भारतीय वैज्ञानिक ने खोज ली दूसरी दुनिया, जीवन के मिले संकेत

नई दिल्ली। क्या धरती के बाहर भी कहीं जीवन है, इस जटिल प्रश्न का उत्तर खोजने का प्रयास दुनिया के वैज्ञानिक वर्षों से कर रहे हैं। इसी क्रम में भारतीय वैज्ञानिक को बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने धरती के बाहर एक ऐसी दुनिया का पता लगाया है जहां जीवन की संभावना है। उनकी इस खोज ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है।

124 प्रकाश वर्ष दूर ‘के2-18बी’ ग्रह


भारत के साइंटिस्ट निक्कू मधुसूदन ने पृथ्वी से 124 प्रकाश वर्ष दूर ‘के2-18बी’ नामक एक ग्रह का पता लगाया है। यह पृथ्वी से करीब ढाई गुना बड़ा और लगभग नौ गुना भारी है। भारतीय वैज्ञानिक ने जब जेम्स वेब टेलीस्कोप से इस ग्रह का अध्ययन किया तो उन्होंने पाया कि यह अपने तारे की हैबिटेबल जोन में है। मधुसूदन की टीम को इस ग्रह के वायुमंडल में डाइमिथाइल सल्फाइड और डाइमिथाइल डाइसल्फाइड मिला है। जो जीवन का संकेत हो सकता है।

अब तक की सबसे मजबूत खोज




वैज्ञानिकों का दावा है कि पृथ्वी पर ये केमिकल्स फाइटोप्लांकटन जैसे जीव का निर्माण करते हैं। धरती से दूर जीवन की यह अब तक की सबसे मजबूत खोज मानी जा रही है। वैज्ञानिकों ने शोध में जब इस ग्रह के वातावरण में अमोनिया की कमी पाई तो वे चौंक गए। यह कमी संकेत देती है कि इस ग्रह पर विशाल समुद्र हो सकता है, जो अमोनिया को सोख रहा है। यह ‘हाईसिया’ ग्रह हो सकता है, यानी इसका वातावरण हाइड्रोजन और गर्म समुद्र से भरा हुआ हो सकता है।

मीथेन और सीओ2  गैस मिली


वैज्ञानिकों ने ‘के2-18बी’ को ऐसा ग्रह माना है जिसमें हाइड्रोजन-रिच वातावरण और पानी हो सकता है। इसमें मीथेन और सीओ2 की भी प्रचुर मात्रा पाई गई है। जो पानी की मौजूदगी का संकेत देती है। लेकिन कुछ वैज्ञानिक कहते हैं कि यह गैसीय ग्रह हो सकता है, बिना सतह के यह अभी बहस का विषय है। वैज्ञानिकों को अभी इस ग्रह पर ‘तीन-सिग्मा’ की सटीकता मिली है। इसकी पूरी खोज के लिए ‘पांच-सिग्मा’ चाहिए, जो अभी बाकी है। डेटा जुटाने के लिए जेम्स वेब टेलीस्कोप से शोध चल रहा है। जल्द ही इसका जवाब मिल जाने की उम्मीद है।

मानवता के लिए ऐतिहासिक खोज


भारतीय साइंटिस्ट निक्कू मधुसूदन का कहना है कि ‘के2-18बी’ पर जीवन मिलना ब्रह्मांड की समझ को बदलकर रख देगा। उनकी खोज यह साबित करेगी कि जीवन धरती तक ही सीमित नहीं है। अगर इस ग्रह पर जीवन संभव है तो ऐसे और भी कई ग्रह हो सकते हैं। यह खोज मानवता के लिए ऐतिहासिक होगी। बता दें कि नासा और इंटरनेशनल टीमें इस ग्रह पर रिसर्च कर रही हैं। भविष्य में कई और ऐसे मिशन आएंगे जो इस ग्रह की सतह और वातावरण को समझने में मदद करेंगे। अभी यह खोज पूरी तरह से पक्की नहीं है, यह शुरुआती दौर में है। फिर भी इसके नतीजे देखकर वैज्ञानिक उत्साहित हैं।