जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के नाम पर संशय के बादल छंट गए हैं। देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। इस खास वीडियो में देखिए फडणवीस के तीसरे बार मुख्यमंत्री बनने से लेकर उनके राजनीतिक सफर की पूरी कहानी। भाजपा के विधायक दल की बैठक में बुधवार को देवेंद्र फडणवीस को दल का नेता चुना गया। विधायक दल की बैठक से पहले कोर कमेटी की बैठक में भी देवेंद्र फडणवीस के नाम पर सहमति बन गई थी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी बतौर केंद्रीय पर्यवेक्षक विधायक दल की बैठक में मौजूद रहे। फडणवीस 5 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद फडणवीस ने सभी विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं का आभार जताया। फडणवीस ने विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जनादेश देने के लिए राज्य की जनता का भी आभार जताया। फडणवीस के लिए तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने की राह आसान नहीं थी। महाराष्ट्र में महायुति की बंपर जीत के बाद भी मामला सीएम पद पर आकर अटक गया था। एकनाथ शिंदे पीछे हटने को तैयार नहीं थे और सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी मौका नहीं गंवाना चाहती थी। ऐसे में मुंबई से लेकर दिल्ली तक बैठकों के कई दौर चले। हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह ने महायुति की बैठक की और बात फाइनल की। इस दौरान एकनाथ शिंदे ने सीएम पद पर दावा किया लेकिन इसे दरकिनार कर दिया गया। तय हुआ कि बीजेपी का ही मुख्यमंत्री बनेगा। सूत्रों के हवाले से पता चला कि एकनाथ शिंदे ने अमित शाह से यहां तक कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बना दें। भले ही 6 महीने के लिए ही सही, लेकिन शाह नहीं माने। आखिरकार शिंदे को झुकना पड़ा और फडववीस के नाम पर मुहर लग गई। देवेंद्र फडणवीस का जन्म 22 जुलाई 1970 को नागपुर में एक मध्यमवर्गीय महाराष्ट्रीयन परिवार में हुआ। देवेंद्र के पिता गंगाधरराव फडणवीस जनसंघ के सदस्य थे। वे नागपुर से महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य भी रहे। उनकी माता सरिता फडणवीस विदर्भ हाउसिंग क्रेडिट सोसाइटी की पूर्व निदेशक थीं। जो अमरावती के प्रतिष्ठित कालोटी परिवार से ताल्लुक रखती थीं। देवेंद्र का नाम इंदिरा गांधी के नाम पर नागपुर के इंदिरा कॉन्वेंट स्कूल में लिखाया गया था। आपातकाल में देवेंद्र के पिता गंगाधरराव जेल गए थे। इसके विरोध में उन्होंने इंदिरा के नाम पर चल रहे स्कूल से अपना नाम कटवा लिया। फडणवीस शुरूआती दिनों में आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन एबीवीपी के सदस्य रहे। 19 साल में भारतीय जनता युवा मोर्चा के वार्ड अध्यक्ष बने। 1992 में नागपुर भाजयुमो इकाई के अध्यक्ष बने। इसी साल उन्होंने पहला नगरपालिका चुनाव जीता। वे नागपुर नगर निगम में सबसे युवा और भारत में दूसरे सबसे युवामहापौर भी बने। 1992 के बाद 1997 में लगातार दूसरी बार नागपुर नगर निगम के महापौर चुने गए। देवेंद्र महाराष्ट्र में महापौर के रूप में दोबारा निर्वाचित होने वाले एकमात्र व्यक्ति भी हैं। 1999 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें संघ के गढ़ कहे जाने वाले नागपुर जिले की नागपुर पश्चिम सीट से पहली बार विधायक बने। 2013 में महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष बने। 2014 के चुनावों भाजपा और शिवसेना ने मिलकर सरकार बनाई। फडणवीस को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गई। वे 44 साल की आयु में मुख्यमंत्री बन गए। वे शरद पवार के बाद दूसरे सबसे युवा मुख्यमंत्री बन गए। 2019 में एक फिर मुख्यमंत्री बने लेकिन शिवसेना के समर्थन वापस लेने के बाद सरकार गिर गई। जब जून 2022 में शिवसेना में बगावत हुई तो शिंदे सरकार वे अचानक उपमुख्यमंत्री बनाए गए। अब विधायक दल की बैठक में देवेंद्र फडणवीस को नेता चुन लिया गया है। 5 दिसंबर को फडणवीस तीसरी बार महाराष्ट्र की सत्ता की कुर्सी संभालेंगे।
महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कैसा रहा सियासी सफर
04-Dec-2024