खतरनाक बंकर मिसाइल बना रहा भारत

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत अब अमेरिका के बी-2 बॉम्बर से भी ज्यादा खतरनाक बंकर मिसाइल बना रहा है। यह मिसाइल पाताल में भी लक्ष्य को भेद डालेगी। यह जमीन के 100 मीटर अंदर घुसकर दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त कर देगी।
अग्नि-5 के 2 नए वर्जन होगा तैयार 
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 के 2 नए वर्जन तैयार कर रहा है। ये 7500 किलोग्राम के बंकर बस्टर वॉरहेड ले जाने सक्षम होगी। साथ ही जमीन में 100 मीटर की गहराई तक जाकर दुश्मनों के न्यूक्लियर सिस्टम, रडार सिस्टम, कंट्रोल सेंटर, हथियार स्टोरेज को तबाह कर सकेगी। यह पहल ऐसे समय पर हो रही है जब अमेरिका ने हाल ही में ईरान के फोर्दो परमाणु संयंत्र पर 22 जून को दुनिया के सबसे खतरनाक बमों का इस्तेमाल किया था। बता दें कि इस हवाई हमले में ईरान के प्रमुख परमाणु संयंत्र को काफी नुकसान पहुंचा था। ईरान ने फोर्डो परमाणु संयंत्र को पहाड़ों के बीच जमीन के 100 मीटर नीचे बनाया था। जिसे सामान्य विस्फोट से नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता  था। ऐसे में अमेरिका ने इस परमाणु संयंत्र पर बंकर-बस्टर बम गिराने का फैसला किया। ये बम पहले 100 मीटर तक  छेद करके जमीन के अंदर घुसते हैं उसके बाद बड़ा विस्फोट करते हैं। 
एडवांस बंकर-बस्टर बम होगा विकसित 


अब भारत ने भी एडवांस बंकर-बस्टर बम विकसित करने के अपने प्रयासों में तेजी लाई है। इजरायल-यूके्रन और इजरायल-ईरान संघर्षों से सबक लेते हुए भारत भविष्य के युद्धों के लिए तैयारी कर रहा है। इसके लिए वह एक नया और पावरफुल मिसाइल सिस्टम डेवलप कर रहा है। जो जमीन के काफी नीचे बने दुश्मन के परमाणु ठिकानों और अन्य रणनीतिक बुनियादी ढांचे को भेदने में सक्षम होगा। डीआरडीओ अग्नि-5 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का मॉडिफाइड वर्जन तैयार कर रहा है। अग्नि-5 के ओरिजिनल वर्जन का रेंज 5000 किलोमीटर से अधिक है और यह मिसाइल आमतौर पर परमाणु बम से हमला करती है। इसका मॉडिफाइड वर्जन एक पारंपरिक हथियार होगा जो 7500 किलोग्राम के विशाल बंकर-बस्टर वारहेड ले जाने में सक्षम होगा।
दुश्मन के सैन्य और रणनीतिक ठिकानों पर हमला 


यह मिसाइल कंक्रीट की मजबूत परतों के नीचे बने दुश्मन के सैन्य और रणनीतिक ठिकानों पर हमला करने में सक्षम होगी। यह मिसाइल पहले 80 से 100 मीटर तक ड्रिल करके जमीन में नीचे घुसेगी। उसके बाद अमेरिका के बाम्बर की तरह ही जमीनी के भीतर विस्फोट करेगी। इससे दुश्मन के ठिकानों की धज्जियां उड़ जाएंगी। बता दें कि पाकिस्तान और चीन ने अपनी सीमाओं पर मजबूत जमीन के नीचे ठिकाने बनाए हैं। पहाड़ी क्षेत्रों, ऊंचाई वाली इलाकों में ये मिसाइल बड़ा रोल निभाएगी। सीमा के पास दुश्मन के कमांड सेंटर और हथियार गोदामों को भी नष्ट करेगी।
अमेरिका बम वर्षक की तुलना में सस्ता


अग्नि-5 के नए वर्जन अमेरिका बम वर्षक की तुलना की जाए तो यह भारत द्वारा विकसित स्वदेशी संस्करण होगा। एक ओर जहां अमेरिकी बमों को ​गिराने के लिए, महंगे बमवर्षक विमानों की जरूरत पड़ती है। वहीं इसके उलट भारतीय बंकर-बस्टर मिसाइल को लॉन्च करने में बेहद कम खर्च आएगा। यह भारत को ग्लोबल हथियार बाजार में बड़ी मजबूती देगा। अग्नि-5 के दो वर्जन की बात करें तो एक जमीन के ऊपर के टारगेट के लिए बनाया जा रहा है। जबकि दूसरा डीप-पेनिट्रेटिंग मिसाइल होगी। जिसे कठोर भूमिगत ढांचे में घुसने के लिए डिजाइन किया गया है। कॉन्सेप्ट में यह अमेरिकी बमों की तरह होगा, लेकिन यह मिसाइल अधिक पेलोड के साथ हमला करने में सक्षम होगी।  अग्नि-5 का नया वर्जन विश्व स्तर पर सबसे शक्तिशाली पारंपरिक हथियारों में से एक होगा। दोनों नए वर्जन की मारक क्षमता 2500 किलोमीटर होगी। इसकी विध्वंसक क्षमता और सटीकता भारत के सामरिक शस्त्रागार में उपलब्ध एक दुर्जेय हथियार होंगे। ये दोनों हथियार पाकिस्तान और चीन जैसे विरोधी देशों की नींद उड़ा देंगे। इन मिसाइलों की गति मैक 8 से मैक 20 यानी ध्वनि की गति से 8 से 20 गुना अधिक के बीच होने की उम्मीद है। यह गति इन्हें हाइपरसोनिक हथियारों की श्रेणी का दर्जा दिलाएगी।