नई दिल्ली। विलुप्त सभ्यताएं मानव इतिहास के वे अनसुलझे अध्याय हैं जिस पर वैज्ञानिक लंबे समय से शोध कर रहे हैं। अब वैज्ञानिकों ने हिंद महासागर के भीतर हजारों साल पुराने शहर की खोज की है। इस दौरान उन्हें वहां कई ऐसे अवशेष मिले हैं जिससे यह माना जा रहा है कि शहर की सभ्यता हड़प्पा से भी पुरानी हो सकती है।
सिंधु घाटी से भी पुरानी हो सकती सभ्यता
सिंधु घाटी और सुमेरियन को सबसे पुरानी सभ्यता माना जाता है। माया, इंका, मिस्र और मेसोपोटामिया जैसी सभ्यताएं भी अपने समय में अत्यंत समृद्ध, उन्नत और संगठित थीं, लेकिन आज वे केवल खंडहरों, शिलालेखों, किंवदंतियों और इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह गई हैं। शोधकर्ताओं ने नई खोज में दावा किया है कि इन सभी सभ्यताओं से भी पुरानी सभ्यताएं इस धरती पर मौजूद हैं। उन्होंने हिंद महासागर के भीतर एक ऐसी सभ्यता का पता लगाया है जो सिंधु घाटी और सुमेरियन से भी सदियों पुरानी हो सकती हैं।
खंभात की खाड़ी की गहराई में खोज
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पश्चिमी भारत के समुद्री तट पर पानी के नीचे एक रहस्यमयी शहर का पता लगाया है। खंभात की खाड़ी की गहराई में इस शहर की खोज करीब 2 दशक पहले की गई थी। इसके तथ्य को ना कभी पूरी तरह से स्वीकारा गया और ना ही इसे पूरी तरह से नाकारा गया। लेकिन अब एक बार फिर से इस सभ्यता को लेकर चर्चा तेज हो गई है। ऐसा माना जा रहा है कि ये प्राचीन स्थल सभ्यताओं के अध्याय को दोबारा से लिख सकता है।
मूर्तियां और मानव के मिले अवशेष
दरअसल, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने पहली बार साल 2000 में नियमित प्रदूषण सर्वे के दौरान इस स्थल की खोज की थी। जिसमें उन्होंने सोनार तकनीक के माध्यम से समुद्र के भीतरी तल पर ज्योमेट्रिक संरचनाओं का पता लगाया था। ये संरचनाएं एक डूबे शहर के अस्तित्व की ओर इशारा कर रही थीं। ये कथित शहर पानी के 120 फीट नीचे स्थित है। शहर की लंबाई 5 मील और चौड़ाई 2 मील होने का अनुमान है। इस जगह से उन्हें बर्तन, मोती, मूर्तियां और मानव अवशेष जैसी कई महत्वपूर्ण चीजें मिली थीं।
करीब 9,500 साल पुराने हैं अवशेष
शोधकर्ताओं ने जब इन चीजों की कार्बन-डेटिंग की तो पता चला कि ये अवशेष करीब 9,500 साल पुराने हैं। जो बीते हिमयुग के अंत में समुद्र का जलस्तर बढ़ने के कारण डूबी हुई सभ्यता का संकेत देते हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने दावा किया कि समुद्र की नीचे मिली यह सभ्यता काफी उन्नत रही होगी। उनका मानना है कि हड़प्पा सभ्यता समुद्र के भीतर की इसी सभ्यता से उतरी होगी। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने शोधकर्ताओं के इस दावे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने संभावना जताई कि समुद्र में मिले अवशेष प्राचीन नदियों द्वारा ले जाए गए होंगे। इसके अलावा, विशेषज्ञों ने कार्बन डेटिंग की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े किए हैं।