नई दिल्ली। नासा के वैज्ञानिकों ने धरती की ओर तेजी से बढ़ते खतरे को लेकर चेतावनी जारी की है। अंतरिक्ष से एक हवाई जहाज जितना बड़ा एस्टेरॉयड तेजी से धरती की ओर आ रहा है। अगर यह एस्टेरॉयड पृथ्वी से टकरा गया तो जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है। वैज्ञानिक इस पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ‘2025 ओडब्ल्यू’ नाम के एक क्षुद्रग्रह यानी एस्टेरॉयड का पता लगाया है। जो 75 हजार किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से धरती की तरफ बढ़ रहा है। इसकी चौड़ाई लगभग 210 फीट है और यह 46 हजार 908 मील प्रति घंटे की तेज रफ्तार से घूम रहा है। वैज्ञानिकों ने इसके 28 जुलाई को धरती के सबसे नजदीक से गुजरने की संभावना जताई है। यह धरती से 3 लाख 93 हजार मील की दूरी से गुजरेगा। यह दूरी अंतरिक्ष के हिसाब से बहुत कम है।
‘2025 ओडब्ल्यू’ ने कोई खतरा नहीं
वैज्ञानिकों ने एस्टेरॉयड की रफ्तार को नॉर्मल बताया है। इसे लेकर कोई ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के वैज्ञानिक इयान जे. ओ नील के अनुसार, अगर कोई खतरा होगा तो इसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया जाएगा। वहीं, नासा के सेंटर फॉर नियर-अर्थ आॅब्जेक्ट स्टडीज के वैज्ञानिक डेविड फरनोचिया के मुताबिक, धरती के पास से अंतरिक्ष की चट्टानों का गुजरना आम बात है। हालांकि, ‘2025 ओडब्ल्यू’ काफी बड़ा है। हमें इसकी कक्षा की जानकारी हो गई, इससे धरती को कोई खतरा नहीं है।
धरती के बेहद करीब आएगा अपोफिस
वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर इस एस्टेरॉयड को कोई नंगी आंखों से देखना चाहे तो यह संभव नहीं है। इतना ही नहीं, इसे नॉर्मल दूरबीन से भी नहीं देखा जा सकेगा। वैज्ञानिकों ने 2029 में होने वाली एक और रोमांचक घटना का जिक्र किया है। उनका कहना है कि 2029 में अपोफिस नाम का एक एस्टेरॉयड धरती के बेहद करीब आएगा। उन्होंने अपोफिस के धरती से 38 हजार किलोमीटर अंदर आने की संभावना जताई है। जिसको लेकर वैज्ञानिक अभी से रोमांचित हैं।
नासा रख रही घटनाओं पर नजर
नासा के अनुसार, अंतरिक्ष में हर क्षण अनगिनत खगोलीय घटनाएं होती रहती हैं। इन्हीं घटनाओं में से एक एस्टेरॉयड का पृथ्वी की ओर बढ़ना है। ये एस्टेरॉयड मुख्यत: चट्टानों और धातुओं से बने होते हैं और अंतरिक्ष में घूमते रहते हैं। इन्हीं में से कभी-कभी कोई धरती की कक्षा के पास आ जाते हैं। यदि कोई बड़ा एस्टेरॉयड पृथ्वी से टकरा जाए, तो यह भयंकर तबाही मचा सकता है। नासा के वैज्ञानिकों की टीम अंतरिक्ष होने वाली इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखती है। जिससे कोई बड़ी खगोलीय घटना हो तो दुनिया को समय रहते सतर्ककिया जा सके।