निवेश का बड़ा हब बनता नोएडा

जनप्रवाद संवाददाता, नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में कई बड़ी योजनाओं की शुरुआत होने जा रही है। योगी सरकार की मंशा के अनुरूप यीडा के सीईओ अरुणवीर सिंह के प्रयासों से इन योजनाओं को पंख लगने वाले हैं। इससे न केवल यूपी का विकास होगा बल्कि यहां रोजगार के हजारों अवसर प्राप्त होंगे। इन योजनों में सबसे प्रमुख सेमीकंडक्टर योजना है। साथ ही फिल्म सिटी से सिनेमा उद्योग के रूप में यूपी को पहचान मिलेगी। इसके अलावा धर्म प्रकृति क्षेत्र से भी विकास को नया आयाम मिलेगा। रोजगार परक योजनाओं पर पढ़िए हमारे संवाददाता कैलाश चंद की खास रिपोर्ट।
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1100 एकड़ में सेमीकंडक्टर 


केंद्रीय कैबिनेट ने यूपी के जेवर में भारत की छठी सेमीकंडक्टर यूनिट को मंजूरी दे दी है। भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत अब तक 5 सेमीकंडक्टर इकाइयों को मंजूरी दी गई है और वहां तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। एक इकाई में इसी साल उत्पादन शुरू हो जाएगा। यह एचसीएल फॉक्सकॉन का संयुक्त उपक्रम है। जेवर में 2027 से कमर्शल प्रोडक्शन शुरू हो जाएगी और हर महीने 3.6 करोड़ चिप बनाई जा सकेंगी। यह यूपी का पहला सेमीकंडक्टर पार्क होगा। इससे प्रदेश में चिप बनाने वाली बड़ी कंपनियां आएंगी और युवाओं को रोजगार मिलेगा।
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ईवी पार्क की भी योजना


यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना प्राधिकरण (यीडा) सेक्टर-6 में 1100 एकड़ जमीन पर सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) पार्क विकसित करने की योजना को अंतिम रूप दे रहा है। इन पार्क में न केवल भविष्य की गाड़ियां बनेंगी और देश में चिप निर्माण का युग शुरू हो सकता है, बल्कि हजारों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।  500 एकड़ में सेमीकंडक्टर पार्क और 600 एकड़ में ईवी पार्क विकसित होगा। सेमीकंडक्टर यूनिट के लिए हीरानंदानी समूह की टार्क सेमीकंडक्टर प्रा.लि. ने सेक्टर-28 में 125 एकड़, भारत सेमी सिस्टम ने 500 एकड़ और पैनासोनिक ने 100 एकड़ जमीन अपनी यूनिट लगाने के लिए मांगी है। इनके प्रस्ताव पर अभी शासन की मुहर नहीं लगी है। परियोजनाओं के पहले चरण में 13,599 करोड़ रुपये के निवेश से इकाइयां स्थापित होंगी, जबकि अगले चरण में निवेश 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचेगा। 
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देश में चिप निर्माण का नया युग 


सेमीकंडक्टर पार्क में 40 हजार नए रोजगार सृजित करने की योजना है। इन परियोजनाओं की स्थापना से यमुना प्राधिकरण न केवल यमुना सिटी को हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाएगा, बल्कि यह भारत के मेक इन इंडिया और सेमीकंडक्टर मिशन को भी मजबूती देगी। सेमीकंडक्टर उद्योग पर देश की निर्भरता अब तक पूरी तरह आयात पर रही है, लेकिन अब यमुना क्षेत्र में इसका उत्पादन शुरू होने से देश में चिप निर्माण का युग प्रारंभ हो सकता है। यमुना सिटी की पहचान पहले ही जेवर एयरपोर्ट, फिल्म सिटी और लॉजिस्टिक्स हब जैसी बड़ी योजनाओं से जुड़ी है। अब सेमीकंडक्टर और ईवी पार्क जुड़ने से यह क्षेत्र न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश के आर्थिक मानचित्र पर एक रणनीतिक केंद्र के रूप में उभरेगा।
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सेमीकंडक्टर के उद्योग से मजबूत होगी अर्थव्यवस्था


सेमीकंडक्टर की बड़ी मांग है। कोविड के दौरान और उसके बाद सेमीकंडक्टर के आयात में कमी देखी गई थी, जिसके बाद देश में ही सेमीकंडक्टर के निर्माण का निर्णय लिया गया। गौतमबुनगर जिले में सेमीकंडक्टर की यूनिट लगने से इलेक्ट्रॉनिक्स यूनिट का निवेश भी बढ़ेगा, जो प्रदेश की एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभाएंगी। बता दें कि वर्तमान में देश में टाटा एलेक्सी लिमिटेड, माइक्रोन टेक्नोलॉजी, सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल, केयंस सेमीकॉन, डिक्सन टेक्नोलाजीस (इंडिया) लिमिटेड जैसी चिप कंपनियां इस उद्योग से जुड़ी हैं। इसके अलावा एसपीईएल सेमीकंडक्टर लिमिटेड, एएसएम टेक्नोलॉजीस लिमिटेड, मोस्चिप टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, एचसीएल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और रतनशा इंटरनेशनल रेक्टिफायर लिमिटेड जैसी कई अन्य कंपनियों के नाम हैं।  देश में चिप उत्पादन के लिए पांच यूनिट स्थापित की जा रही हैं। इनमें से दो टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, एक माइक्रोन टेक्नोलॉजी व एक सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल व एक केयंस की शामिल हैं। चारों कंपनियां करीब 150 लाख करोड़ का निवेश करेंगी।

भविष्य की गाड़ियां बनेंगी


यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने हमारे संवाददाता कैलाश चंद से बातचीत में बताया कि ईवी पार्क इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण, बैटरी यूनिट, चार्जिंग स्टेशन निर्माण व अन्य सपोर्ट इंडस्ट्री को बढ़ावा देगा। इससे क्षेत्र में भारी निवेश आएगा। इससे जुड़ी सपोर्ट इंडस्ट्री को भी बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी प्राप्त होगा। कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कंपनियों ने प्राधिकरण से जमीन की मांग की है। यह परियोजनाएं आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र की पहचान पूरी तरह बदल देंगी।