ऊंट के आंसू की एक बूंद से खत्म होगा 26 सांपों का जहर

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। वैज्ञानिकों के अध्ययन में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। नए शोध के अनुसार ऊंट के आंसू की एक बूंद 26 सांपों के जहर को खत्म कर सकता है। ये रिसर्च सांप के काटने से होने वाली मौतों को बहुत कम कर सकती है। यह अध्ययन मेडिकल क्षेत्र में नई क्रान्ति लाएगा।
ऊंट की वजह से आएगी मेडिकल क्षेत्र में क्रान्ति 


ऊंट को हम आमतौर पर रेगिस्तान का जहाज कहते हैं, जो मुश्किल हालात में इंसान का साथ निभाता है। अब ऊंट सिर्फसफर का साथ ही नहीं बल्कि जिंदगी बचान वाला भी बन सकता  है। ऊंट की वजह से मेडिकल क्षेत्र में क्रान्ति आने वाली है। वैज्ञानिकों की नई रिसर्च कहती है कि ऊंट का आंसू सांप के काटने का रामबाण इलाज हो सकता है।  इसके एक बूंद से घातक और जहरीले सांपों के काटने के बाद भी लोगों की जान बच सकती है। यह रिसर्च बीकानेर स्थित नेशनल रिसर्च सेंटर आन कैमल में किया गया है। अध्ययन में पाया गया है कि ऊंट के आंसुओं में पाए जाने वाले एंटीबॉडी 26 सांपों के जहर को निष्क्रिय कर सकते हैं। ग्रामीण और दुर्गम इलाकों के लिए यह अध्ययन नया रास्ता खोल सकता है।
एनआरसीसी के वैज्ञानिकों ने किया शोध 


एनआरसीसी के वैज्ञानिकों ने शोध के दौरान कई परीक्षण किए। परीक्षणों में पाया गया कि ऊंट का आंसू से खास तरह की एंटीबॉडी बन रही है। पहले इसे सामान्य समझाा गया। जब डॉक्टरों ने जहर के साथ मिलाकर इसका परीक्षण किया तो पाया कि आंसू सांप के जहर को बेअसर करने में सक्षम है। इसके बाद शोधकर्ताओं ने ऊंटों के आंसू से सॉस्केल्ड वाइपर के जहर का इलाज करने में कामयाबी पाई। बता दें कि यह सांपों की विषैली प्रजाति है। इस सांप के काटने के बाद किसी की जान बचना मुश्किल होता है। ऊंट के आंसुओं से निकाला गया एंटीबॉडी इस जहर के घातक प्रभावों को बेअसर करने में कामयाब रहा। 
पहले भी हो रहें अध्ययन


बता दें कि ऊंट के आंसुओं पर पहले से ही अन्य देशों में भी अध्ययन चल रहा था। इसमें लिवरपूल स्कूल आफ ट्रॉपिकल मेडिसीन के स्नैकबाइट रिसर्च सेंटर ने भी कुछ ऐसा ही शोध किया था। जिसमें पाया गया था कि सांप के काटने की दवाई के लिए ऊंट का आंसू कारगर हो सकता है। इसी तरह दुबई की सेंट्रल वेटरनरी रिसर्च लेबोरेटरी के शोध में भी ऊंट के आंसूओं की अद्भुत क्षमताओं पर प्रकाश डाला गया था। इन क्षमताओं की वजह से ऊंट के आंसू की कीमत काफी ज्यादा होती है। नए शोधों के बाद इसकी कीमत अब और ज्यादा बढ़ सकती है।
ऊंट के आंसूओं की ऊंची कीमत 


शोधकर्ताओं का कहना है कि अब ऊंट के आंसू से सांप के जहर की दवा बनाने का काम होगा। इस तरह की दवा भारत समेत उन देशों के लिए बड़ी राहत ला सकती है, जहां हर साल सांप के काटने से हजारों की संख्या में जान जाती है।  एक्सपर्ट का कहना है कि ऊंट के आंसूओं की ऊंची कीमत की वजह इनमें सांप के काटने के इलाज की संभावना के अलावा कई तरह के प्रोटीन भी पाए जाते हैं। यही प्रोटीन ऊंट को रेगिस्तान के मुश्किल वातावरण में संक्रमणों से बचाकर जीवित रहने में मदद करता है। ऊंट के आंसूओं में लाइसोजाइम नाम का एंजाइम भी होता है। यही लाइसोजाइम प्राकृतिक रूप से एंटीबायोटिक माना जाता है।
अक्टूबर 2021 में छपा था शोध


अक्टूबर 2021 में द टेलीग्राफ में इसको लेकर एक शोध छपा था। जिसके अनुसार लिवरपूल स्कूल आॅफ ट्रॉपिकल मेडिसीन के स्नैकबाइट रिसर्च सेंटर में इसको लेकर शोध किया जा रहा है। वहां के प्रोफेसर का भी कहना था कि सांप के काटने जैसी स्वास्थ्य संकट में ये दवाई वरदान साबित हो सकती है। प्रोफेसर ने यह भी कहा कि एक प्रभावी एंटीवेनम 57 फीसद एंटीवेनम यानी कई मापदंडो, सुरक्षा और गुणवत्ता पर प्रभावी नहीं हैं। साउथ अफ्रीका जैसे देश में तो 90 प्रतिशत तक एंटीवेनम अप्रभावी हैं। इसलिए दुनिया को एक कारगर एंटीवेनम की आवश्यकता है। ऐसे में यह शोध दुनियाभर के लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है।