रुद्रास्त्र ड्रोन से कांप उठेंगे दुश्मन

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। देश की सुरक्षा और सैन्य ताकत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में सेना को एक और कामयाबी मिली है। मई महीने में राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में स्वदेश में विकसित अत्याधुनिक वर्टिकल टेक आफ एंड लैंडिंग ड्रोन रुद्रास्त्र का सफल परीक्षण किया गया। यह ड्रोन सीमा पार दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने में सक्षम है। साथ ही 170 किलोमीटर से अधिक दूरी पर मौजूद दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त कर सकता है।
दुश्मन को उसी की भाषा में जवाब


भारतीय सेना अब दुश्मन को उसी की भाषा में जवाब देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए भारतीय सेना ने पोखरण फायरिंग रेंज में वर्टिकल टेक आफ एंड लैंडिंग ड्रोन रुद्रास्त्र का परीक्षण किया। ड्रोन की ताकत को परखने के लिए हुआ यह परीक्षण सफल रहा। यह स्वदेशी ड्रोन 170 किलोमीटर की रेंज में जाकर दुश्मन के ठिकाने को तबाह करने की ताकत रखता है। इसका इस्तेमाल दुश्मनों और फायरिंग पोजिशन को ध्वस्त करने में किया जा सकेगा। बता दें कि पाकिस्तान से हालिया जंग में भारत ने ड्रोन हमलों से बड़ी सफलता पाई थी। अब भारत ने ड्रोन पावर बढ़ाने की दिशा में एक और कामयाबी हासिल की है। ये ड्रोन दुश्मन के इलाके में घुसकर तोपों को तबाह कर सकते हैं।
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बड़े इलाके को किया तबाह


रुद्रास्त्र ड्रोन को सेना के लिए कई तरह के काम करने के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। परीक्षण के दौरान रुद्रास्त्र ड्रोन ने कुल 170 किलोमीटर की दूरी तय की। इसमें लक्ष्य क्षेत्र के ऊपर मंडराना और लगभग डेढ़ घंटे तक हवा में बने रहना शामिल है। ड्रोन से गिराया गया गोला जमीन के ठीक ऊपर हवा में फटा। यह सतह से बेहद कम ऊंचाई पर फटा और सेना की जरूरत के अनुसार एक बड़े इलाके में तय किए गए लक्ष्यों को नष्ट करने में सफल रहा।

आतंकी कोशिश करेगा नाकाम


भारतीय सेना आधुनिक युद्ध की चुनौतियों से निपटने के लिए स्वदेश में निर्मित हथियारों पर ज्यादा फोकस कर रही है। मानव रहित सिस्टम पर खास ध्यान दिया जा रहा है। आक्रामक हथियारों के मामले में सेना ऐसे स्वदेशी ड्रोन पर ध्यान दे रही है, जो दुश्मन के इलाके में 50 से 100 किलोमीटर तक अंदर जाकर सटीक हमला कर सके। इनका इस्तेमाल आतंकवादी ठिकानों और घुसपैठ की कोशिशों को रोकने के लिए भी किया जाएगा। इसके जरिए दुश्मन की उन पोजीशन को भी टारगेट किया जाएगा जहां से आतंकियों की घुसपैठ करवाने के लिए कवर फायर दी जाती है। बता दें कि स्वदेशी ड्रोन निमार्ताओं को सेना की जरूरत के हिसाब से अपने सिस्टम का प्रदर्शन करने के लिए बुलाया गया था। सेना सटैंड आफ वेपन के तौर पर इन ड्रोनों को इस्तेमाल करना चाहती है। इसका मतलब है कि दूर से ही दुश्मन पर हमला किया जा सकता है। रुद्रास्त्र ड्रोन में सटीक निशाना लगाने वाले हथियार लगे हैं। इनका इस्तेमाल दुश्मन के सैनिकों को मारने के लिए भी किया जा सकता है। ये ड्रोन लाइव वीडियो भी भेज सकते हैं और अपने आप वापस लॉन्चिंग पोजीशन पर लौट कर आ सकते हैं। ड्रोन के सफल परीक्षण के बाद सेना अब बड़ी संख्या में ऐसे ड्रोन खरीदने की योजना बना रही है। इससे सेना की ताकत और बढ़ेगी और दुश्मन पर दूर से ही हमला करना आसान हो जाएगा।