ब्लैक होल को लेकर वैज्ञानिकों का चौंकाने वाला खुलासा

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। ब्लैक होल को लेकर नई खोज ने दुनियाभर के वैज्ञानिकों को चौंका दिया है। अभी तक इस शैतान के निशाने पर अंतरिक्ष में स्थित ग्रह और तारे हुआ करते हैं। इस बार ताजा अध्यययन में पता चला है कि यह राक्षस पृथ्वी को निगलने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है। यानी पृथ्वी को निगलने वाली थ्योरो ने सभी वैज्ञानिकों को चौंका दिया है। ब्लैकहोल आज भी वैज्ञानिकों के लिए रहस्यमयी पहली बने हैं। उनके बारे में जितना शोध किया जा रहा है उतना ही कम पड़ रहा है। ऐसे में तरह-तरह के नए अध्ययनन किए जाते हैं। अब नए  अध्ययन के अनुसार सूर्य के द्रव्यमान से 600,000 गुना बड़ा एक रहस्यमय ब्लैक होल हमारी आकाशगंगा यानी मिल्की वे की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इससे मिल्की वे के भविष्य के बारे में नए सवाल उठ रहे हैं। बता दें कि यह ब्लैक होल अभी हमारी पृथ्वी से लगभग 160,000 प्रकाश वर्ष दूर है। ऐसे में चिंता करने की ज्यादा आवश्यकता नहीं है, लेकिन यह सच है कि यह हमारी पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में पहले यह शैतान आकाशंगा को निगलेगा उसके बाद हमारी पृथ्वी को भी निगल जाएगा। द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में खुलासा किया गया है। यह खोज हार्वर्ड और स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स की एक टीम द्वारा किए गए शोध से निकली है। शोधकर्ताओं की टीम ने गुरुत्वाकर्षण मॉडलिंग और स्टार-ट्रैकिंग डेटा का उपयोग करते हुए इस अदृश्य ब्रह्मांडीय इकाई की पहचान की है। यह ब्लैक होल मिल्की वे के उपग्रह, आकाशगंगाओं और मैगेलैनिक क्लाउड्स में है। बता दें कि मैगेलैनिक क्लाउड्स मिल्की वे की दो सबसे प्रमुख उपग्रह आकाशगंगाएं हैं। यह अपने तरीके से काम करती हैं। सुपरमैसिव ब्लैक होल बड़ी आकाशगंगाओं के केंद्रों पर कब्जा करने के लिए जाने जाते हैं। आकाशगंगा में मैगेलैनिक क्लाउड ब्लैक होल के गठन और गैलेक्टिक विकास के मौजूदा मॉडल को जटिल बनाता है। बता दें कि शोधकताओं ने हाइपरवेलोसिटी सितारों की गति का विश्लेषण करके इसकी उपस्थिति का पता लगाया है। तीव्र गुरुत्वाकर्षण बल एक तारे को ब्लैक होल में खींचता है। जबकि दूसरे को असाधारण वेग से दूर ले जाता है। हालांकि उत्सर्जित प्रकाश की कमी के कारण यह दूरबीनों के लिए अदृश्य रहता है। बता दें कि भौतिकीविद् जिवोन जेसी हान के नेतृत्व में टीम ने गिया अंतरिक्ष वेधशाला से डेटा का उपयोग किया। यह वेधशाला हमारी आकाशगंगा में और उसके आस-पास के एक अरब से अधिक तारों को ट्रैक करती है। उनकी सफलता 21 हाइपरवेलोसिटी तारों की जांच करने से मिली, जो सामान्य तारों की तुलना में लगभग दस गुना अधिक गति से यात्रा कर रहे थे। इस मामले में इस गति का संभावित स्रोत मैगेलैनिक क्लाउड्स में छिपा हुआ ब्लैक होल था। बता दें कि दुनियाभर के वैज्ञानिक अक्सर ब्लैक होल को लेकर शोध करते रहते हैं।  कभी किसी शोध में पता चलता है कि ब्लैक होल तारों को निगल रहा है या निगलने वाला है। यह भी पता चतला है ब्लैक होल का आकार काफी बड़ा हाता है। अब पृथ्वी को निगलने वाली थ्योरो ने सभी वैज्ञानिकों को चौंका दिया है।