जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। सीतापुर के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने दो शूटरों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। बाजपेयी हत्याकांड में मारे गए शूटरों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम था। यहां सबसे हैरानी वाली बात यह है इन शूटरों के पास दो-दो आधार कार्ड मिले हैं। जिसमें एक में हिन्दू और दूसरे में मुस्लिम नाम है।
दोनों शूटरों की पहचान
सीतापुर के पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की हत्या में शामिल दो शूटर आज पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो गए। मुठभेड़ में मारे गए शूटरों की पहचान राजू तिवारी उर्फ रिजवान खान के रूप में हुई। वहीं दूसरे शूटर की पहचान संजय तिवारी उर्फ अकील खान के रूप में हुई। दोनों आपस में सगे भाई थे। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार दोनों के पास दो-दो आधार कार्ड भी मिले हैं, जिनमें एक हिंदू नाम से, दूसरा मुस्लिम पहचान के साथ मिला। इस आधार कार्ड के पीछे एक चौंकाने वाली कहानी सामने आई है।
कृष्ण गोपाल तिवारी पिता का नाम
पुलिस जांच में सामने आया कि दोनों भाइयों के पिता कृष्ण गोपाल तिवारी एक हिंदू ब्राह्मण थे। जबकि, उनकी मां नाजिमा एक मुस्लिम महिला हैं। बताया जाता है कि जब कृष्ण गोपाल ने नाजिमा से विवाह किया तो उन्होंने धर्म परिवर्तन कर अपना नाम करीम खान रख लिया था। बेटे जब बड़े हुए तो उन्होंने समाज में दोनों पहचान को साधने का अलग तरीका निकाला। एक हिंदू नाम और दूसरा मुस्लिम नाम रखा। राजू तिवारी ने रिजवान खान और संजय तिवारी ने अकील खान नाम अपनाया। यही नहीं, दोनों के पास इन नामों से आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्र भी बने हुए थे। यानी जरूरत के हिसाब से दोनों नाम और पहचान बदलकर अपने मंसूबों को अंजाम देते थे।
तेजतर्रार और बेबाक पत्रकार थे वाजपेई
बता दें कि यह घटना 8 मार्च 2025 की है। पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई सीतापुर जिले में तेजतर्रार और बेबाक पत्रकार माने जाते थे। बाइक सवार दो बदमाशों ने दिनदहाड़े गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। ये हमला हेमपुर ओवरब्रिज के पास हुआ था, जब वे कार्यालय जा रहे थे। हमलावरों ने चार गोलियां चलाईं, जिनमें से दो सीधी उनके सीने में लगीं। उन्हें आनन-फानन में जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। हत्या के बाद जिला प्रशासन और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था। खुद मुख्यमंत्री कार्यालय से रिपोर्ट तलब की गई और एसपी चक्रेश मिश्र के निर्देश पर 12 विशेष टीमें जांच में लगाई गईं। इन टीमों ने 34 दिन में 1000 से अधिक मोबाइल नंबर ट्रेस किए। 125 से ज्यादा संदिग्धों से पूछताछ की और 250 सीसीटीवी फुटेज खंगाले।
पत्रकार के हत्या की साजिश
जांच में सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि पत्रकार की हत्या की साजिश कारेदेव बाबा मंदिर के स्वयंभू पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर ने रची थी। बताया गया कि पत्रकार राघवेंद्र, बाबा की कुछ अवैध गतिविधियों को उजागर करने की योजना में थे। इसी बात की खुन्नस में बाबा ने दो शूटरों को सुपारी देकर पत्रकार की हत्या करवा दी। पुलिस ने हत्या की साजिश में शामिल बाबा और उसके दो साथियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन शूटर्स फरार चल रहे थे। आज सुबह सीतापुर पुलिस और नोएडा एसटीएफ की संयुक्त टीम को इन फरार शूटर्स के पिसावा थाना क्षेत्र में होने की सूचना मिली। जैसे ही पुलिस ने इलाके में नाकाबंदी की, दोनों बदमाश बाइक से भागने लगे। पुलिस ने रुकने का इशारा किया, लेकिन बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मुठभेड़ के बाद जिले में पुलिस की सक्रियता की प्रशंसा हो रही है।
वाजपेई की पत्नी का बयान
दूसरी ओर राघवेंद्र वाजपेई की पत्नी रश्मि का कहना है कि अभी भी न्याय नहीं मिला है। उनको पुलिस के एनकाउंटर और हत्या की थ्योरी दोनों पर शुरू से ही भरोसा नहीं है। पुलिस सिर्फ लीपा पोती कर रही है। इस मामले की सीबीआई जांच की जानी चाहिए। हम शुरू से सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।