चीन के वैज्ञानिकों ने धरती के नीचे की गजब की खोज, मिले जीवन के सबूत

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन के वैज्ञानिकों ने धरती के नीचे गजब की खोज कर दी है। यहां के वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के भीतर जीवन के सबूत खोज निकाले हैं। इससे यह पता चलता है कि लाखों साल पहले पृथ्वी के भीतर लोगों का निवास था।
धरती के नीचे पाताल लोक 

पाताल लोक का नाम सबने सुना होगा लेकिन इसे आज तक किसी ने देखा नहीं है। कहा जाता है कि इस धरती के सबसे नीचे पाताल लोक है। जिसमें सिर्फ पानी ही पानी है। अब पाताल लोक की परिकल्पना सच साबित होने जा रही है। चीन के वैज्ञानिकों ने धरती के नीचे जीवन मौजूद रहने के सबूत खोज निकाले हैं। कनाडा के साथ चीन के वैज्ञानिकों ने भी इस रिसर्च में हिस्सा लिया है। इस अध्ययन में दावा किया गया है कि धरती की गहराई में जहां घनघोर अंधेरा है वहां भी एक जीवन पल रहा है। बता दें कि यह वो स्थान है जहां सूरज की रोशनी आज तक नहीं पहुंची हैं। इस रिसर्च में चौंकाने वाला दावा किया गया है कि धरती के अंदर पनप रहा जीवन भूकंप से ऊर्जा लेता है।
गलत साबित हुई पहले की थ्योरी

बता दें कि अभी तक ये माना जा रहा है था कि धरती से कई किलोमीटर नीचे जीवन संभव नहीं हैं। अब चीन और कनाडा के वैज्ञानिकों द्वारा की गई खोज ने इस थ्योरी को गलत साबित कर दिया है। रिसर्च में ये दावा किया गया है कि धरती के अंदर इतने प्रोकैरियोट्स मौजूद हैं, जिसकी पृथ्वी के सापेक्ष संख्या 95 प्रतिशत तक हो सकती है। बता दें कि प्रोकैरियोट्स एक कोशिकीय जीव होते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये जीवन जमीन की बहुत गहराई में हैं। इसलिए इन तक तीव्र पराबैंगनी विकिरण और क्षुद्रग्रहों के विनाश के प्रभाव जैसी घटनाओं का असर नहीं होता है। यह रिसर्च साइंस एडवांसेज जर्नल में भी प्रकाशित की गई है।
चीनी वैज्ञानिकों ने खोजा सिंकहोल 

बता दें कि इससे पहले चीनी वैज्ञानिकों ने एक सिंकहोल यानी गड्ढा खोजा था। यह 630 फीट गहरा और यह इतना ही बड़ा भी है। वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि इसके अंदर आप एक अलग दुनिया को देख सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार इस गहराई में एक जंगल हुआ करता था। वैज्ञानिकों द्वारा जियोपार्क में भूमिगत रहस्य का पता चला था। इस जगह को चीन में तियानकेंग कहा जाता है। यह लेये फेंगशान यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क क्षेत्र दक्षिण-पश्चिमी चीन के गुआंग्शी जुआंग स्वायत्त क्षेत्र में स्थित है। शोधकर्ताओं के अनुसार ये प्राचीन जंगल पहले से अज्ञात पौधों और जानवरों की प्रजातियों का घर हुआ करता था। चीनी सरकार के अनुसार चीन में ऐसे 30 सिंकहोल पाए गए हैं, जहां से पाताल लोक जाया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार इस सिंक होल के नीचे एक संरक्षित जंगल और इसकी दीवारों में तीन गुफाएं हुआ करती थी, जो समय के साथ नष्ट हो गई। सिंकहोल की लंबाई 306 मीटर, चौड़ाई 150 मीटर और गहराई 192 मीटर है।
160 किलोमीटर नीचे सतह

बता दें कि इससे पहले टेक्सास यूनिवर्सिटी के खोजकर्ताओं ने धरती की सतह से 100 मील यानी करीब 160 किलोमीटर नीचे पृथ्वी की नई परत का पता लगाया है। इसे एस्थेनोस्फीयर कहा जाता है। धरती के इतने नीचे मिली परत पिघली हुई चट्टानों की है। दावा है कि यह चट्टानी इलाका हमारे ग्रह के कम से कम 44 फीसदी हिस्से को कवर करता है। टेक्सास यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक जुनलिन हुआ ने पृथ्वी के नीचे मिली परत के बारे में कहा है कि यह खोज भविष्य में होने वाली रिसर्च में कारगर साबित हो सकती है। पिघलती हुई चट्टानों के बारे में भी इस रिसर्च की मदद से और जानकारी जुटाई जा सकती है। पृथ्वी के भीतर क्या चल रहा है, यह जानने में रिसर्च कारगर साबित हो सकती है।