल होगा। भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसकी बानगी देखने को मिली।
जब भारत ने पाकिस्तान के 100 किलोमीटर अंदर तक घुसकर हमला किया था। तब ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत के आगे पाकिस्तान के चीनी रडार फिसड्डी साबित हुए थे। ये रडार ब्रह्मोस मिसाइल को ट्रैक ही नहीं कर पाए थे। रिपोर्ट के अनुसार, चीन जिस मिसाइल का विकास कर रहा है उसे अंतरिक्ष से भी दागा जा सकता है। यह हमले के दौरान कहीं से भी दिशा बदलने में सक्षम है। हालांकि, चीन ही नहीं कई अन्य देश भी ऐसी तकनीक विकसित करने में जुटे हुए हैं।
अमेरिका और ब्रिटेन मिलकर एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल डेमोस्ट्रेटर विकसित कर रहे हैं। जिसका अभी तक 200 से अधिक बार परीक्षण किया जा चुका है। इस मिसाइल के 2030 तक तैयार होने की उम्मीद है। हालांकि, इसकी मारक क्षमता कितनी होगी अभी इसका खुलासा नहीं किया गया है।