जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। आतंकवाद पर पाकिस्तान का चेहरा दुनिया के सामने आ चुका है। दुनियाभर के देशों ने उसकी काली करतूतें देखीं। यह सब मोदी सरकार के मेगा प्लान से संभव हुआ। आतंकवाद से निपटने के भारत के संकल्प को लोगों तक पहुंचाने और पाकिस्तान के नापाक चेहरे को उजागर करने के लिए दुनियाभर में भारत ने सात प्रतिनिधिमंडल भेजे। जिसमें दुनिया को भारत ने बता दिया की उसकी आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति कायम है। वह इस मुद्दे पर कभी नहीं झुकेगा।
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पाक की इंटरनेशनल बेइज्जती
युद्ध के मैदान में पाकिस्तान को धूल चटाने के बाद भारत ने आतंकियों के आका की इंटरनेशनल लेवल पर बेइज्जती की है। इसके लिए मोदी सरकार ने बकायदा 7 टीम बनाई। प्रतिनिधिमंडलों में 51 राजनीतिक नेता, सांसद और पूर्व मंत्री शामिल किए गए। इस प्रतिनिधिमंडल ने 33 देशों और बेल्जियम के ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ के मुख्यालय में पाकिस्तान के आतंकवाद की पोल खोली।
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जापान पहुंचा पहला प्रतिनिधिमंडल
पहला डेलिगेशन जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा के नेतृत्व में जापान पहुंचा। यहां प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान द्वारा आतंकियों को मिल रहे समर्थन, पनाहगाह और फंडिंग जैसे मुद्दों को उठाया। इसी तरह अन्य डेलिगेशन ने भी अपने-अपने गंतव्यों पर जाकर विभिन्न मंचों पर पाकिस्तान के आतंकवाद से संबंधों को उजागर किया। सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत का यह अभियान राजनयिक स्तर पर दुनिया को यह समझाने की कोशिश है कि पाकिस्तान कैसे आतंकवाद को एक नीति के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है और इसका असर पूरे विश्व पर पड़ रहा है। इस डिप्लोमैटिक पहल को भारत की वैश्विक जनजागरूकता मुहिम के रूप में देखा जा रहा है। जो आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। तोक्यो में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने जापान की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्यों से मुलाकात की। साथ ही उन्हें आतंकवाद के खिलाफ भारत के एकीकृत एवं दृढ़ रुख की जानकारी दी। जापानी विदेश मंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में जापान के समर्थन को दोहराया था और भारतीय पक्ष द्वारा बरते गए संयम की सराहना की थी।
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भारत की एकजुटता का संदेश
विदेश गए प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों ने दुनिया भर के देशों को बता दिया कि आतंकवाद के मुद्दे पर सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष एकजुट है। भारत के बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों ने रूस, जापान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कर उन्हें आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख से अवगत कराया। साथ ही आॅपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद से लड़ाई और कट्टरपंथ से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान किया। तीन यूरोपीय देशों की यात्रा पर गए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि टीम इंडिया आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मजबूत और एकीकृत है। बता दें कि भारत प्रतिनिधिमंडल ने 33 देशों की राजधानियों में प्रेस कान्फ्रेंस भी की। द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सांसद कनिमोई के नेृतृत्व में एक बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने मॉस्को में रूस के उप विदेश मंत्री आंद्रे रुदेंको से मुलाकात की। वहीं, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) सांसद संजय झा के नेतृत्व वाले बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने तोक्यो स्थित भारतीय दूतावास में एक केंद्रित और जीवंत प्रेस वार्ता आयोजित की। दूतावास ने एक्स पर भारत के दृढ़ एवं एकीकृत रुख, आतंकवाद के खिलाफ कतई बर्दाश्त न करने की नीति और राष्ट्रीय हित से जुड़े सभी मामलों में सभी दलों के एकजुट रहने के संकल्प के बारे में जानकारी दी।
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मुस्लिम देशों को भी संदेश
अबु धाबी में शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व वाले संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने यूएई के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की। इस दल ने आतंकवाद एवं कट्टरपंथ से निपटने में भारत-यूएई सहयोग को आगे बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान किया। अबु धाबी स्थित भारतीय दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने यूएई में सद्भाव, सहिष्णुता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का मजबूत संदेश भेजा, जो भारत और यूएई के साझा मूल्यों में शामिल है। पोस्ट के मुताबिक, प्रतिनिधिमंडल ने शेख जायद ग्रैंड मस्जिद का दौरा किया, बीएपीएस हिंदू मंदिर में दर्शन किए और गुरु नानक दरबार गुरुद्वारा में मत्था टेका। इसमें कहा गया है कि बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल ने अनवर गरगाश डिप्लोमैटिक अकादमी के महानिदेशक निकोले म्लादेनोव से मुलाकात की और आतंकवाद एवं कट्टरपंथ के खिलाफ लड़ाई में भारत-यूएई सहयोग को आगे बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान किया। मॉस्को