नई दिल्ली। चीन की स्पेस एजेंसी चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने अपने नए अंतरिक्ष मिशन का खुलासा किया है। चीन ने दावा किया है कि वह अगले 11 साल में चंद्रमा पर अपना बेस बना लेगा। चीन के इस मिशन को पूरा करने में उसका दोस्त रूस मदद कर रहा है। चीन ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर इंसानी बेस की घोषणा की है। चीन की अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, मून बेस को दो हिस्सों में बनाया जाएगा। योजना का पहला चरण 2030 और दूसरा 2035 में शुरू किया जाएगा। मिशन के तहत इन पांच वर्षों में पांच सुपर हैवीलिफ्ट रॉकेटों से सारा साजो समान चांद पर पहुंचाया जाएगा। हाल ही में अनहुई में संपन्न हुए इंटरनेशनल डीप स्पेस एक्स्प्लोरेशन कॉन्फ्रेंस में चीन ने इसका खुलासा किया है। चीन के डीप स्पेस एक्सप्लोरेशन प्रोजेक्ट के चीफ डिजाइनर वू यानहुआ के अनुसार, चांद पर बेसिक रोबोटिक मून बेस बनाया जाएगा। यह बेस चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास होगा। इसका पहला चरण 2035 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जबकि, दूसरा सबसे महत्वपूर्ण चरण विस्तारित मॉडल साल 2050 तक बनाकर तैयार किया जाएगा। विस्तारित मॉडल में लूनर स्टेशन नेटवर्क होगा। जो लूनर आर्बिट स्टेशन के सेंट्रल हब की तरह काम करेगा। वू के अनुसार, यह स्टेशन दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद प्राइमरी बेस से संपर्क में रहेगा। इसके अलावा चंद्रमा के अंधेरे वाले हिस्से में नोड लगाया जाएगा। नोड यानी वह मोबाइल ढांचा जो रिसर्च के लिए पृथ्वी से भेजा जाएगा। नोड इस तरह से लगाया जाएगा कि जरूरत पड़ने पर यह तेजी से रोशनी वाले हिस्से में आ जाएंगे। ये लूनर स्टेशन और बेस सभी कुछ सौर ऊर्जा, रेडियोआइसोटोप और न्यूक्लियर जेनरेटर से एनर्जी हासिल करेंगे। इसके बाद हाई स्पीड लूनर सरफेस कम्यूनिकेशन नेटवर्क बनाया जाएगा। चीन का दावा है कि बुनियादी ढांचे में चंद्रमा-पृथ्वी और उच्च गति वाले चंद्र सतह संचार नेटवर्क, हॉपर जैसे चंद्र वाहन, मानव रहित लंबी दूरी के वाहन, दबावयुक्त और बिना दबाव वाले चालक दल वाले रोवर शामिल होंगे। चीन का ये मॉडल सेंट्रल हब की तरह काम करेगा। साथ ही यह दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद प्राइमरी बेस से संपर्क में रहेगा। बता दें कि चीन और रूस मिलकर इस मिशन पर काम कर रहे हैं। इसका शुरूआती रोडमैप तीन साल पहले ही सामने आ चुका है। जब दोनों देशों के एक्सपर्ट की ज्वाइंट टीम ने जून 2021 में बेस का रोडमैप लॉन्च किया था।
चीन ने नए अंतरिक्ष मिशन का किया खुलासा, चंद्रमा पर बनाएगा बेस
18-Sep-2024