जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। आखिरकार भारतीय सेना को अमेरिका से खरीदे गए अपाचे एएच-64 ई हेलीकॉप्टर मिल गए। इन्हें फ्लाइंग तोप भी कहा जाता है। इनकी कीमत 860 करोड़ रुपये प्रति यूनिट है। यह हेलीकाप्टर बेहद खतरनाक माना जाता है। हवा में इसकी ताकत देख चीन और पाकिस्तान तो कोमा में चले जाएंगे।
तेजी से हो रहा आधुनिकीकरण का काम
देश की सेना के आधुनिकीकरण का काम बुलेट ट्रेन की रफ्तार से चल रहा है। आपरेशन सिंदूर के बाद तो इस दिशा में तेजी देखी जा रही है। इतनी तेजी इतिहास में कभी देखी गई। अब हर रोज कोई न कोई बड़ी डील को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अब भारतीय सेना को आसमान में उड़ने वाली तोप मिल चकी है। आसमान में उड़ने वाली तोप कुछ और नहीं बल्कि अमेरिका से खरीदे गए अपाचे एएच-64ई हैं। इनकी डिलिवरी शुरू हो गई है। गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर तीन अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर की पहली खेप उतारी गई है। ये अटैक हेलीकॉप्टर सेना के एविएशन विंग का हिस्सा होंगे।
हेलिकाप्टर हासिल करना ऐतिहासिक उपलब्धि
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार थल सेना के लिए ये हेलिकाप्टर हासिल करना ऐतिहासिक उपलब्धि है। बता दें कि सेना को ऐसे कुल छह हेलीकॉप्टर मिलने वाल हैं। माना जाना है कि अमेरिका से शेष तीन हेलीकॉप्टर्स की डिलीवरी इस साल के अंत तक हो जाएगी। दुनिया के सबसे उन्नत अटैक हेलीकॉप्टर में शुमार अपाचे को फ्लाइंग तोप भी कहा जाता है। अपाचे में 30 एमएम चेन गन, रॉकेट पॉड्स, लेजर और रडार-निर्देशित हेलफायर मिसाइलें लगी हैं। ये हेलीकॉप्टर एक साथ कई लक्ष्यों को भेद सकते हैं। साथ ही पहाड़ी व जटिल इलाकों में उड़ान भरने में सक्षम है। ये सीमा पार जबरदस्त हमला करने की क्षमता रखते हैं। ये अटैक हेलीकॉप्टर पहाड़ी युद्ध क्षेत्रों में बने दुश्मन के बंकर और आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने में भी सक्षम हैं। यही कारण है कि भारतीय थल सेना को अटैक अपाचे हेलीकॉप्टर मिलने से सेना की शक्ति में तो जबरदस्त इजाफा होने वाला है। इसके साथ ही सेना के रिस्पांस टाइम में भी तेजी आएगी।
युद्धक अभियानों में तेज, सटीक हमला
सेना का कहना है कि इन अपाचे हेलीकॉप्टरों की तैनाती से थल सेना को युद्धक अभियानों में तेज, सटीक और शक्तिशाली हवाई समर्थन मिलेगा। भारतीय सेना ने इसे एक मील का पत्थर करार दिया है। बता दें कि अपाचे हेलीकॉप्टर की गिनती एडवांस कॉम्बेट हेलीकॉप्टरों में होती है। सेना अपने इन अटैक हेलीकॉप्टर्स को पाकिस्तानी सीमा के करीब जोधपुर में तैनात कर सकती है। इस हेलीकॉप्टर की डिलीवरी जून में होने वाली थी। इन हेलीकॉप्टर्स में लॉन्गबो रडार है जो कि एक उन्नत रडार प्रणाली है। यह एक साथ 128 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकती है और उनमें से 16 को सेकंड में निशाना बना सकती है। इसमें लगी हेलफायर मिसाइलें हवा से सतह पर मार करती हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इसकी स्वचालित तोप उच्च दर की फायरिंग करती है। बता दें कि इससे पहले, भारतीय वायु सेना ने अमेरिकी सरकार और बोइंग के साथ एक समझौते के तहत 22 अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदे थे। अमेरिका ने जुलाई 2020 तक भारतीय वायुसेना को सभी 22 अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति पूरी कर दी थी। जब अपने पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत आए तो छह अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदने के सौदे पर हस्ताक्षर हुए थे।