में भारतीय सांसदों ने रूसी फेडरेशन एसेंबली (संसद) के सर्वदलीय सदस्यों के साथ एक बैठक में विचारों का विस्तृत आदान-प्रदान किया, जिसका नेतृत्व ड्यूमा (रूसी संसद का निचला सदन) के अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के अध्यक्ष और लिबरल-डेमोक्रेटिक पार्टी के लियोनिद स्लटस्की ने किया। रूस स्थित भारतीय दूतावास की ओर से जारी एक पोस्ट में कहा गया कि प्रतिनिधिमंडल ने अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के प्रथम उपाध्यक्ष आंद्रेई डेनिसोव और रूसी संघ की फेडरेशन काउंसिल के अन्य सीनेटर से भी मुलाकात की। पोस्ट में कहा गया है कि रूसी पक्ष ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि रूस सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद के उन्मूलन के लिए भारत के साथ एकजुटता से खड़ा है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में रूस और भारत की स्थिति साझा है। रूस और भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक साथ हैं।
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मदद के लिए एक पूर्व राजनयिक भी रहे साथ
प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में छह से आठ राजनेता थे। उनकी मदद के लिए एक पूर्व राजनयिक भी साथ रहे। 51 राजनेताओं में से 31 सत्तारूढ़ एनडीए का हिस्सा हैं, जबकि शेष 20 गैर-एनडीए दलों से थे। सभी सात प्रतिनिधिमंडलों में कम से कम एक मुस्लिम प्रतिनिधि है, जो या तो राजनेता या राजनयिक थे। इसका तात्पर्य है एक मिशन। एक संदेश। एक भारत।
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प्रतिनिधिमंडल और नेतृत्वकर्ता
जय बैजयंत पांडा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में निशिकांत दुबे, फंगनन कोन्याक, रेखा शर्मा (सभी भाजपा), असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम), सतनाम संधू (मनोनीत), पूर्व मंत्री गुलाम नबी आजाद और पूर्व विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला शामिल रहे। इस प्रतिनिधिमंडल ने सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया में पाकिस्तान में पल बढ़ रहे आतंकवादियों और उसके पनाहगार की सच्चाई उजागर की।
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रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में दग्गुबत्ती पुरंदेश्वरी (भाजपा), प्रियंका चतुवेर्दी (एसएस-यूबीटी), गुलाम नबी खटाना (मनोनीत), अमर सिंह (कांग्रेस), समिक भट्टाचार्य (भाजपा), पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर और पूर्व राजनयिक पंकज सरन शामिल रहे। इस प्रतिनिधिमंडल ने यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय संघ, इटली और डेनमार्क में आतंकवाद के घिनौने चेहरे को दुनिया के समाने उजागर किया।
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जद (यू) नेता और राज्यसभा सांसद संजय झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में अपराजिता सारंगी (भाजपा), अभिषेक बनर्जी (तृणमूल), बृज लाल (भाजपा), जॉन ब्रिटास (सीपीआई-एम), प्रदान बरुआ (भाजपा), हेमांग जोशी (भाजपा), पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद और पूर्व राजनयिक मोहन कुमार शामिल रहे। इस प्रतिनिधिमंडल ने इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर में पाकिस्तान की पोल खोली। बता दें कि इस प्रतिनधिमंडल में युसुफ पठान का नाम था। उन्होंने जाने से इनकार कर दिया। उनकी जगह संसदीय प्रतिनिधिमंडल में अभिषेक बनर्जी का नाम शामिल किया गया।
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तीन बार के शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में बांसुरी स्वराज (भाजपा), ई.टी मोहम्मद बशीर (आईयूएमएल), अतुल गर्ग (भाजपा), सस्मित पात्रा (बीजेडी), मनन कुमार मिश्रा (भाजपा), पूर्व मंत्री एसएस अहलूवालिया और पूर्व राजनयिक सुजान चिनॉय शामिल रहे। इस प्रतिनिधिमंडल ने यूएई, लाइबेरिया, कांगो और सिएरा लियोन में पाकिस्तान के नापाक चेहरे को उजागर किया।
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कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में शांभवी चौधरी (एलजेपी-आरवी), सरफराज अहमद (जेएमएम), जीएम हरीश बालयोगी (टीडीपी), शशांक मणि त्रिपाठी (बीजेपी), भुवनेश्वर कलिता (बीजेपी), मिलिंद देवड़ा (शिवसेना), तेजस्वी सूर्या (बीजेपी) और पूर्व राजनयिक तरनजीत संधू शामिल रहे। इस प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका, पनामा, गुयाना, कोलंबिया और ब्राजील को पाकिस्तान की काली करतूतों के बारे में जानकारी दी।
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डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में राजीव राय (सपा), मियां अल्ताफ अहमद (एनसी), बृजेश चौटा (भाजपा), प्रेम चंद गुप्ता (राजद), अशोक कुमार मित्तल (आप) और पूर्व राजनयिक मंजीव पुरी और जावेद अशरफ शामिल रहे। इसने स्पेन, ग्रीस, स्लोवेनिया, लातविया और रूस में पाकिस्तान का काला चेहरा उजागर किया।
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एनसीपी-एसपी की सुप्रिया सुले के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में राजीव प्रताप रूडी (भाजपा), विक्रमजीत साहनी (आप), मनीष तिवारी (कांग्रेस), अनुराग ठाकुर (भाजपा), लावु श्रीकृष्ण देवरायलू (टीडीपी), पूर्व मंत्री मुरलीधरन और आनंद शर्मा और पूर्व राजनयिक सैयद अकबरुद्दीन शामिल रहे। इस प्रतिनिधिमंडल ने मिस्र, कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका में पाकिस्तान की पोल खोली।