जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच लड़ाई भीषण रूप लेती जा रही है। सोमवार सुबह भी दोनों ओर से भयावह हमले जारी हैं। इजरायल ने ईरान की परमाणु सुविधा को निशाना बनाया है। इस युद्ध का दुनिया भर में प्रभाव दिखने लगा है। यह तीसरे विश्व युद्ध की आशंका पैदा कर रही है। दुनिया भर के देश दो खेमे में बंटने लगे हैं।
तीसरे विश्व युद्ध का अलार्म
इजराइल के आॅपरेशन राइजिंग लॉयन से तीसरे विश्व युद्ध का अलार्म बजने लगा है। ईरानी सेना के बड़े कमांडर टारगेट किलिंग में मारे जा चुके हैं। न्यूक्लियर प्रोग्राम को बड़ा नुकसान हुआ है। ईरान ने ऐलान कर दिया है कि इसकी सजा इजराइल को भुगतनी होगी। बता दें कि ईरान पर इजरायली हमले के 72 घंटे हो चुके हैं। इस हमले में अब तक 406 ईरानियों की मौत हो चुकी है। वहीं 654 लोग घायल हैं। ईरानी हमले में अब तक 16 इजरायलियों की जान जा चुकी है। पिछले 72 घंटों में इजरायल ने ईरान के हर मुमकिन इंफ्रास्ट्रक्चर और टारगेट पर हमला किया है। तेहरान का कहना है कि इजरायली हमले में अबतक 224 मौतें हुई हैं। इनमें ज्यादातार नागरिक हैं।
तेहरान के बीच बनाया एयर कॉरिडोर
इजरायल ने दावा किया है कि पिछले 24 घंटे में उसने अपने देश से तेहरान के बीच एयर कॉरिडोर बना लिया है। यानी इजरायली दावे के मुताबिक अब इजरायल की वायु सेना अपने देश से तेहरान तक बिना बाधा के उड़ान भर सकती है और हमले कर सकती है। इस बीच इजरायल ने ईरान पर सबसे ज्यादा दूरी से हमला किया है। इजरायल की वायु सेना ने पूर्वी ईरान के मशहद हवाई अड्डे पर एक ईरानी ईंधन भरने वाले विमान पर हमला किया। यह इजराइल से लगभग 2,300 किलोमीटर दूर है। ईरान की फोर्डो परमाणु साइट के पास इजरायल के हमले के बाद सोमवार सुबह जोरदार धमाके हुए हैं। इसी दौरान परमाणु साइट के आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके भी महसूस किए गए। परमाणु सुविधा के पास आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.5 मापी गई है। इजरायल के हमले के बाद परमाणु सुविधा में हुए जोरदार धमाकों को भूकंप आने की वजह माना जा रहा है। ईरान ने भी पलटवार करते हुए करीब 100 मिसाइलों और ड्रोन से इजरायल पर हमला किया है।
अयातुल्लाह खामेनेई ने दी चेतावनी
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई ने कहा है कि इजराइल को इसकी भयंकर सजा मिलेगी। ईरान ने अपनी अंडरग्राउंड मिसाइल सिटी से बारूदी जखीरे की तस्वीरें जारी कर दी हैं। यहां बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन का बड़ा जखीरा है। ईरान के हमले के बाद इजराइल के रक्षा मंत्री काट्ज ने आपातकाल लागू कर दिया है। पूरे इजराइल में एयर रेड अलर्ट के सायरन गूंज रहे हैं। इजराइल ने अतिरिक्त एयर डिफेंस सिस्टम की तैनाती की है। अमेरिका ने अपने राजनयिकों को शेल्टरों में जाने की सलाह दी है। जॉर्डन, मिस्र, कतर, यूएई विशेष अलर्ट पर हैं। जॉर्डन के एयरस्पेस से इजराइली जेट्स आ जा रहे हैं। इसका मतलब है कि जॉर्डन भी इस आॅपरेशन में शामिल हो चुका है। उसे अमेरिका से आदेश मिले थे कि वो इजराइल को एयरस्पेस का इस्तेमाल मिड एयर रिफ्यूलिंग और हमलों के लिए करने दे। इसी एयरस्पेस का इस्तेमाल करते हुए इजराइल ने तबरीज, करमानशाह, तेहरान, अराक, नतांज और इस्फहान पर हमले किए। इनमें चार न्यूक्लियर प्रोग्राम से जुड़ी साइट्स हैं, जहां भीषण नुकसान हुआ है।
अरब में तीसरे विश्वयुद्ध के समीकरण
ईरान पर हुए हमलों के बाद अरब में तीसरे विश्वयुद्ध के समीकरण बनने लगे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ईरान ईरान ने बड़े हमले की तैयारी कर ली है। जानकारों का मानना है कि ईरान इजरायल के नेगेव रेगिस्तान में स्थित डिमोना परमाणु संयंत्र पर हमला कर सकता है। इजराइल के मुख्य एयरबेस और मिसाइल बेस ईरान का टारगेट हो सकते हैं। तेल अवीव में हाई प्रोफाइल लीडर्स के ठिकानों पर हमले हो सकते हैं। इजराइल को इन हमलों की आशंका है इसीलिए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को एक गुप्त ठिकाने पर भेज दिया गया है। इस जंग की आग से अरब देशों में भी युद्ध का बिगुल लगा है। पूरे अरब में जंग के समीकरण तैयार हो रहे हैं। इजराइल के साथ सऊदी अरब, जॉर्डन, यूएई जैसे देश हैं। वहीं अमेरिकी विरोधी खेमे के चेहरा ईरान है। ईरान के साथ सीरिया, इराक, लेबनान और यमन के प्रॉक्सी संगठन हैं। इसी तरह चीन और पाकिसतान ने ईरायली हमले का खुलकर विरोध किया है। गुप्त रूप से रूस भी ईरान को हथियारों से सहयोग दे सकता है। इससे दुनिया दो खेमों में बंट जाएंगे। यह युद्ध एटमी संकट में भी बदल सकता है।