नई दिल्ली। चीन के वैज्ञानिक आए दिन कुछ न कुछ ऐसा करते रहते हैं जो चर्चा का विषय बना जाता है। नकली सूरज और चांद के प्रोजेक्ट जैसे कई करिश्मे वह पहले ही दिखा चुका है। अब चीन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी गन का परीक्षण किया है जो लगातार 10 हजार फायर करने में सक्षम है। उसकी इस तकनीक से दुनिया हैरान है। चीन ने एक बार फिर सुपर पावर होने का दावा ठोंक दिया है। चीन के वैज्ञानिकों ने हाल ही में नई वैक्यूम तकनीक का उपयोग कर हाई-पावर माइक्रोवेव गन का परीक्षण किया है। परीक्षण के दौरान इस गन से 10 हजार फायर किए। माना जा रहा है कि चीन का यह प्रयोग गाइडेड एनर्जी वेपन टेक्नोलॉजी में एक मील का पत्थर साबित होगा। इस नई वैक्यूम तकनीक के जरिए अगली पीढ़ी की युद्ध प्रणालियों की वैश्विक दौड़ में चीन दूसरे देशों से आगे निकल सकता है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने इस टेस्ट में बिना किसी विफलता के लगातार फायरिंग की और कॉम्पैक्ट हाई-पावर माइक्रोवेव सिस्टम यानी एचपीएम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। वैज्ञानिकों का कहना है कि उनकी यह उपलब्धि चीन के उच्च-स्तरीय विनिर्माण क्षेत्र में नवीनतम वैक्यूम-सीलिंग तकनीकों का लाभ उठाती है, ताकि एचपीएम स्थायित्व और लघुकरण में लंबे समय से चली आ रही बाधाओं को दूर किया जा सके। रिपोर्ट के मुताबिक, नॉर्थ वेस्ट इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी के रक्षा शोधकर्ताओं ने इस तकनीक का निर्माण और परीक्षण किया। वैज्ञानिकों के अनुसार, माइक्रोवेव गन का वजन पारंपरिक एचपीएम हथियारों से काफी कम है और ये 3 गीगावाट-पल्स्ड करंट द्वारा संचालित होती है। हालांकि, यह गन कितनी सटीकता से हमला कर सकती है इसे गुप्त रखा गया है। लेकिन, ऐसी रिपोर्ट सामने आ रही है कि यह अपने लक्ष्य पर सटीकता से हमला करने में सक्षम है। चीनी वैज्ञानिकों के हाई पावर लेजर और पार्टिकल बीम्स की रिसर्च को हाल ही में प्रकाशित किया गया है। वैज्ञानिकों और रिसर्चर्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि पारंपरिक तोपखाने के बैरल को कुछ हजार राउंड के बाद बदलने की आवश्यकता होती है। लेकिन इस परीक्षण के नतीजे यह बताते हैं कि नई तकनीक के जरिए 10 हजार से अधिक शॉट्स आसानी से फायर किए जा सकते हैं। बता दें कि इससे पहले के एक अध्ययन में 5 हजार शॉट्स फायर करने की रिपोर्ट सामने आई थी।
चीन ने हाई-पावर माइक्रोवेव गन का किया परीक्षण, किए 10 हजार फायर
30-Apr-2025