जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत बंद को लेकर पटना में प्रदर्शनकारी उग्र हो गए। यहां प्रदर्शकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। साथ ही पुलिस ने वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। दूसरी ओर बिहार, ओडिशा समेत कई जगहों पर ट्रेनें रोक दी गई है। प्रदर्शनकरियों ने रेलवे ट्रैक पर कब्जा जमा लिया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति व जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर दिए गए फैसले के खिलाफ आज कई संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया। बंद का बसपा और आरजेडी जैसी पार्टियों ने समर्थन किया है। नेशनल कन्फेडरेशन आफ दलित एंड आदिवासी आगेर्नाइजेशंस नामक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दलित और आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ बताया है। संगठन ने केंद्र सरकार से इसे रद्द करने की मांग की है। भारत बंद का मुख्य उद्देश्य सरकार पर दबाव डालना है। संगठनों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट कोटे में कोटा वाले फैसले को वापस ले या पुनर्विचार करे। बिहार में भारत बंद का अच्छा-खासा असर देखने को मिल रहा है। यहां बड़ी संख्या में बंद के समर्थक सड़कों पर जुटे हुए है। पटना में प्रदर्शकारियों डाकबंगला चौराहा से आगे बढ़ने की कोशिश कर की। पुलिस ने बैरिकेडिंग कर इन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी। प्रदर्शन उग्र होते देखे पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। साथ वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। वहीं आरा, दरभंगा और मधुबनी में ट्रेन रोक दी गई है। दरभंगा में प्रदर्शनकरियों ने संपर्कक्रांति ट्रेन को रोक दिया और हंगामा किया। महेंद्रू सुल्तानगंज इलाके के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अंबेडकर हॉस्टल के पास प्रदर्शनकारियों ने आगजनी की और अशोक राजपथ को जाम कर दिया। यहां जाम का असर दिखा। झारखंड के रांची में भी भारत बंद का असर देखने को मिला। इससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। बंद के मद्देनजर पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। मध्य प्रदेश में भी बंद का कुछ असर दिखाई पड़ा है। राजस्थान के बारां शहर में बंद का व्यापक असर देखने को मिला। बाजारों में दुकानें बंद हैं। बंद को लेकर प्रशासन ने अलर्ट घोषित किया है। दौरान अस्पताल, मेडिकल, लैब और एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं चालू है। दूध डेयरी, पेट्रोल पंप, बैंक, सभी तरह के सरकारी कार्यालय भी खुले हैं। एहतियात के तौर पर जयपुर सहित कई जिलों में स्कूलों और कॉलेजों की छुट्टी घोषित कर दी गई है। जिससे किसी भी तरह की परेशानी न हो। दूसरी ओर बंद को लेकर एससी एसटी वर्ग में दो अलग अलग धड़े बन गए हैं। एक धड़ा बंद का समर्थन कर रहा है तो दूसरे धड़े ने बंद का बहिष्कार किया है। भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री डा. किरोड़ी लाल मीणा ने भारत बंद को बेतुका बताया है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि वे भारत बंद का समर्थन नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ संपन्न दलित झूठी बात करके आरक्षण खत्म करने का भ्रम फैला रहे हैं। विशेष लोग इस आंदोलन को अपने स्वार्थ के लिए चला रहे हैं। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, पूर्व डिप्टी तेजस्वी यादव और चिराग पासवान ने बंद का समर्थन किया है। बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कोटा के अंदर कोटा से जुड़े मामले में अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 6-1 के बहुमत से फैसला दिया कि राज्यों को आरक्षण के लिए कोटा के भीतर कोटा बनाने का अधिकार है। यानी राज्य सरकारें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणियों के लिए सब कैटेगरी बना सकती हैं। जिससे सबसे जरूरतमंद को आरक्षण में प्राथमिकता मिल सके। राज्य विधानसभाएं इसे लेकर कानून बनाने में समक्ष होंगी। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने 2004 के अपने पुराने फैसले को पलट दिया। कोर्ट ने यह साफ कहा था कि किसी एक जाति को 100 प्रतिशत कोटा नहीं दिया जा सकता है।
भारत बंद को लेकर प्रदर्शनकारी उग्र, पुलिस ने भांजी लाठियां
21-Aug-2024