भारत के वो खास हथियार जिनसे कांपता है पाकिस्तान

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। पीएम मोदी ने वायुसेना प्रमुख के साथ बैठक कर ऑपरेशनल तैयारियों की जानकारी ली। यह भारत-पाकिस्तान के युद्ध से जोड़कर देखा जा रहा है।  ए पी सिंह ने बताया कि पश्चिमी सीमा पर वायुसेना उड़ानें भर रही है। हवाई रक्षा नेटवर्क हाई अलर्ट पर है। ऐसे में यहां जानने की जरुरत है कि आखिरकार भारत के पास ऐसे काैन से हथियार और तकनीक है जो उसे अजेय बनाती है। भारतीय वायुसेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री को अपनी ऑपरेशनल तैयारियों की जानकारी दी। बता दें कि पीएम मोदी ने पाकिस्तान के खिलाफ अटैक के लिए सभी सैन्य विकल्प खुले रखने के लिए वायुसेना प्रमुख ए पी सिंह के साथ स्थिति की समीक्षा की। इसके पहले पीएम मोदी नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और सेना प्रमुख के साथ भी बैठक कर चुके हैं। उन्होंने सैन्य अधिकारियों से कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ सेना के पास पूरी तरह से फ्री हैंड है। अब सवाल उठता है कि भारतीय सेना के पास ऐसा क्या खास है कि जो उसे अजेय बनाते हैं। ऐसे में हम भारत के उन सबसे खतरनाक हथियारों को जानेंगे, जिनके सामने पाकिस्तान की सैन्य रणनीति पूरी तरह ध्वस्त हो जाएगी। ये हथियार भारत की मेक इन इंडिया पहल और स्वदेशी तकनीक का प्रतीक हैं, जो दुश्मनों को पलभर में नष्ट करने की क्षमता रखते हैं।  अग्नि-5 मिसाइल भारत की सबसे उन्नत अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता 5,000 से 8,000 किलोमीटर है। इसमें मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल तकनीक है। जो एक ही मिसाइल से कई लक्ष्यों को नष्ट कर सकती है। इसकी रेंज इतनी है कि यह पाकिस्तान के किसी भी हिस्से को आसानी से निशाना बना सकती है। इसकी सटीकता और हाइपरसोनिक गति इसे अजेय बनाती है। इसी तरह ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसकी गति 3,700 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह जमीन, समुद्र और हवा से लॉन्च की जा सकती है। ब्रह्मोस की मारक क्षमता 600 किलोमीटर तक है। यह पाकिस्तान की नौसेना और तटीय ठिकानों के लिए बड़ा खतरा है।  प्रलय भी स्वदेशी सतह-से-सतह में मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता 150 से 500 किलोमीटर है। इसकी सटीक मारक क्षमता इसे दुश्मन के बंकरों, सैन्य ठिकानों और कमांड सेंटर को नष्ट करने में प्रभावी बनाती है। भारत-पाकिस्तान सीमा के पास प्रलय की तैनाती की गई है। थल सेना के पास के -9 वज्र अजेय तोप है। यह 155 मिमी 52 कैलिबर की स्वचालित तोप है। जिसे भारत ने दक्षिण कोरिया के सहयोग से विकसित किया है। इसकी मारक क्षमता 45 किलोमीटर है। यह 15 सेकंड में 3 गोले दाग सकती है। इसे विशेष रूप से रेगिस्तानी और पहाड़ी क्षेत्रों में तैनाती के लिए डिज़ाइन किया गया है। जो इसे पाकिस्तान के साथ सीमा पर एक घातक हथियार बनाता है। के -9 की तरह अर्जुन भारत का स्वदेशी मेन बैटल टैंक है। जो अपनी उन्नत कवच और फायरिंग सिस्टम के लिए जाना जाता है। इसकी 120 मिमी की मुख्य तोप और लेजर-गाइडेड मिसाइलें इसे युद्धक्षेत्र में अजेय बनाती हैं। अर्जुन का नवीनतम संस्करण एमके-1 एक और भी उन्नत है। यह पाकिस्तान के लिए काल है। भारतीय वायुसेना युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार है। उसके पास राफेल जैसा युद्धक विमान है जो उसे अजेय बनाता है। राफेल एक मल्टी-रोल फाइटर जेट है। यह जेट मेटियोर और स्कैल्प मिसाइलों से लैस है। ये मिसाइलें 150 किलोमीटर से अधिक दूरी तक सटीक हमला कर सकती हैं। राफेल की स्टील्थ तकनीक और उन्नत रडार सिस्टम पाकिस्तान के लिए बड़ा खतरा है।  इसी तरह सुखोई एसयू-30 को अपग्रेड कर 4.5 पीढ़ी का बना दिया है। यह विमान दुनिया में अपना लोहा मनवा चुका है। देखा जाए तो दुनिया के 10 खतरनाक लड़ाकू विमानों में से 2 भारत के पास हैं।