नोएडा में इंटर सिटी ई-बस सर्विस जल्द, महंगे किराए से मिलेगा छुटकारा

नोएडा: दिल्ली-एनसीआर में नौकरी-पेशा और सफर करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अभी लोगों को अपने गंतव्य तक आने-जाने के लिए आटो या कैब का सहारा लेना पड़ता है, जिसमें उन्हें कई बार ज्यादा किराया चुकाना पड़ता है। लेकिन, अब इससे छुटकारा दिलाने के लिए नोएडा प्राधिकरण बड़ा कदम उठा रहा है। यात्रियों को भारी-भरकम किराये से मुक्ति  दिलाने के लिए नोएडा प्राधिकरण अब शहर में सिटी बस सर्विस शुरू करने की तैयारी में है।  ये बसें केंद्र सरकार की प्रमुख योजना पीएम ई-बस सेवा के तहत चलाई जाएंगी। पहले चरण में 100 इलेक्ट्रिक बसों का 13 मार्गों पर संचालन किया जाएगा। जो नोएडा को दिल्ली, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा से जोड़ेंगी। बता दें कि अभी नोएडा में कोई इंटरसिटी बस सर्विस नहीं है। जिसकी वजह से यात्रियों को आटो, कैब और ई-रिक्शा पर निर्भर रहना पड़ता है। जिसमें कई बार यात्रियों को मनमाना किराया चुकाना पड़ता है। बता दें कि उत्तर प्रदेश शहरी परिवहन निदेशालय के अधिकारियों ने नोएडा में ई-बसें चलाने के लिए एक प्रजेंटेशन दिया है, जो केंद्र की योजना लागू करने के लिए नोडल एजेंसी है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो प्रजेंटेशन के बाद नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने अधिकारियों को प्रस्ताव का अध्ययन करने, बस डिपो, स्टॉप और ई-चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए मसौदा तैयार करने का निर्देश दिया। योजना तैयार होने के बाद इसे आवास और शहरी कार्य मंत्रालय को भेजा जाएगा। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा चयनित एजेंसी बसों की खरीद, संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी संभालेगी। वहीं, कंन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड को ई-बस संचालन के राष्ट्रव्यापी एकत्रीकरण की देखरेख का कार्य सौंपा गया है। बता दें कि इस योजना में केंद्र सरकार की सहायता 2037 तक प्रदान की जाएगी। सरकार की तरफ से पहले तिमाही का फंड एडवांस में जारी किया जाएगा। जबकि बाद की राशि को तिमाही आधार पर प्रदर्शन रिपोर्ट या उपयोग प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर निर्भर करेगा। केंद्र द्वारा जारी फंड के प्रबंधन के लिए नोएडा प्राधिकरण एक तृतीय पक्षीय एस्क्रो खाता खोलेगा। साथ ही बस डिपो और चार्जिंग स्टेशनों जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेगा। अधिकारियों ने बस सेवा के परिचालन में 60 रुपये प्रति किलोमीटर खर्च आने का अनुमान जताया है। टिकटों से होने वाली आय से 50 प्रतिशत परिचालन लागत कवर होगी। जबकि, केंद्र सरकार 36.7 प्रतिशत का योगदान देगी। शेष बचे 13.3 प्रतिशत का खर्च नोएडा प्राधिकरण द्वारा वहन किया जाएगा।