वैज्ञानिकों की बड़ी खोज, 7.2 अरब वर्ष पुराने ग्रह पर भारी मात्रा में मौजूद है पानी 


जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। धरती से 154 प्रकाश वर्ष दूर वैज्ञानिकों ने कमाल की खोज की है। मोरक्को की आॅब्जर्वेटरी के वैज्ञानिकों ने नासा की सैटेलाइट की मदद से नया ग्रह ढूढ़ निकाला। 7.2 अरब वर्ष पुराने इस ग्रह के बारे में माना जा रहा है कि इस पर पानी भारी मात्रा में मौजूद है। इसे सुपर अर्थ भी माना जा रहा है। इसी तरह शोधकर्ताओं ने अंतरिक्ष में जमी बर्फको खोजा है जो हैरान करने वाली है।
पानी की तलाश में जुटे वैज्ञानिक


वर्षों से वैज्ञानिक धरती के अलावा दूसरे ग्रह पर पानी की तलाश कर रहे हैं। भविष्य में वैज्ञानिकों की यह तलाश पूरी हो सकती है। मोरक्को की एक आब्जर्वेटरी के वैज्ञानिकों ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की सैटेलाइट की मदद से धरती के जैसे एक सुपर अर्थ की खोज की है। नया ग्रह धरती से करीब 154 प्रकाश वर्ष दूर है। वैज्ञानिकों ने इसे टीओआई1846 बी नाम दिया है। यह आकार में भी पृथ्वी से दोगुना बड़ा और चार गुना ज्यादा भारी है। वैज्ञानिकों ने कहा कि इस ग्रह पर पानी मिलने की संभावना है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इसकी उम्र 7.2 अरब साल हो सकती है। वहीं इसे अपने सोलर सिस्टम के तारे का चक्कर पूरा करने में करीब 4 दिन लगते हैं। अनुमान है कि यहां का एक्सपेक्टेड टेम्प्रेचर 568.1 केल्विन है।
4 दिन पूरी करता है परिक्रमा


रिसर्च कहती है कि टीओआई1846 बी हर 3.93 दिनों में अपने उपग्रह की परिक्रमा करता है। यानी इसका एक साल सिर्फ चार दिन का होता है। इस ग्रह का तापमान 568.1 डिग्री सेल्सियस होने का अनुमान है। वैज्ञानिकों ने टीओआई1846 बी की पुष्टि के लिए टीईएसएस के अलावा ग्राउंड बेस्ड कलर फोटोग्राफी, हाई रिजॉल्यूशन इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपिक का इस्तेमाल किया है। वैज्ञानिक ये मान रहे हैं कि यह सुपर-अर्थ पानी से भरपूर हो सकता है। वैज्ञानिकों ने कहा कि इससकी की संरचना जानने के लिए रेडियल वेलोसिटी यानी आरवी का इस्तेमाल किया जाएगा। आरवी के माध्यम से बेहतर तरीके से यह पता किया जा सकेगा कि ग्रह पर पानी की मौजूदगी है या नहीं है।
पहले भी खोजा जा चुका है ग्रह


बता दें कि इससे पहले वैज्ञानिकों ने एक और और सुपर-अर्थ खोजा था। जिसका नाम एचडी 20794 डी था। यह पृथ्वी से छह गुना ज्यादा भारी है। इस ग्रह की सतह पर भी पानी होने का अनुमान है। यह पृथ्वी से 20 प्रकाश वर्ष दूर है और पृथ्वी के सूर्य की परिक्रमा करने के समान ही एक तारे के चारों ओर घूमता है। हालांकि पृथ्वी की तरह इसका आॅर्बिट गोल नहीं है। ऐसे में यह कहना काफी मुश्किल है कि इस ग्रह पर जीवन संभव हो सकता है।
अंतरिक्ष में जमी बर्फ देखी


दूसरी ओर वैज्ञानिकों ने एक और चौंकानी वाली खोज की है। शोधकर्ताओं ने देखा कि अंतरिक्ष में बर्फ जमी है। बता दें कि अब तक माना जाता था कि ठंडी परिस्थितियों में बर्फ जमती है। अब नई रिसर्च से यह धारणा तोड़ दी है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन और यूनिवर्सिटी आफ कैम्ब्रिज के वैज्ञानिकों ने यह शोध किया है। इस स्टडी में बर्फ की बनावट में लगभग 20 फीसदी हिस्से में क्रिस्टल पैटर्न मिले। इस रिसर्च को फिजिकल रिव्यू बी नामक साइंटिफिक जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इसके नतीजे बताते हैं कि ब्रह्मांड में पानी की खोज अब आसानी हो सकती है।