जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। अंतरिक्ष के इतिहास में पहली बार ऐसी घटना घटी है जिसे देख वैज्ञानिक और खगोलशास्त्री हैरान है। सूर्य के अलावा पहली बार किसी दूसरे तारे पर कोरोनल मास इजेक्शन देखा गया। यह विस्फोट 86 लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से फटा। यह इतना शक्तिशाली था कि आसपास के ग्रहों को मिटा सकता था।
अंतरिक्ष की अनंत खामोशी
अंतरिक्ष की अनंत खामोशी में पहली बार इंसान ने एक ऐसा तूफान देखा है जो हमारे सूरज से नहीं, बल्कि किसी दूसरे तारे से फूटा। यह भी इतना भयंकर है कि उसके आस-पास मौजूद ग्रह नष्ट होते-होते बच गए। बता दें कि वैज्ञानिकों ने अब तक सिर्फ सूर्य पर ही कोरोनल मास इजेक्शन देखे थे, लेकिन इस बार दूर स्थित एक लाल बौने तारे से ऐसा विस्फोट देखा गया। इस घटना ने पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों को हिला दिया। यूरोपीय टेलीस्कोप नेटवर्क लोफर और ईएसए के एक्स एमएम न्यूटन स्पेसक्राफ्ट की मदद से हुए इस अवलोकन ने नया इतिहास रचा। यह मास इजेक्शन यानी सीएमईकरीब 86 लाख किलोमीटर प्रति घंटा की गति से फूटा। यह इतनी ताकतवर घटना थी कि किसी भी नजदीकी ग्रह का वातावरण पलभर में नष्ट हो सकता था।
नेचर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन
नेचर जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में बताया गया कि फ्रांस, नीदरलैंड्स और यूरोप के वैज्ञानिक 2016 से लोफर रेडियो टेलीस्कोप का उपयोग कर रहे थे। इस टेलीस्कोप से ब्रह्मांड की चरम घटनाओं जैसे ब्लैक होल या सुपरनोवा की रेडियो तरंगों का अध्ययन किया जा रहा था। अध्ययन के डेटा एनालिसिस के दौरान लाल बौने तारे सेंटकेएम 1-1262 की पहचान की गई। यह पृथ्वी से 133 प्रकाश वर्ष दूर है। अध्ययनकर्ताओं ने देखा कि इस ग्रह पर कई मिनटों तक जबरदस्त विस्फोट होता रहा। यह बाद में कोरोनल मास इजेक्शन यानी बड़े सौर तूफान के रूप में परिवर्तित हो गया। बता दें कि इस प्रक्रिया को सीएमई कहा जाता है। इसे किसी तारे या सूर्य से निकलने वाली प्लाज्मा की सुनामी कहा जा सकता है। यह प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र का विशाल विस्फोट होता है, जो अंतरिक्ष में अरबों टन ऊर्जा फेंकता है।
तारकीय तूफान के दौरान कई प्रकियाएं
अंतरिक्ष में होने वाले कोरोनल या तारकीय तूफान के दौरान कई प्रकियाएं होती हैं। इसमें सुपरहॉट गैस और मैग्नेटिक फील्ड एकसाथ फटते हैं। यह कई लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अंतरिक्ष में फैलता है। यह सैटेलाइट, जीपीएस, पावर ग्रिड और रेडियो सिस्टम को प्रभावित कर सकता है। दूसरे तारों पर होने पर यह पास के ग्रहों की हवा और वातावरण छीन सकता है। यह एलियन स्टार सीएमई हमारे सूरज की तुलना में कम से कम 10,000 गुना ज्यादा शक्तिशाली था। इसमें से निकली ऊर्जा ने 5.4 मिलियन मील प्रति घंटे की गति से अंतरिक्ष को झकझोर दिया। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर कोई ग्रह उसके पास होता, तो उसका वातावरण तुरंत उड़ जाता और जीवन असंभव हो जाता। यह खोज सिर्फ एक वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं, बल्कि एक चेतावनी भी है। यह शोध बता रहा है कि ब्रह्मांड जितना खूबसूरत है, उतना ही क्रूर भी है। किसी और तारे पर उठा यह तूफान हमें याद दिलाता है कि हमारी पृथ्वी का वायुमंडल और जीवन कितने नाजुक संतुलन से चल रहा है।




