जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। खगोलीय घटनाओं में दिलचस्पी रखने वालों के लिए यह महीना एक सुनहरा अवसर की तरह है। 12 मई को आसमान में अद्भुत नाजारा देखने को मिलेगा। इस दिन फ्लॉवर मून नजर आएगा। इसी तरह 22 मई को शुक्र, शनि और चंद्रमा मिलकर आसमान में स्माइली फेस बनाएंगे। वहीं 27 मई को न्यू मून नजर आएगा। 12 मई को फ्लावर मून दिखाई देगा। बता दें कि मई में पड़ने वाली पूर्णिमा को फ्लावर मून कहते हैं। फ्लावर मून वसंत के अंत में इसकी मौजूदगी को दिखाता है। इस समय अमेरिका में कई फूल वाले पौधे सर्दियों के बाद फिर खिलना शुरू करते हैं। नासा के अनुसार 12 मई को शाम 7 बजकर 23 मिनट पर चांद अपनी अधिकतम रोशनी पर पहुंच जाएगा। हालांकि चंद्रमा को देखने का सबसे अच्छा समय 11 और 12 मई की रात है। नासा के अनुसार वॉशिंगटन डीसी समेत दुनिया के कुछ हिस्सों में पूर्णिमा का चंद्रमा चमकीले तारे एंटारेस के बेहद करीब होगा। यह चांद के पीछे गायब हो जाएगा। बता दें कि फ्लावर मून नाम की उत्पत्ति कनाडा और उत्तरपूर्वी अमेरिका के कुछ हिस्सों में रहने वाले अल्गोंक्विन लोगों के बीच हुई थी। इन लोगों ने मई की पूर्णिमा के लिए कई रचनात्मक नाम गढ़े। ये नाम मौसम के आने और वसंत के दौरान विकसित होने वाले नए जीवन का प्रतीक माने जाते हैं। नासा के अनुसार इसका पुराना अंग्रेजी नाम मिल्क मून है। आठवीं शताब्दी के भिक्षु सेंट बेडे द वेनेरेबल ने मई महीने को दूध देने वाली गाय के समान माना था। मध्ययुगीन युग में लोगों का मानना था कि वसंत में गायों से हर रोज तीन बार दूध दुहा जा सकता है। मई की पूर्णिमा के अन्य नामों में मेंढक चंद्रमा भी है। यह नाम कनाडा के उत्तरी मैदान के लोग ने दिया था। इस बार 27 मई को न्यू मून नामक आकाशीय घटना होने वाली है। न्यू मून चंद्रमा का वह चरण है जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में एकसीध में चांद मौजूद होता है। इस दाैरान पृथ्वी को चांद का वह हिस्सा दिखाई देता है जहां सूर्य की रोशनी नहीं पहुंचती है। दूसरी ओर 22 मई को शुक्र, शनि और चंद्रमा मिलकर आसमान में स्माइली फेस बनाएंगे। यह सुबह सूरज निकलने से ठीक पहले दिखाई देगा। इसे त्रिग्रहीय संयोजन भी कहा जाता है। यह आमतौर पर आसानी से देखने को नहीं मिलता है। बता दें कि जब आकाश में तीन खगोलीय पिंड बहुत पास दिखाई देते हैं, तो उसे ट्रिपल कंजेक्शन या त्रिग्रहीय संयोजन कहते हैं। 22 मई को आकाश में कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिलेगा। इस दिन आकाश में तीन खगोलीय पिंड शुक्र, शनि और एक पतला चंद्रमा एक साथ दिखाई देंगे। यह एक तरह का दृष्टि भ्रम होता है। असलियत में खगोलिय पिंड अंतरिक्ष में इतने पास नहीं होते हैं। पृथ्वी से देखने पर ऐसा लगता है कि ये तीनों एक त्रिकोण के रूप में पास आ गए हैं। ये तीनों मिलकर एक मुस्कुराता चेहरा जैसा आकार बनाएंगे। यह दृश्य काफी कम समय के लिए ही दिखाई देगा। सुबह 5:30 बजे सूरज निकलने के बाद अदृश्य हो जाएगा।
खगोलीय घटनाओं के लिए अच्छा है मई का महीना
08-May-2025